Kisan Andolan 2.0: कर्ज माफी और एमएसपी पर किसानों और केंद्र सरकार की बातचीत टूटी, दिल्ली कूच करेंगे किसान

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। किसानों के 13 फरवरी को दिल्ली कूच की चेतावनी से पहले सोमवार को चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक टूट गई है। बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान परिसर में हुई। केंद्र की तरफ से बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल हुए। बैठक करीब डेढ़ घंटा देरी से शाम साढ़े छह बजे शुरू हुई और देर रात बैठकों का दौर जारी रहा। 5-6 मागों को लेकर सहमित बन गई है, लेकिन कुछ मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। बैठक में पंजाब में पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धारीवाल मौजूद थे। इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर शामिल हैं। बैठक के बाद किसान नेताओं ने बाहर आकर कहा कि किसानों और मंत्रियों के बीच चल रही बातचीत टूट गई है। किसान कल दिल्ली कूच करने को तैयार हैं। एमएसपी कानून को लेकर बात नहीं बन सकी है। बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।”
कई मामलों पर बनी सहमति
सूत्रों के अनुसार बैठक में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर और अन्य मामले वापस लेने पर सहमति बन गई है। वहीं किसानों के सभी प्रकार के लोन और कर्ज माफी पर पेंच फंसा हुआ है। उधर, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान अन्नदाता है। इस देश के 140 करोड़ लोगों का पेट भरता है। केंद्र सरकार के तीन मंत्री दिल्ली से चंडीगढ़ आए हैं। पहले दौर की बातचीत हो चुकी है और दूसरे दौर की बातचीत भी होने जा रही है। मुझे उम्मीद है इस मुद्दे को जल्द सुलझा लिया जाएगा। हरियाणा के लोगों की सुरक्षा और राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए, हम जो भी आवश्यक होगा वह करेंगे।”
#WATCH चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन… pic.twitter.com/QeBDgj81bI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
केंद्रीय नेताओं का रुख नरम
सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्रीय नेताओं का रुख नरम है और किसान नेताओं की अहम मांगों पर सहमति बनने के संकेत दिए गए हैं। उम्मीद है कि दिल्ली कूच टल सकता है। हालांकि, पंजाब के किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (KMSC) के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि मंगलवार सुबह 200 किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अधूरे रह गए आंदोलन को पूरा करने के लिए वह दिल्ली कूच करेंगे। फिलहाल 9 राज्यों के किसान संगठन संपर्क में हैं पुडुचेरी, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, यूपी , उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब। ये सभी राज्य आंदोलन के लिए तैयार हैं।
पंजाब के सीएम ने करवाई थी पहली बैठक
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के साथ यह दूसरे दौर की बैठक है। इससे पहले एक बैठक 8 फरवरी को हो चुकी है। इस बैठक में कुछ मांगों पर सहमति बनी थी, मगर अन्य मांगों पर सहमति नहीं बनने पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी किसान दिल्ली कूच पर अड़े हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो आंदोलन समाप्त करने के बारे में विचार करेंगे। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच पहली बैठक पंजाब के सीएम भगवंत मान ने करवाई थी।
किसानों की ये प्रमुख मांगें
-स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
-किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी की मांग
-किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग
-पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी
-200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले
-700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग
-किसानों के बिजली बिल को माफ करे
-फसल बीमा सरकार खुद करे
-किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले
-विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए
-लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग
-लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
किसान नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल सस्पेंड
किसान नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल सस्पेंड किए जाने लगे हैं। किसान नेता सुरजीत फूल और रमनदीप मान के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने एलान किया है कि प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी। राज्य के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि चाहे सार्वजनिक हो या निजी, नुकसान के मामले में हरियाणा रिकवरी ऑफ डैमेज टू प्रॉपर्टी ड्यूरिंग डिस्टर्बेंस टू पब्लिक आर्डर एक्ट 2021 के तहत कार्रवाई की जाए।
मार्च को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी
किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं। वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी की गई। इन उपायों से सोमवार सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। पुलिस सीमा बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी उपयोग कर रही है। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 लागू कर दी और यह आदेश एक महीने तक लागू रहेगा।
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