Dhananjay Singh: जौनपुर से धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं? आज हो सकता है फैसला
जौनपुर, बीएनएम न्यूज: जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh)की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)में आज सुनवाई है। जौनपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने धनंजय को 7 साल की सजा सुनाई है। धनंजय सिंह ने इसी सजा के खिलाफ अपील दाखिल की है। अपील में सजा को रद्द किए जाने और फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने वा जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई गई है। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई दोपहर करीब 2 बजे हो सकती है।
अदालत ने अगर फैसला आने तक सजा पर रोक लगा दी तो धनंजय सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ सकेंगे। 7 साल की सजा होने की वजह से धनंजय सिंह अभी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल या ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है।
धनंजय के जेल जाने के बाद श्रीकला की भी चर्चा तेज
जौनपुर सीट पर अपनी दावेदारी को लेकर चर्चा में रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में जेल जाने के बाद उनको लेकर चर्चा हो रही हैं। पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनके लगाए गए पोस्टर-बैनर को लेकर चर्चाओं को बल मिल रहा है। कोई उनको राहत मिलने व बाहर आकर विपक्षी पार्टी से चुनाव लड़ने की बात कह रहा है तो कोई उनकी पत्नी के मैदान में आने को लेकर चर्चा कर रहा है।
वर्तमान बसपा सांसद चुनाव लड़ने की जता चुके हैं अनिच्छा
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बुने जा रहे सियासी ताने-बाने के बीच जौनपुर के सीटिंग बसपा सांसद श्याम सिंह यादव चुनाव लड़ने को लेकर अपनी अनिच्छा जता चुके हैं। हालांकि लगे हाथ यह भी कहा था कि यदि कोई पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाना ही चाहेगी तो वह उस प्रस्ताव पर विचार करेंगे। उनका यह रुख उनके चुनाव लड़ने की संभावना को बरकरार रखा है। पिछले चुनाव में उन्होंने सपा – बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था।
भाजपा ने कृपाशंकर सिंह पर लगाया दांव
पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की जिन सीटों पर भाजपा को हार का झटका लगा था उसमें जौनपुर लोकसभा सीट भी शामिल थी। यही वजह थी कि भाजपा ने इस सीट पर कब्जा करने के लिए काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं प्रत्याशियों की पहली सूची में इस सीट पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह के नाम की घोषणा भी कर दी गई है। सियासी हल्के में भाजपा की इस घोषणा को विपक्ष पर शुरुआती बढ़त लेने का प्रयास भी माना जा रहा है।
इस बार यहां नहीं दिखेगा कांग्रेस का चुनाव चिह्न
इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन में यह सीट सपा के पाले में है। इस सीट पर सर्वाधिक छह बार जीत हासिल करने वाली कांग्रेस का चुनाव निशान इस बार यहां नजर नहीं आएगा। इसकी पुष्टि कांग्रेस जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने किया है।
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