कैथल में 900 लोगों को 100 करोड़ हड़पे: 25 महीने में दोगुने पैसे का लालच देकर ठगा; कंपनी MD विदेश भागे

कंपनी में रुपए लगाने वाले सैकड़ों लोग शनिवार को एमडी के गांव जसवंती में पहुंचे और धरना दिया।
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: कैथल जिले में एक बड़े वित्तीय घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें लगभग 900 लोगों को करीब 100 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार बनाया गया है। यह घोटाला एक कंपनी, बीटफैक्सो (Bitfx-Co) के द्वारा किया गया, जिसने लोगों को दोगुना रिटर्न का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। रिपोर्टों के अनुसार, इस कंपनी ने निवेशकों को बीते 25 महीनों में दोगुना लाभ देने का वादा किया था, लेकिन अब इसके संचालकों, गुरबाज और सोनू, ने निवेशकों को करोड़ों रुपये लेकर विदेश भागने का कदम उठा लिया है।
गुरबाज और सोनू ने स्थापित की कंपनी
जानकारी के अनुसार, बिट फिक्स कंपनी को करीब तीन साल पहले जसवंती गांव के गुरबाज और सोनू ने स्थापित किया था। अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए कंपनी ने पिहोवा और कुरुक्षेत्र में भी ऑफिस खोले। ये ऑफिस निवेशकों को यह भरोसा दिलाते थे कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें 25 महीनों में 100 प्रतिशत लाभ मिलेगा। शुरुआत में, कंपनी ने कुछ पहले के निवेशकों को मामूली लाभ देकर यह प्रदर्शित किया कि उनका दावा सच है, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा और ज्यादा निवेशक इस योजनाचे हिस्सा बनने लगे।
कई लोग, जिनमें पुलिसकर्मी, डॉक्टर, व्यापारी और ग्रामीण शामिल थे ने अपनी मेहनत की कमाई इस कंपनी में निवेश कर दी। कुछ ने रिटायरमेंट की राशि और कुछ ने जमीन तक बेचकर इस हेरफेर में निवेश किया। लेकिन जैसे ही कंपनी को पर्याप्त राशि मिल गई, इसके मालिक अचानक गायब हो गए और सभी कार्यालय बंद कर दिए गए।
जिंदगी की पूरी कमाई गंवाई
इस गंभीर स्थिति से उत्पन्न हताशा की प्रतिक्रिया स्वरूप, निवेशक शनिवार को कैथल के जसवंती गांव में पहुंचे, जोकि कंपनी के संचालकों का गृह गांव है। यहां उन्होंने प्रदर्शन किया और धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी जिंदगी की पूरी कमाई गंवाने का दावा किया और सरकार तथा पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उनका पैसा वापस दिलाया जाए। प्रदर्शन के वक्त पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वहां जुटे लोगों को बताया कि धरना देने के लिए प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है। सदर थाना पुलिस के सब-इंस्पेक्टर रमेश चंद्र ने कहा कि यह मामला पैसे के लेन-देन से संबंधित है और निवेशकों को कानून का पालन करना होगा।
इंटरपोल और अन्य एजेंसियों की मदद ले पुलिस
ठगी के मुख्य आरोपी गुरबाज और सोनू देश छोड़कर भाग चुके हैं। पुलिस को संदेह है कि वे किसी विदेशी देश में छिपे हुए हैं। इस कारण पुलिस इनकी अंतरराष्ट्रीय ठिकानों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है। निवेशकों ने प्रशासन से यह मांग की है कि वे इंटरपोल और अन्य संबंधित एजेंसियों की मदद से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्त में लाएं।
अचानक कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया
इस मामले में कुछ पीड़ितों के बयान भी सामने आए हैं, जो उनकी स्थिति को उजागर करते हैं। रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी रामेश्वर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी रिटायरमेंट की पूरी राशि इस कंपनी में लगाई थी। शुरुआत में उन्हें अच्छा लाभ मिला, लेकिन फिर अचानक कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने पूरी जिंदगी की कमाई गंवा दी।”
एक अन्य पीड़ित, किसान सुमित कुमार ने बताया कि उसने अपनी जमीन बेचकर इस योजना में निवेश किया था। उसे यकीन दिलाया गया था कि इससे उसे अच्छा लाभ होगा, लेकिन अब उसके पास न तो पैसे बचे हैं और न ही जमीन। उसने सरकार से अपील की कि वे उनकी मदद करें।
वास्तव में यह मामला केवल पैसे की ठगी का नहीं है, बल्कि यह उन परिवारों के सपनों और भविष्य के सुरक्षा की भी हत्या है जिन्होंने अपनी मेहनत और बचत को इस योजना में लगाकर अपना जीवन सुधारने की कोशिश की थी। इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बिना सही जानकारी के ऐसे जोखिम भरे निवेश करना कितना खतरनाक हो सकता है।
लोकलुभावन वादों के प्रति सतर्क रहें
इस घोटाले द्वारा प्रभावित लोगों में से कई ने अब अपने सामूहिक प्रयासों के जरिए आवाज उठाना शुरू कर दिया है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए सजा मिले। सभी पीड़ित लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और पुलिस की ओर से जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाएगी और उनके पैसे वापस लौटाए जाएंगे। यह मामला न केवल एक ठगी का उदाहरण है, बल्कि यह समाज के उन कमजोर तबकों के लिए एक चेतावनी है जो ऐसे योजनाओं के लोकलुभावन वादों के प्रति सहजता से आकर्षित होते हैं।