हरियाणा और पंजाब में किसानों के प्रदर्शन से भाजपा उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ीं, पुलिस-प्रशासन भी चिंतित

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Farmer Protests: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान जिस प्रकार पंजाब और हरियाणा में भाजपा उम्मीदवारों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे सिविल और पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, अभी तक कहीं भी ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस को लगता है कि प्रदर्शन की आड़ में असामाजिक तत्व माहौल खराब कर सकते हैं। अभी तक पंजाब में पटियाला से भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर, फरीदकोट से हंसराज हंस और अमृतसर से तरनजीत सिंह संधू को और हरियाणा में सिरसा से अशोक तंवर, हिसार में रणजीत चौटाला, दुष्यंत चौटाला के खिलाफ किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है। ये उम्मीदवार जहां भी अपने प्रचार के लिए जा रहे हैं, किसान यूनियन के नेता झंडे और हाथों में सवालों वाला पोस्टर लेकर खड़े हो जाते हैं। विशेष बात यह है कि विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान प्रशासन से अनुमति भी नहीं ले रहे हैं।
अप्रिय घटना होने की आशंका
पंजाब के स्पेशल डीजीपी ला एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने माना कि ऐसे विरोधों के कारण अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में जहां भी इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन की हमारे पास सूचना आती है, वहां अतिरिक्त फोर्स भी लगाई जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसान नेताओं को समझाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि वे कोई ऐसा प्रदर्शन न करें, जिससे हालात बिगड़ें।
ग्रामीण इलाकों में जाना भाजपा उम्मीदवारों के लिए भारी
उधर, किसानों के इस प्रकार के प्रदर्शन से भाजपा उम्मीदवारों को मुश्किलें आ रही हैं। विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में जाना उनके लिए भारी पड़ रहा है। हालांकि, किसान संगठनों में भी विरोध प्रदर्शन करने को लेकर मतभेद हैं। कुछ किसानों का कहना है कि उनका विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है। सभी पार्टियों की सरकारें एक जैसी ही रही हैं। किसी ने भी किसानों की समस्याओं को हल करने संबंधी कोई पहल नहीं की। ऐसे में केवल भाजपा प्रत्याशियों का विरोध करना उचित नहीं है।
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