Loksabha Election 2024: जानें क्यों हुआ हरियाणा कांग्रेस की रणनीति में बदलाव, अब इन दिग्गजों को रण में उतारने पर मंथन

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Loksabha Election 2024: हरियाणा के लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त प्रदान करने के लिए कांग्रेस (Haryana Congress) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस हाईकमान ने राज्य के सभी प्रमुख नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस का मानना है कि ऐसा करने से जहां भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकेगी, वहीं पार्टी नेता एक दूसरे का कांटा निकालने के अपने व्यक्तिगत मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अभी तक कांग्रेस के पास जितने भी संभावित उम्मीदवार हैं, उनमें खास दम नहीं हैं। ऐसे में पार्टी किसी भी तरह के आरोप और चर्चा से बचने के लिए लोकसभा चुनाव में मजबूत उम्मीदवार उतारेगी।
कांग्रेस की इस बदली हुई रणनीति को देखते हुए भाजपा को भी कुछ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों में बदलाव करना पड़ सकता है। हालांकि भाजपा ने संकेत दिए हैं कि अभी उसका उम्मीदवार बदलने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने यदि अपने सभी दिग्गजों को चुनावी रण में उतार दिया तो भाजपा के सामने अपनी रणनीति में बदलाव के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। भाजपा नेताओं का संकल्प है कि वे सभी 10 लोकसभा सीटों पर कमल का फूल खिलाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झोली में डालेंगे, जबकि कांग्रेस के वार रूम में मंगलवार को जो बैठक हुई, उसमें मुख्य मुद्दा यही रहा कि हमें कम से कम पांच लोकसभा सीटों पर जबरदस्त तरीके से चुनाव लड़ना है।
रोहतक सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव लड़ाने की तैयारी
रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deependra Singh Hooda) खम ठोंककर अपनी दावेदारी का दावा कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपॆंद्र सिंह हुड्डा भी चाहते हैं कि दीपेंद्र ही लोकसभा चुनाव लड़ें, ताकि पूरे प्रदेश में दीपेंद्र के जनता का नेता होने का बड़ा संदेश जाए, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की इच्छा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) को चुनाव लड़ाने की है। हुड्डा विरोधी खेमे ने हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि यदि कुमारी सैलजा को चुनाव लड़वाया जाना है तो ऐसे में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को भी चुनावी रण में उतारा जाना चाहिए। भिवानी-महेंद्रगढ़ से पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के स्थान पर कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता एवं तोशाम की विधायक किरण चौधरी को चुनाव लड़ाने पर हाईकमान विचार कर रहा है।
अंबाला और सिरसा के बीच में फंसी सैलजा की दावेदारी
किरण चौधरी की गिनती कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ तिकड़ी में होती है। इन तीनों नेताओं को हरियाणा की राजनीति में एसआरके गुट के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला हाल ही में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बने हैं। दीपेंद्र हुड्डा की तरह रणदीप ने स्वयं भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर नहीं की है। इसलिए रणदीप को लोकसभा के रण से अलग रखा जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाए जाने की संभावना है, जबकि उनके समर्थक सिरसा में लड़वाने के लिए हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं।
बीरेंद्र सिंह को सोनीपत से लड़वाने पर हो रहा विचार
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह यदि देर सबेर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उन्हें सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया जा सकता है, जबकि रिटायर्ड आइएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश जांगड़ा को हिसार से चुनाव लड़ाने की चर्चा है। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे विजय प्रताप सिंह के स्थान पर स्वयं महेंद्र प्रताप को ही फरीदाबाद लोकसभा सीट से उतारे जाने पर हाईकमान गंभीर है। महेंद्रगढ़ के विधायक एवं पूर्व सीपीएस राव दान सिंह को गुरुग्राम लोकसभा सीट पर उतारा जा सकता है, जबकि पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के साथ फिल्म अभिनेता राजबब्बर और हरियाणा कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान जितेंद्र भारद्वाज का नाम भी यहां चर्चित है।
करनाल में मनोहर लाल के सामने अशोक अरोड़ा और मराठा वीरेंद्र वर्मा
करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल के सामने पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित के स्थान पर कुलदीप शर्मा को चुनावी रण में उतारने की चर्चा चल रही है। इनके अलावा यहां पूर्व स्पीकर एवं पूर्व मंत्री तथा प्रमुख पंजाबी नेता अशोक अरोड़ा, मराठा वीरेंद्र वर्मा और ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी के नामों पर भी वार रूप में चर्चा की गई है। सिरसा से हुड्डा खेमा पूर्व विधायक जरनैल सिंह और विधायक शीशपाल कैहरवाला को चुनाव लड़वाना चाहता है, जबकि कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की पसंद प्रदीप नरवाल नाम का नया चेहरा है।
कांग्रेस की रणनीति कामयाब हुई तो भाजपा को बदलनी पड़ेगी चाल
हिसार में पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश जेपी, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी में श्रुति चौधरी व राव दान सिंह के नामों की भी चर्चा है। भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि यदि कांग्रेस गंभीरता के साथ अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतारती है तो उसे चार से पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है, लेकिन यह तभी होगा, जब कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में सर्वमान्य प्रत्याशी उतारने को लेकर गंभीर नजर आएगी।