Haryana Politics: सैलजा की पदयात्रा से पहले कांग्रेस की राजनीति के समीकरण बदले, पोस्टर में दिखे इनके फोटो
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Politics: हरियाणा के शहरी विधानसभा क्षेत्रों में शुरू होने वाली कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा की पदयात्रा से पहले नये राजनीतिक समीकरण बन गए हैं। सैलजा के नेतृत्व वाला एसआरके अब एसआरबी गुट बन गया है। एसआरके मतलब, कुमारी सैलजा-रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी। तोशाम की विधायक किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, इसलिए एसआरके गुट टूट गया था, लेकिन सैलजा ने 27 जुलाई से आरंभ होने वाली अपनी पदयात्रा का जो पोस्टर जारी किया है, उसमें सैलजा व रणदीप के साथ बीरेंद्र सिंह का फोटो जुड़ गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का फोटो सैलजा व रणदीप के साथ जुड़ने के साथ ही अब एसआरके गुट का नया नाम एसआरबी गुट पड़ गया है।
पोस्टर पर इनके हैं फोटो
बीरेंद्र सिंह हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आरंभ किए गए हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लांचिंग के मौके पर भी सबसे आगे बैठे दिखाई दिए थे, लेकिन तब हुड्डा ने उन्हें बातों ही बातों में कांग्रेस पार्टी का मार्गदर्शक बोल दिया था। हुड्डा की इस बात को स्वीकार करने की बजाय बीरेंद्र सिंह ने जवाब दिया था कि वे मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि विशुद्ध राजनीतिक व्यक्ति भी हैं। सैलजा की पदयात्रा के पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला व बीरेंद्र सिंह के अलावा राहुल गांधी तथा मल्लिकार्जुन खरग़े को प्रमुख स्थान मिला है। पोस्टर पर महात्मा गांधी व डा. बीआर अंबेडकर के साथ सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी व केसी वेणुगोपाल के फोटो भी लगे हैं। पोस्टर से कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के फोटो गायब हैं।
कांग्रेस की राजनीति में नये समीकरण बने
हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के मंच पर हुड्डा और बीरेंद्र सिंह के बीच बढ़िया जुगलबंदी दिखाई दी थी। तब लग रहा था कि बीरेंद्र सिंह अब हुड्डा गुट के साथ आ गए हैं, लेकिन अब सैलजा के पोस्टर पर बीरेंद्र सिंह का फोटो आ जाने के बाद हरियाणा कांग्रेस की राजनीति में नये समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया और सैलजा व रणदीप के बीच अच्छा तालमेल नहीं है। बाबरिया को हुड्डा गुट की पसंद माना जाता है, लेकिन संगठन बनने में हो रही देरी और कुछ मुद्दों पर स्वयं के फैसलों की वजह से हुड्डा गुट के कुछ नेता बाबरिया से नाराज हैं। बाबरिया हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लांचिंग के मौके पर चंडीगढ़ नहीं आए थे, लेकिन उसके कुछ दिन बाद पंचकूला व चंडीगढ़ के दो दिन के प्रवास पर रहे। साथ ही उन्होंने सैलजा व रणदीप तथा किरण के कार्यक्रमों पर भी अपनी स्वीकृति की कभी मुहर नहीं लगाई। हरियाणा कांग्रेस कमेटी में इस समय टिकटों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।
सैलजा की पदयात्रा का नाम कांग्रेस संदेश यात्रा
सैलजा की पदयात्रा 27 जुलाई से अंबाला से आरंभ होगी, जबकि 28 जुलाई को बरवाला में रैली है। सैलजा ने इसे कांग्रेस संदेश यात्रा नाम दिया है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पहले से हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत पदयात्रा निकाल रहे हैं। उनकी पदयात्रा का एक चरण पूरा हो चुका है। दीपेंद्र ने नौ जिलों के 13 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है। कुमारी सैलजा ने लोकसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा के कुछ हिस्सों में यात्रा निकाली थी। तब कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने सैलजा की यात्रा को उनकी निजी यात्रा करार दिया था लेकिन बाद में पत्र जारी कर उसे कांग्रेस का कार्यक्रम करार देना पड़ा था।
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