Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़ से फिर मैदान में उतरे निरहुआ, लालगंज से नीलम सोनकर पर भाजपा ने जताया विश्वास

आजमगढ़, BNM News: UP Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की रणनीति अब साफ होने लगी है। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। पहली लिस्ट में यूपी की 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए हैं। बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा के बाद यूपी में चुनावी पारा चढ़ने लगा है. आजमगढ़ में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है लेकिन सपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

आजमगढ़ में बीजेपी ने प्रत्याशी उतारा

 

जनपद में लोकसभा चुनाव के लिए जिले की दो लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर शनिवार शाम को विराम लग गया। पार्टी ने आजमगढ़ और लालगंज लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। बीजेपी ने आजमगढ़ से वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है तो जबकि लालगंज लोकसभा सीट से पूर्व भाजपा सासंद नीलम सोनकर को तमाम अटकलों के बीच टिकट दिया है। टिकट घोषित होने के बाद दिनेश लाल यादव कहा कि मैं अब आजमगढ़ के विकास का अपना वादा पूरा कर पाऊंगा।

बीजेपी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को प्रत्याशी बनाया

 

भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ने 2019 में बीजेपी के साथ अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी। बीजेपी के टिकट पर उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2022 में अखिलेश के लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद हुए उपचुनाव में निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया। जीतने के बाद वह जिले में फिल्म की शूटिंग करने के साथ ही लोगों के बीच कार्यक्रमों में भी शामिल होते रहे। सांसद निरहुआ लोगों के बीच बने रहे और उनकी लोकप्रियता बढ़ी, जिसे देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा। साथ ही पिछले लोकसभा उपचुनाव में निरहुआ ने सपा के परंपरागत वोटों में भी सेंधमारी की थी। जिसे देखते हुए भी पार्टी ने यादव बाहुल्य सीट पर निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है। टिकट घोषणा से पहले आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़े तो वे जहां से चुनाव लड़ेंगे, मैं वहीं से उनके खिलाफ वह चुनाव लड़ूंगा।

2014 में नीलम सोनकर ने जीता था चुनाव

लालगंज सुरक्षित सीट से 2014 में सांसद रही नीलम सोनकर को सपा बसपा गठबंधन के कारण 2019 के चुनाव में बसपा की संगीता आजाद से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें 2009 के आमचुनाव में बसपा के डा. बलिराम से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय रहीं। पार्टी ने उन्हें प्रदेश टीम में शामिल किया, लेकिन जब भी वह जिले में रहती यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शरीक होती रही। वहीं अगर लालगंज का जातीय समीकरण देखें तो सोनकर मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। 2019 के चुनाव में नीलम सोनकर को 2014 के लोकसभा चुनाव से अधिक वोट भी मिले थे लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के कारण उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसे देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर से उन पर भरोसा जताया है। इस सीट के बारे में बात की जाए तो 1962 में इसे संसदीय सीट का दर्जा मिला और तभी से यह अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है।

धर्मेंद्र यादव हो सकते हैं प्रत्याशी-सूत्र

समाजवादी पार्टी ने अभी आजमगढ़ के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक सपा धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बना सकती है। आजमगढ़ में यादव बनाम यादव का फैक्टर लागू हो सकता है। अगर स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ तो किसी लोकल उम्मीदवार को भी उतारा जा सकता है।

 

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