Haryana Politics: पूरे दल-बल के साथ कांग्रेस में शामिल हुए बीरेंद्र सिंह, हरियाणा की राजनीति पर पड़ेगा असर

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रेमलता सिंह दिल्ली में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उनके बेटे और पूर्व बीजेपी नेता बृजेंद्र सिंह हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से जींद जिले की राजनीतिक पर काफी प्रभाव पड़ेगा। चौधरी बीरेंद्र सिंह उचाना से पांच बार जीतकर विधायक बन चुके हैं। वह 1977 से 82, 1982 से 84 1991 से 1996, 1996 से 2000 तथा 2005 से 2009 तक विधायक रहे हैं।

24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, कैप्टन अजय यादव, किरण चौधरी और राष्ट्रीय सचिव डा. नासिर हुसैन ने बीरेंद्र सिंह व प्रेमलता का कांग्रेस में वापसी पर स्वागत किया। बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के समय उनके समर्थकों ने नारा लगाया कि राजीव गांधी के साथी है सर छोटूराम के नाती हैं। बीरेंद्र सिंह किसान नेता रहे सर छोटूराम के नाती हैं और सर छोटूराम की राजनीतिक विरासत के बूते ही जाट बेल्ट में राजनीति करते रहे हैं।  बीरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक कांग्रेस के उन सभी बड़े नेताओं की प्रशंसा की जिनकी भाजपा खुलेआम आलोचना करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने समय वह सोनिया गांधी से क्षमा याचना करके मिलकर और बताकर गए थे।

मुकुल वासनिक ने कहा कि बीरेंद्र सिंह पुराने नेता हैं, इनके पार्टी में आने से कांग्रेस के संविधान और लोकतंत्र बचाने के अभियान को बल मिलेगा। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीरेंद्र सिंह के पार्टी में आने से कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार होगा। भी मौजूद रहे।

पिछली केंद्र सरकार में थे मंत्री

तीन बार वह कैबिनेट मंत्री भी बने। उन्होंने तीन बार सांसद के रूप में भी कार्य किया। पिछली केंद्र सरकार में वह केंद्र में मंत्री भी रहे। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह 2019 में हिसार लोकसभा से सांसद चुने गए थे।

एक महीने पहले बेटे ने छोड़ी थी भाजपा

करीब एक महीने पहले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बृजेंद्र सिंह वर्तमान समय में हिसार से सांसद हैं।साल 2019 में बृजेंद्र सिंह ने आईएएस की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था।

साल 2014 में छोड़ी थी कांग्रेस

बीरेंद्र सिंह (78) किसान नेता सर छोटू राम के नाती हैं। साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। उनके पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का भी प्रभार था।

घर वापसी नहीं, विचार वापसी भी है

कांग्रेस में वापसी पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह सिर्फ मेरी ‘घर वापसी’ नहीं बल्कि ‘विचार वापसी’ भी है। वह भाजपा में 10 साल रहे हैं। इन सालों में उन्होंने देखा कि भाजपा कभी किसान और कमेरे मेहनतकश लोगों का साथ नहीं देगी। इस पार्टी की प्राथमिकताएं कुछ और हैं। भाजपा का किसान-मजदूर से कोई प्रेम नहीं है। इनको लेकर जो भाजपा के कभी-कभार आंसू नजर आते हैं, वह भी छद्म हैं। उन्होंने अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को राहुल गांधी का दिल से समर्थक बताया तथा कहा कि सांसद रहते हुए दोनों एक संसदीय कमेटी में रहे। राहुल गांधी की लोकप्रियता से बृजेंद्र सिंह पहले से ही प्रभावित रहे हैं। बृजेंद्र सिंह मानते हैं कि राहुल गांधी में भी इंदिरा, राजीव गांधी जैसा चमत्कारिक देश सेवा का जज्बा है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह उनकी घर वापसी नहीं बल्कि एक विचारधारा की वापसी है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा बीरेंद्र सिंह की घर वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि ईस्ट एंड वेस्ट, होम ही इज द बेस्ट की कहावत चरितार्थ हो रही है। जब कोई व्यक्ति बहुत दिन के बाद घर वापस लौटता है तो आने वाले को और लाने वालों को खुशी होती है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में संविधान, लोकतंत्र बचाने के लिए 36 बिरादरी को एकजुट होकर पार्टी की ताकत बढ़ानी चाहिए। बीरेंद्र सिंह मेरे बड़े भाई हैं, इसलिए उन्हें उनके पार्टी में आने की अपार खुशी है। वहीं एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण है और मैं पार्टी में उनका स्वागत करता हूं।

पत्नी प्रेमलता ने भी ज्वाइन की कांग्रेस

बीरेंद्र सिंह की पत्नी और हरियाणा से भाजपा की पूर्व विधायक प्रेमलता ने भी भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है। प्रेमलता साल 2014 से 2019 तक विधायक रही हैं। पहले बेटे और अब बीरेंद्र सिंह का पत्नी के साथ कांग्रेस ज्वाइन करना भाजपा के लिए बड़ा झटका है।

जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर पड़ेगा राजनीतिक प्रभाव

बीरेंद्र सिंह जब कांग्रेस में थे तो वह अपने साथियों को कांग्रेस का टिकट दिलाने के लिए काफी दबाव बनाते थे। उन्होंने अपने समय में कांग्रेस का टिकट भी कई लोगों को दिलवाया था। उस समय कांग्रेस में उनकी काफी मजबूत स्थिति थी। अब एक बार फिर से वह कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। इससे जींद जिले की पांचों विधानसभा सीटों के साथ पूरे हरियाणा की राजनीति पर इसका असर देखने के लिए मिलेगा।

 

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Tag-Haryana Politics, Birendra Singh joins Congress, Prem Lata Singh

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