छत्तीसगढ़ के कांकेर में 29 नक्सली मारे गए, जवानों को नक्सलियों के विरुद्ध सबसे बड़ी सफलता मिली

रायपुर/कांकेर, बीएनएम न्यूज : छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में जवानों ने कांकेर जिले में 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मंगलवार को बीएसएफ और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली है। जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है, जब तीन दिन बाद पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होना है। बता दें, 14 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी कहा कि गृह मंत्री के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार आपरेशन मोड में है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जा सकती। नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे।

तीन जवान भी घायल

मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है। मुठभेड़ दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े चार बजे तक चली। मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर व 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल हैं। माड क्षेत्र का नक्सली कमांडर राजू भी मारा गया है। मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है। डीआरजी के दो जवान भी घायल हुए हैं। तीनों को हवाई मार्ग से रायपुर भेजा गया है।

बीजापुर में मारे गए थे 13 नक्सली

 

इससे पहले दो अप्रैल को बीजापुर जिले के जंगल में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को हुई कार्रवाई की सफलता पर जवानों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार प्रदेश को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की सुख शांति के लिए नक्सलियों से वार्ता और मुख्यधारा में वापसी के लिए रास्ते अभी भी खुले हैं।

जवानों को मिली बड़ी सफलता

 

बस्तर के आइजी पी सुंदरराज तथा बीएसएफ के डीआइजी आलोक कुमार सिंह ने नक्सल विरोधी अभियान में इसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्होंने बताया कि थाना छोटेबेठिया से लगभग 14-15 किमी दूर डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों से सात एके 47 और तीन एलएमजी हथियार और इंसास रायफल भी बरामद की गई हैं। कांकेर के एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसा के लिए महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नक्सलियों की बैठक की सूचना के आधार पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की गई। नक्सलियों ने जवाबी हमला किया, परंतु उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे की तरफ भागने को मजबूर होना पड़ा। जवानों को इसका लाभ मिला और उन्हें ढेर कर दिया।

10 अप्रैल को हुई थी उच्चस्तरीय बैठक

नौ और 10 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे के दौरान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए रायपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 10 राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ आनलाइन बैठक भी की थी। उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया आपरेशन की रणनीति बनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर की मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

अमित शाह ने दी बधाई, संकल्प भी दोहराया

 

कांकेर में 29 नक्सलियों को ढेर करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बल के जवानों के बधाई दी है। साथ ही घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। एक्स पर पोस्ट में शाह ने लिखा- नक्सलवाद विकास, शांति और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं। सरकार की आफेंसिव नीति और सुरक्षा बलों के प्रयासों के कारण आज नक्सलवाद सिमट कर एक छोटे से क्षेत्र में रह गया है। जल्द ही छत्तीसगढ़ और पूरा देश पूर्णतः नक्सल मुक्त होगा।

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