Haryana News: सब्जियों के भाव आसमान पर, लोगों के रसोई का बजट बिगड़ा

नरेन्द्र सहारण, कैथल/सोनीपत : Haryana News: सब्जियों के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। दो माह में प्रमुख सब्जियों के भाव दो से तीन गुना बढ़ गए हैं। अब सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं, जिससे लोगों को सुबह और रात को अपने घरों में सब्जी पकाने के लिए सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इससे लोगों का रसोई का बजट बिगड़ गया है। मटर 200 रुपये, शिमला मिर्च 120 रुपये और टमाटर 80 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गए हैं। स्थानीय किसानों द्वारा उगाई जाने वाली सब्जियों के भाव भी तेज हैं। अधिकारियों का कहना है कि मौसम अनुकूल न होने से सब्जियों के उत्पादन पर असर पड़ा है। मई व जून में पड़ी भीषण गर्मी में सब्जियों की फसलें झुलस कर सूख भी गई थी। इसका असर अब सब्जियों के भाव पर दिखाई देने लगा है।
फसलों के उत्पादन में कमी
स्थानीय किसान अप्रैल और मई में घीया, तुरई, भिंडी, पालक, टिंडा, सीताफल, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, मिर्च उगाते हैं। ये फसलें जून-जुलाई में तैयार हो जाती हैं। इस बार मई और जून में क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ी थी। दो माह में वर्षा नहीं हुई। अधिक गर्मी में सब्जी की फसलें और बेल झुलस गई थी। कुछ किसानों के खेतों में सब्जियों की फसलें सूख गई थी। क्षेत्र के किसान सर्दी में प्याज व आलू भी उगाते हैं लेकिन भंडारण की सुविधा नहीं है। इसके चलते किसान दोनों फसलों की सीजन के समय बिक्री कर देते हैं। क्षेत्र में गर्मी में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मटर आती है।
जुलाई में भी अब तक वर्षा नहीं हुई है, जिससे फसलों का उत्पादन कम हो रहा है। क्षेत्र में इन दिनों सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। लोगों को सुबह व शाम अपने घरों में सब्जी तैयार करने के लिए सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। साधन संपन्न लोग दोनों समय की सब्जी का जुगाड़ कर लेते हैं लेकिन मध्यम व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अब एक समय सब्जी बनाते हैं और दूसरे समय दाल या चटनी बनाकर काम चला रहे हैं।
भीषण गर्मी का असर
गांव चिड़ाना के मनोज ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करता हूं। अब भाव इतने अधिक हो गए हैं कि दोनों समय घर पर सब्जी नहीं बनती है। एक समय ही मुश्किल से सब्जी तैयार हो पाती है। दूसरे खाद्य पदार्थों के भाव निर्धारित किए जाते हैं तो सब्जियों के भी होने चाहिए।
गांव गढ़ी उजाले खां के मोनू सैनी ने कहा कि पहले सब्जियों के भाव सामान्य थे तो सुबह व शाम को घर पर सब्जी बनाई जाती थी। अब भाव अधिक हैं तो इस बारे में सोचना पड़ता है। इस बार मौसम भी सब्जियों के अनुकूल नहीं होने से भाव पर असर पड़ा है।
गोहाना के बागवानी विकास अधिकारी हरपाल सिंह ने कहा कि मई व जून में भीषण गर्मी पड़ने से सब्जियों की फसलें काफी प्रभावित हुई। कई जगह फसलें सूख भी गई थी। अब भी वर्षा नहीं हुई है। अधिक वर्षा होने पर भी सब्जियों की फसलें प्रभावित होती हैं और उत्पादन पर असर पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्र में अधिक वर्षा हो रही है, जिससे वहां भी फसलों के उत्पादन पर असर पड़ा है।
सब्जी—मई में भाव—अब भाव
घीया—20—50
तुरई—30—60
मटर—70—200
बैंगन—30—60
टमाटर—30—80
खीरा—25—50
शिमला मिर्च—40—120
लहसुन—200—320
आलू—20—40
प्याज—25—50
नोट-भाव रुपये प्रति किलोग्राम में
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