UPSC Toppers 2023: सिविल परीक्षा में छठा स्थान पाने वाली सृष्टि डबास बोलीं, मां साथ न होती तो नहीं मिलती मंजिल, जानें इस सफलता की पूरी कहानी

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: सिविल सेवा परीक्षा-2023 (CSE) 2023 में छठा स्थान पाने वालीं रानीखेड़ा गांव की (सृष्टि डबास Srishti Dabas) का कहना है कि मां का साथ नहीं होता तो वे मंजिल तक शायद न पहुंच पातीं। जीवन में उन्हें कई मौकों पर लड़की होने का दंश झेलना पड़ा, लेकिन मां हमेशा ढाल बनकर खड़ी रहीं। मां की सपोर्ट की बदौलत पढ़ीं और मंजिल हासिल की।सृष्टि का कहना है कि उनके जन्म के समय परिवार का माहौल सहज नहीं था। लेकिन, मां ने सभी चीजों को अपने स्तर पर संभाला और ठीक किया।
पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता
लाडली की इस उपलब्धि पर परिवार खुश है। सृष्टि मूल रूप से बाहरी दिल्ली के रानीखेड़ा की रहने वाली हैं और इस समय अपने परिवार के साथ द्वारका में रह रही हैं। सृष्टि डबास ने बताया कि आइएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य तय करने के बाद वे हमेशा सकारात्मक रहीं और अपनी तैयारी करती रहीं। पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली सृष्टि ने बताया कि इंटरव्यू के बाद लगा था कि जितना अच्छा होना चाहिए था, उतना अच्छा इंटरव्यू नहीं हुआ। लेकिन, वे अपने सिलेक्शन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थीं। उन्होंने बताया कि वे लिंग समानता के अलावा संस्कृति को बढ़ावा देने पर काम करना चाहेंगी।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया में मैनेजर के तौर पर चयनित
सृष्टि की मां का नाम मंजू है और वे हिंदी विषय में स्नातकोत्तर हैं। सृष्टि के भाई आयुष डबास देशबंधु कालेज से स्नातक कर रहे हैं। सृष्टि ने सिविल लाइन स्थित आईपी कालेज फार वूमन (आईपीसीडब्ल्यू) से स्नातक की। पहली नौकरी उन्हें केंद्रीय सामाजिक एवं सशक्तिकरण मंत्रालय में नौकरी मिली। इसके बाद वे रिजर्व बैंक आफ इंडिया में मैनेजर के तौर पर चयनित हुई और उन्हें मुंबई में पोस्टिंग मिली। इसी दौरान सृष्टि यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा की तैयारी भी करती रहीं। अपने पहले प्रयास में दिल्ली देहात की बेटी ने सफलता प्राप्त की। सृष्टि ने गांव हिरन कूदना के गंगा इंटरनेशनल स्कूल से दसवीं और बारहवीं उत्तीर्ण की।
सृष्टि का शौक है कथक नृत्य, इसी से संबंधित प्रश्न पूछा
कथक नृत्य सृष्टि का शौक (हाबी) है। यूपीएससी परीक्षा के इंटरव्यू के दौरान उनसे इसी विषय से संबंधित प्रश्न पूछा गया। सृष्टि ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि अगर आपको देश का सांस्कृतिक सचिव की जिम्मेदारी दी जाए तो वे संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए क्या करेंगी? सृष्टि का जवाब था कि संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वे विदेश में रहने वाले भारतीयों को कल्चर एंबेसडर बनाएंगी। हमें राष्ट्रीय संस्कृति नीति भी बनाए जाने की जरूरत है। साथ ही, इस मानसिकता को भी बदलने की जरूरत है कि सांस्कृतिक गतिविधियों का मतलब लड़कियां।यह क्षेत्र लड़कों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना लड़कियों के लिए।
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