कौन हैं दिल्ली की नई सीएम आतिशी के पति, कैसे मिले दोनों, फिर कर ली शादी, कैसी उनकी लव स्टोरी
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः 43 साल की आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। क्या जानते हैं कि उनके पति कौन हैं, क्या करते हैं. क्या अब वह भी उनके साथ मुख्यमंत्री आवास में रहेंगे। आतिशी सिंह के पति का नाम प्रवीण सिंह है।
प्रवीण काफी पढ़े लिखे और सुलझे हुए शख्स हैं, जो लाइमलाइट से दूर रहकर काम करते रहे हैं। आतिशी को तो आम आदमी पार्टी की ओर से सियासत में आए कई साल हो गए लेकिन इन सालों में भी उनके पति प्रवीण सिंह कभी सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आए।
कैसे दोनों करीब आए
आतिशी और प्रवीण ने कभी एक दूसरे से प्यार किया। फिर शादी की। दोनों की मंजिल एक जैसी थी। दोनों ग्राम स्वराज के पैरोकार रहे हैं। दोनों गांवों में काम कर चुके हैं। अब हम बताते हैं कि देश की सबसे बड़े दो शिक्षा संस्थानों से डिग्री लेने के बाद भी वह चुपचाप काम करने में यकीन रखते हैं।
देश के दो टॉप इंस्टीट्यूट से पढ़ाई
प्रवीण सिंह ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलॉजी यानी आईआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद यानी आईआईएम से पढ़ाई की है। हालांकि अपनी इस पढ़ाई के बाद वह अगर चाहते तो आराम से कहीं बहुत मोटी पैसे वाली नौकरी कर रहे होते या कहीं किसी कारपोरेट में बॉस बनकर बैठे होते लेकिन उन्होेंने ये सब छोड़कर गांव में काम करना पसंद किया।
दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे
दरअसल आतिशी और प्रवीण दोनों की मुलाकात दिल्ली में हुई। चूंकि दोनों की ही इच्छा गांव की दशा सुधारने और वहां ग्राम स्वराज के सिद्धांत में गांवों में जागरूकता लाने की थी लिहाजा दोनों किसी कॉमन प्लेटफॉर्म पर मिले। फिर बातें जब आगे बढ़ीं तो दोनों ने एक दूसरे को पसंद करना शुरू किया, यही उनकी शादी की वजह भी बनी।
कहां दोनों ने मिलकर कम्यून बनाया
फिर दोनों ने साथ में मिलकर मध्य प्रदेश में 2007 में एक कम्यून स्थापित किया ताकि गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार कर पाएं। ना केवल गांवों को मजबूत करें बल्कि वहां ऐसी शिक्षा दें जिसका व्यावहारिकता भी हो।
फिर आतिशी सियासत में आ गईं
हालांकि इसके जल्द बाद ही आतिशी जब अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आईं तो वह सियासत में चली गईं। वह बातचीत में कुशल हैं। अपनी बातों को पूरे आत्मविश्वास से रखती हैं। दबाव में नहीं आतीं। पिछले दो सालों में तो वह आप का सबसे विश्वसनीय चेहरा बनकर उभऱीं।
कम्यून में दोनों ने मिलकर क्या किया
उन्होंने जो कम्यून बनाया उसके पीछे गणेश भागरिया की यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज की फिलास्फी भी थी। मध्य प्रदेश में अपने इस कम्युन को खोलने के बाद दोनों ने मिलकर खूब काम कर किया। इसके तहत ना केवल गांवों में शिक्षा पर काम किया बल्कि आर्गनिक फार्मिंग के प्रोजेक्ट पर काम किया। उनकी इस पार्टनरशिप ने दोनों को अगर प्रोफेशनली मिलाया तो व्यक्तिगत तौर पर जीवनसाथी बना दिया।
पति लो – प्रोफाइल में रहते हैं
हालांकि कहा जाता है कि आतिशी के पति प्रवीण भी शुरू में उनके साथ आम आदमी पार्टी में जुड़े थे लेकिन बाद में प्रवीण ने चुपचाप लो प्रोफाइल में काम करना पसंद किया। हालांकि कहा जाता है कि आतिशी के पति प्रवीण भी शुरू में उनके साथ आम आदमी पार्टी में जुड़े थे लेकिन बाद में प्रवीण ने चुपचाप लो प्रोफाइल में काम करना पसंद किया।
प्रवीण इतना ज्यादा लो-प्रोफाइल रहते हैं कि उनकी एक भी तस्वीर आपको सोशल मीडिया पर नहीं मिलेगी। हालांकि कुछ साल पहले योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट करके प्रवीण सिंह की तारीफ की थी। उन्होंने तब लिखा था – वह आतिशी के हसबैंड को अच्छी तरह जानते हैं। वह भी शानदार काम कर रहे हैं।
गांवों में शिक्षा से क्या जोड़ा
आतिशी और प्रवीण जब 2007 से लेकर 2012 तक गांव में कम्यून बनाकर काम कर रहे थे तब उन्होंने आर्गनिक फॉर्मिंग और कम्युनिटी लिविंग पर शिक्षा के अलावा काम किया। गांवों में अपने शैक्षिक अभियान में उन्होंने इन दोनों चीजों को जोड़ा।
तब आतिशी ने पति के सरनेम को नाम से जोड़ा
आतिशी और प्रवीण सिंह की शादी कुछ साल पहले हुई। इसके बाद ही उन्होंने पति के सरनेम को अपने नाम आतिशी मर्लेना के साथ जोड़ा। प्रवीण सिख राजपूत हैं लेकिन हमेशा मानवता और मूल्यों पर जोर देते रहे हैं। खबरें ये भी कहती हैं कि उन्हें अपनी पत्नी के काम पर गर्व है।
हालांकि ये कहना बहुत मुश्किल है कि प्रवीण सिंह पत्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम आवास में रहेंगे। वह चुपचाप अपना काम करने में यकीन रखते हैं और शायद वह ऐसा ही अब भी करते रहेंगे।
आतिशी का बनारस से संबंध
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का संबंध बनारस से भी है। बनारस उनकी ससुराल है। उनका विवाह 2006 में प्रवीण सिंह से हुआ था। एक ख्यात शिक्षाविद परिवार के सुपुत्र प्रवीण से उनका परिचय दिल्ली में ही अध्ययन के दौरान हुआ था। प्रवीण ने आइआइटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद आइआइएम अहमदाबाद से एमबीए किया। फिर अमेरिका और इंग्लैंड में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया। मूल रूप से मीरजापुर निवासी प्रवीण अब आदिवासियों के बीच रहकर उनके उत्थान के लिए कार्य करते हैं।