17th Lok Sabha: कई मायनों में ऐतिहासिक रही, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा- नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर किया कार्य
नई दिल्ली; BNM News: 17th Lok Sabha: 31 जनवरी, 2024 को शुरू हुआ सत्रहवीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र 10 फरवरी को समाप्त हो गया और इसके साथ ही सत्रहवीं लोकसभा भी समाप्त हुई। इस अवसर पर कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्रहवीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही। बिरला ने कहा कि इस सत्रहवीं लोक सभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही। 17वीं लोक सभा में महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
लोकसभा की उत्पादकता पर बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जो 1354 घंटे तक चली। सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर अपना कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस लोकसभा में व्यवधान के कारण कुल 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ। 17वीं लोक सभा की कुल कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है जो पिछली 5 लोकसभाओं में सबसे अधिक है।
222 कानून पारित किये
बिरला ने आगे कहा कि 17वीं लोकसभा ने 222 कानून पारित किये। इस अवधि के दौरान 202 विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 11 विधेयकों को सरकार द्वारा वापस लिया गया। 17वीं लोकसभा के दौरान पारित कुछ ऐतिहासिक कानूनों पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि संसद के नये भवन के अंदर सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया। इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किए।
4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए
उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के दौरान आजादी के पूर्व बनाए गए कई अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और आजादी के पूर्व बनाए गए कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए गए। इस लोकसभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किए गए। बिरला ने जानकारी दी कि 17वीं लोकसभा के दौरान 4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिसमें 1116 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। इसी अवधि में 55889 अतारांकित प्रश्न भी पूछे गए जिनके लिखित उत्तर सदन में दिए गए। इस लोक सभा में दो अवसरों पर सूचीबद्ध सभी प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। इस लोक सभा में 729 गैर-सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किए गए। 17वीं लोक सभा के दौरान संबंधित मंत्रियों ने 26,750 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाए गए
उन्होंने आगे कहा कि इस लोकसभा के दौरान शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाए गए जबकि नियम 377 के अंतर्गत 4869 विषय माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए। दिनांक 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के अंतर्गत एक दिन में कुल 161 विषय उठाए गए और 17वीं लोक सभा के पहले सत्र में शून्य काल में 1066 मामले उठाए गए, जो एक कीर्तिमान है। कार्यपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस लोकसभा में पहली बार शून्य काल में उठाए गए विषयों के उत्तर के लिए संबंधित मंत्रालयों से अनुरोध किया गया और अधिक के उत्तर संवधित मंत्रालय से प्राप्त हुए। बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान मंत्रियों द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए। इस लोक सभा के दौरान नियम 193 के अंतर्गत 12 चर्चाएं की गई। संसदीय समितियों ने इस लोक सभा में कुल 691 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। संसदीय समितियों की 69 प्रतिशत से अधिक सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया।
नवाचारों पर बोलते हुए बिरला ने PRISM, संसद सदस्यों के लिए ब्रीफिंग सत्र, सदस्यों को पुस्तकों की होम डिलीवरी, कार्यवाही का डिजिटलीकरण, मोबाइल App, Whatsapp पर सदस्यों के वीडियो फुटेज की डिलीवरी आदि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में पेपरलेस ऑफिस के विजन को साकार करते हुए संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।
लगभग 875 करोड़ रुपये की हुई बचत
17वीं लोकसभा में मितव्ययिता उपायों पर बोलते हुए बिरला ने बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था। इस लोकसभा में इस कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंग की ब्यबस्था और लोकसभा टीवी और राज्य सभा टीवी के बिलय से करोड़ों रूपए की बचत हुई। इस लोकसभा के दौरान भारत में 16 देशों के संसदीय शिष्टमंडल का आगमन हुआ। साथ ही देश से 42 शिष्टमण्डलों की विदेश यात्रा हुई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती शक्ति एवं प्रतिष्ठा का परिचायक है।
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