Haryana Election 2024: कैथल विधानसभा में दिलचस्प होगा चुनाव, जाट समाज से 4 तो गुर्जर समाज से 2 उम्मीदवार मैदान में
नरेन्द सहारण, कैथल। Kaithal Constituency: कैथल विधानसभा क्षेत्र हमेशा से चुनावी चर्चाओं में रहा है और इस बार भी यहां की लड़ाई काफी रोमांचक होने की संभावना है। कांग्रेस से सुरजेवाला परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में है, जबकि भाजपा ने पुराने विजेता लीला राम पर भरोसा जताया है। जातिगत समीकरणों की बात करें तो जाट समाज के चार और गुर्जर समाज के दो उम्मीदवार इस बार चुनावी दंगल में हैं।
सुरजेवाला परिवार की सीट
1967 के बाद से कैथल से दो बार जीत हासिल करने वाली ओम प्रभा जैन हरियाणा की पहली वित्त मंत्री बनी थीं। इसी तरह, 2005 के बाद से हरियाणा के पहले कृषि और सहकारिता मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला का परिवार भी इस क्षेत्र में प्रभावशाली रहा है। अब सुरजेवाला परिवार लगातार पांचवीं बार चुनावी समर में उतर रहा है। कांग्रेस ने रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने पिछले बार के विजेता लीला राम को फिर से मैदान में उतारा है। इस कारण कैथल विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला काफी दिलचस्प होता नजर आ रहा है।
अन्य उम्मीदवार
हालांकि, आप और जजपा की ओर से जाट समाज का उम्मीदवार मैदान में आने से समीकरण थोड़े बदल सकते हैं। आप से सतबीर गोयत और जजपा से संदीप गढ़ी भी चुनावी मैदान में हैं। इनेलो-बसपा से अनिल तंवर और जजपा के बागी बलराज नौच भी मैदान में हैं। जाट समाज के चार और गुर्जर समाज के दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे जाट और नॉन जाट की लड़ाई का अंदेशा है। फिलहाल कांग्रेस और भाजपा के किसी भी नेता ने बगावत का संकेत नहीं दिया है।
पार्किंग और सिटी स्क्वॉयर का नहीं हुआ काम
कैथल शहर की समस्याओं की बात करें, तो पिछले 10 वर्षों से पार्किंग और सिटी स्क्वॉयर के काम में कोई प्रगति नहीं हुई है। 2014 में शुरू हुए इन प्रोजेक्ट्स का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। पूर्व पार्षद राकेश सरदाना के अनुसार, सिटी स्क्वॉयर का निर्माण भ्रष्टाचार का शिकार हो गया है। अगर भाजपा सरकार ईमानदारी से काम करती तो ये प्रोजेक्ट्स काफी पहले पूरे हो चुके होते। समाजसेवी सुभाष गोयल ने भी शहर में पार्किंग की कमी और जाम की समस्या की ओर ध्यान दिलाया है। इसके अलावा, सामान्य अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को इलाज में मुश्किलें आ रही हैं।
सुरजेवाला परिवार से अब आदित्य सुरजेवाला
सुरजेवाला परिवार की राजनीतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प रही है। पूर्व मंत्री स्व. शमशेर सुरजेवाला 1967 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार विभिन्न चुनावों में सफल रहे। उनके बाद रणदीप सुरजेवाला ने परिवार की राजनीतिक विरासत संभाली और कई चुनावों में जीत दर्ज की। हालांकि, 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस ने उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने लीला राम को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है। लीला राम 2000 में इनेलो से विधायक बने थे और 2019 में भाजपा से विधायक बने। यह चुनाव उनकी तीसरी बार किस्मत आजमाने की कोशिश है।
कैथल में यह है मतदाताओं का गणित
कैथल के मतदाताओं की संख्या इस बार 2 लाख 20 हजार 459 है, जिसमें 1 लाख 15 हजार 566 पुरुष और 1 लाख 4 हजार 892 महिला मतदाता शामिल हैं। जाट और गुर्जर समाज के वोटर्स की संख्या लगभग बराबर है, जबकि पंजाबी और वैश्य समाज भी समान संख्या में वोट रखते हैं। एसी और बीसी वर्ग के लगभग 70 हजार मतदाता हैं और 30 हजार अन्य वर्ग के मतदाता हैं।
यह है पिछले तीन चुनाव का परिणाम
पिछले तीन चुनावों में कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने 2009 और 2014 में जीत दर्ज की थी, जबकि 2019 में भाजपा के लीला राम ने उन्हें मामूली अंतर से हराया था।
राजा युधिष्ठिर ने बसाया था कैथल
कैथल का ऐतिहासिक महत्व भी है। माना जाता है कि राजा युधिष्ठिर ने महाभारत युग में इस शहर की स्थापना की थी और इसका नाम कपिस्थल से पड़ा, जिसका अर्थ बंदरों की जगह है। हनुमान जी का जन्म यहां हुआ था और कई ऐतिहासिक मंदिर और कुंड भी इस क्षेत्र में हैं। इस प्रकार, कैथल विधानसभा क्षेत्र की राजनीति और समस्याएं दोनों ही चुनावी परिदृश्य को बहुत दिलचस्प बनाते हैं।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन