किसानों के विरोध के बावजूद दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजैक्ट पर काम शुरू
नरेन्द्र सहारण चंडीगढ: जिला गुरदासपुर में लम्बे समय से किसान संगठनों द्वारा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के बनाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण इस प्रोजैक्ट पर काम रूका हुआ था। पंरतु अब जिस तरह से भामड़ी के पास नहर पर विशाल पुल इस प्रोजैक्ट अधीन बनाने का काम शुरू हो गया है,उससे लगता है कि इस प्रोजैक्ट पर जिला गुरदासपुर में भी तेज गति से काम शुरू हो जाएगा।
हरचोवाल तथा भामड़ी के किसानों की अधिग्रहीत नहर के पास बन रहा लगभग एक किलोमीटर लम्बा पुल:-
जिस तरह से हरचोवाल के पास भामड़ी नहर पर इस विशाल पुल को बनाने का काम शुरू हो गया है उससे लगता है कि जो देरी किसानों के विरोध के कारण हुई थी उसे कम करने के लिए तेज गति से काम शुरू कर इस परियोजना के 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है। 39 हजार करोड़ रुपये की यह परियोजना तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोड़ेगी। इस एक्सप्रेसवे से लाखों लोगों को फायदा होगा जबकि दिल्ली-कटरा के बीच 58 किलोमीटर की दूरी कम होगी तथा यह रास्ता 6 घंटे में पूरा होगा। जबकि दिल्ली-अमृतसर के बीच की दूरी 4 घंटे में तय होगी। जो पुल भामड़ी नहर पर बनाया जा रहा है उसकी लंबाई एक किलोमीटर होगी तथा पुल चार मार्ग का होगा। जो भामड़ी से विश्राम घर तक बनेगा।
एक्सप्रेसवे पंजाब के इन जिलों से होकर गुजरेगा:-
पटियाला-कैथल-खानौरी हरियाणा में कैथल-पटियाला-खान ओरी सहित पंजाब के संगरूर-रोशनवाला-भवानीगढ़, मलेरकोटला-और नाभा के उत्तर-पश्चिम, लुधियाना-रायकोट-जोधन-लुधियाना रोड, जालंधर-नकोदर-फगवाड़ा, कपूरथला-फिरोजपुर-सुल्तानपुर लोधी-कपूरथला रोड, तरनतारन-गोइंदवाल साहिब-कपूरथला रोड, अमृतसर-अमृतसर बाईपास, अमृतसर-बटाला-गुरदासपुर रोड, गुरदासपुर-अमृतसर और श्री हरगोबिंदपुर-अमृतसर-श्री हरगोबिंदपुर-उरमड़ टांडा-होशियारपुर रोड, पठानकोट-भोआ-सुंदर चक से गुजरेगा।दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए माझे में जमीन का अधिग्रहण किया गया है। किसानों और प्रशासन के बीच जमीन के रेट को लेकर सहमति बनी, जिसके चलते गुरदासपुर और तरनतारन जिले सबसे ज्यादा पिछड़ रहे हैं। आपको बता दें कि गुरदासपुर में सिर्फ 4 प्रतिशतजमीन, तरनतारन में 9 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण कर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया गया है। जबकि जिला गुरदासपुर में लगभग 402 करोड़ रूपये के किसानों को भुगतान के बावजूद किसानों ने अधिग्रहण की गई जमीन का कब्जा हाईवे अथारिटी को नही दिया है।
इस संबंध में ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के महासचिव गगनदीप सिंह रियाड़ का क्या कहना है:-
इस एक्सप्रैस हाईवे के पूरा होने के बाद दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की दिल्ली-अमृतसर दूरी चार घंटे में पूरी होगी। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की तर्ज पर बनाया जा रहा है। नवनिर्मित एक्सप्रेसवे में 21 नए प्रवेश और निकास रास्ते होंगे। जहां से वाहन चालकों को बाहर निकलने और शहर में प्रवेश करने का रास्ता दिया जाएगा। इससे न तो यातायात बाधित होगा और न ही कोई दुर्घटना होगी। अमृतसर-बठिंडा-जामनगर , लुधियाना-रूपनगर हाईवे, लुधियाना-बठिंडा ग्रीन फील्ड हाईवे और अंत में चंडीगढ़-अंबाला कोटपुतली ग्रीन हाईवे। ये सभी कॉरिडोर अगले 2 साल में पूरे हो जाएंगे। जिसके बाद पंजाब हाईवे की सूरत बदलने वाली है। पंजाब में राष्ट्र्रीय राजमार्गों की बात करें तो 2014 में उनकी लंबाई 1699 किलोमीटर थी। अभी एनएच 4239 किलोमीटर लंबा है, लेकिन अगले 2 साल में और 5 कॉरिडोर पूरे होने से यह लंबाई कई किलोमीटर और बढऩे वाली है। 699 किमी लंबे इस दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके बनने के बाद दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में और कटरा से दिल्ली 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। फिलहाल दिल्ली और कटरा के बीच की दूरी 727 किमी है और इस सड़क के बनने से यह दूरी 58 किमी कम हो जाएगी।
हरियाण मे जम्मू-कटरा एक्सप्रेस वे का 75 प्रतिशत काम पूरा
भारत माला प्रोजेक्ट के दिल्ली-कटरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से चल रहा है। बहादुरगढ़ के गांव निलौठी से शुरू होने वाले दिल्ली-कटरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का पैकेज एक और पैकेज दो का 75 फीसदी काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। मार्च 2024 तक इसे खोलने की योजना है। चार महीने में इस पर वाहनों के फर्राटे भरने की उम्मीद जताई जा रही है। इसे मार्च 2024 तक जम्मू और जून 2025 तक कटरा तक पूरा किया जाना है।
फ्लाईओवर पर गार्डर रखने का काम शुरू, केएमपी से मिलेगी एंट्री
कटरा एक्सप्रेस-वे के हर फ्लाईओवर का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। बड़ी-बड़ी मशीनों द्वारा कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इस कार्य को भी पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल फ्लाईओवर पर गार्डर रखने का काम तेज गति से हो रहा है। केएमपी पर निलौठी गांव से शुरू होने वाले इस मार्ग पर 8 किलोमीटर दूर हसनगढ़ गांव के पास टोल बूथ बनाए जाएंगे।
इस एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस तरह से डिजाइन किया है कि इस पर वाहन 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटे भर सकेंगे। निलौठी से कटरा तक पहुंचने का समय 40 फीसदी तक कम होकर महज छह घंटे हो जाएगा। वर्तमान में दस से ज्यादा घंटे का समय लग रहा है। एक्सप्रेस-वे को चार लेन का बनाया जा रहा है। भविष्य में जरूरत पड़ी तो इसे आठ लेन का किए जाने की योजना भी है। हाइवे एक साइड से दूसरी साइड तक 90 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। दोनों लेन के बीच में 20 मीटर की जगह खाली छोड़ी गई है।
36 किलोमीटर सड़क बनाने में जुटे हैं 600 लोग
केएमपी निलौठी से शुरू होने वाले इस एक्सप्रेस-वे से सोनीपत के रुखी गांव तक 36 किलोमीटर क्षेत्र में हो रहे कार्य में 600 लोग काम कर रहे हैं। इनमें न केवल श्रमिक, मिस्त्री हैं बल्कि कई फील्ड के अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों का दावा है कि मार्च 2024 तक इस कार्य को लगभग पूरा कर लिया जाएगा।
विदेशी तर्ज पर मिलेंगी एक्सप्रेस-वे पर सुविधाएं
अधिकारियों का दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे पर विदेशों की तर्ज पर एमेनेटिज हब बनाए जाएंगे। जहां खानपान, वाहनों की रिपेयरिंग, पेट्रोल पंप पर सीएनजी और ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) चार्जिंग के साथ रेस्ट रूम की भी सुविधा होगी। आपात सहायता के लिए एक्सप्रेस-वे 24 घंटे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, ट्रॉमा सेंटर और ट्रैफिक पुलिस की टीमें मौजूद रहेंगी। सोनीपत में तीन जगह इस तरह के एमेनेटीज हब बनाए जा रहे हैं। इनमें पहला रूखी, दूसरा नूरनखेड़ा और तीसरा छावड़ी गांव के पास बनेगा।
39 हजार करोड़ है परियोजना की लागत
कुल 21 पैकेज वाले इस परियोजना के 5 पैकेज का हरियाणा में निर्माण हो रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 39 हजार करोड़ है, जबकि इसकी कुल लंबाई 670 किलोमीटर की है। इसमें से मुख्य एक्सप्रेस-वे 570 किलोमीटर का है जो निलौठी से गुरदासपुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 397.712 किलोमीटर और गुरदासपुर से कटरा तक ब्राउनफील्ड एक्सप्रेस-वे 122.288 किलोमीटर लंबा होगा। नकोदर से अमृतसर तक ग्रीनफील्ड सफर 99 किलोमीटर का होगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली से कटरा तक जाना आसान हो जाएगा। जिसका सबसे ज्यादा फायदा माता वैष्णो देवी का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को होगा।