कांवड़ रूट में दुकानदारों के नेमप्लेट लगाने पर रोक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः यूपी में कांवड़ रास्ते में होटलों, ढाबों पर नाम लिखने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड, मध्य प्रदेश को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने शुक्रवार तक जवाब मांगा।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। यह एक चिंताजनक स्थिति है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भट्टी ने केरल यात्रा से जुड़ी कहानी सुनाई।
दरअसल, योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों के नाम लिखने का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम की NGO ने 20 जुलाई को याचिका दाखिल की थी।
‘यह कोई औपचारिक आदेश नहीं’
याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया कि पहले प्रेस स्टेटमेंट था और फिर लोगों में आक्रोश दिखने लगा और इस पर कहा कि यह स्वैच्छिक है, लेकिन वे इसका सख्ती से पालन कर रहे हैं। वकील ने कहा कि यह कोई औपचारिक आदेश नहीं है, बल्कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक छद्म आदेश है।
‘आर्थिक स्थिति पर चोट पहुंचेगी’
सिंघवी के तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
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