थाने में किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी थानेदार की सुप्रीम कोर्ट ने रद की जमानत
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः सुप्रीम कोर्ट ने 13 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के उत्तर प्रदेश के आरोपित पुलिस अधिकारी को जमानत देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि थाना अधिकारी (एसएचओ) को जमानत देना उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उसने नाबालिग के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।
गौरतलब है कि नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उसी के गांव के चार लड़के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश ले गये, जहां उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर गांव में छोड़ गये। जब पीड़िता लड़कों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची तो एसएचओ ने उसे हिरासत में ले लिया और उसके साथ बलात्कार किया।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने गत दो मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पीड़िता की मां की याचिका पर आदेश दिया। शुक्रवार को दिए आदेश में पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले में स्थिति बहुत खराब है। मामले में प्रतिवादी नंबर एक थानाध्यक्ष पर थाने में ही नाबालिग के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में उसके जमानत देने की प्रार्थना पर हाई कोर्ट को और अधिक विचार करना चाहिए था।
कोर्ट ने कहा कि हमें प्रतिवादी नंबर एक को जमानत देने को सही ठहराने का कोई कारण नहीं मिला। इसके बाद खंडपीठ ने पीड़िता की मां की अपील को स्वीकार कर लिया और हाई कोर्ट के आदेश को रद कर दिया। पीठ ने आरोपित को तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा और अन्यथा की स्थिति में राज्य को उसे पकड़कर न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए।
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