Bharat Bandh: भारत बंद का असर, क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद? जानें-हर जानकारी

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः  Bharat Bandh Today News : दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुलाया गया है।

‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची भी जारी की है। इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं।

भारत बंद को समाजवादी पार्टी का समर्थन

सुप्रीम कोर्ट के कोटा के भीतर कोटा फैसले के खिलाफ भारत बंद का समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा, जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी, सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर भारत बंद करने का निर्णय क्यों लिया गया है, तो आपको बता दें कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ लिया गया है, जिसमें कोर्ट की ओर से एससी और एसटी श्रेणी में क्रीमिलेयर को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।

कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। ऐसे में इस फैसले के खिलाफ आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है और पूरे भारत बंद का ऐलान किया गया है। साथ ही भारत बंद का समर्थन राजनीतिक पार्टी बसपा की ओर से भी किया गया है।

विपक्षी संगठनों के मुताबिक, यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ जजों की पीठ के निर्णय को कमजोर करता है, जिससे भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की गई थी। कुछ संगठनों ने सरकार से इस फैसले को यह कहते हुए खारीज करने की मांग की है कि यह फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है।

क्या है NACDAOR की मांगें?

कोटे के भीतर कोटे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। संगठन SC, ST और OBC के लिए आरक्षण पर संसद के एक नए अधिनियम के अधिनियमन की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा।

NACDAOR ने सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित डेटा को तत्काल जारी करने की भी मांग की है ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की भी मांग की जा रही है।

जिसका लक्ष्य हायर ज्यूडीशियरी में SC, ST और OBC श्रेणियों से 50 फीसदी प्रतिनिधित्व लेना है। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने का आह्वान किया है।

21st august 2024 Bharat Bandh News: भारत बंद पर क्या रहेगा बंद

भारत बंद पर किन सुविधाओं पर असर पड़ेगा, इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं और कुछ निजी दफ्तरों पर इसका असर देखा जा सकता है।

Bharat Bandh 21 August: क्या रहेगा खुला

भारत बंद पर सभी प्रकार की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं खुली रहेंगी। इस कड़ी में सभी अस्पताल, एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाएं शुरू रहेंगी। वहीं, अभी तक सरकारी बैंकों के बंद रहने को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में सभी सरकारी बैंक और सरकारी दफ्तर भी खुले रहेंगे।

Bharat Bandh 21 August: यहां रहेगा हाई अलर्ट

भारत बंद के दौरान विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट रहेगा। क्योंकि, यह जगह संवेदनशील तौर पर देखी जाती है। ऐसे में यहां अधिक संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। साथ ही यहां होने वाले किसी भी धरना-प्रदर्शन पर नजर रखी जाएगी। साथ ही देशभऱ के धऱना-प्रदर्शन वाले स्थलों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

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