Haryana Election 2024: राजीव जैन के पर्चा उठाने से सोनीपत सीट पर बदले समीकरण, जानें सभी सीटों को हाल

हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन और राजीव जैन को मनाने उनके आवास पर पहुंचे।

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Haryana Election 2024: नामांकन वापसी के बाद जिले की सभी छह सीटों पर राजनीतिक तस्वीर साफ हो चुकी है। इन छह सीटों पर 65 प्रत्याशी धुआंधार चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।सोनीपत सीट पर राजीव जैन के नामांकन वापस लेने से अब समीकरण बदल गए हैं। पहले उनके चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था, अब उनके मैदान से हटने के बाद भाजपा का मुकाबला सीधा कांग्रेस से हो गया है। पूरे प्रदेश में सुरेंद्र पंवार अकेले ऐसे प्रत्याशी हैं जो जेल से चुनाव लड़े रहे हैं। गोहाना, बरोदा व खरखौदा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को हुड्डा का सहारा है, वहीं गन्नौर में कांग्रेस प्रत्याशी हुड्डा के साथ अपनी छवि को भुना रहे हैं। वहीं राई में कांग्रेस से नए सूरमा मैदान में हैं, उन्हें कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक के साथ जनसेवा का सहारा है।वहीं सत्ता विरोधी लहर को रोकने के लिए भाजपा ने सभी छह सीटों पर पिछले चुनाव के अपने सभी प्रत्याशियों को बदल दिया है।जिले की सभी छह सीटों पर जातीय समीकरण बदल रहे हैं।

सोनीपत : मुख्यमंत्री के मनाने से राजीव जैन मैदान से हटे

 

शहर में भाजपा ने पंजाबी कार्ड खेलते हुए मेयर निखिल मदान को प्रत्याशी बनाया है। शहर में पंजाबियों के 70 हजार से अधिक वोट हैं। वहीं कांग्रेस ने मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार पर ही भरोसा जताया है लेकिन पिछले दिनों ईडी ने पंवार को अवैध खनन और मनी लांड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन्होंने जेल से ही नामांकन भरा था, अब वे जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। भाजपा से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे राजीव जैन ने सीएम के कहने से नामांकन उठा लिया। उनके मैदान से हटने के बाद बन रहा त्रिकोण समाप्त हो गया है, अब भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला है।

राई : जाट के सामने जाट, सीधा मुकाबला

 

दिल्ली से सटी राई सीट पर भाजपा की पूर्व मंत्री कृष्णा गहलावत के सामने कांग्रेस ने नए सूरमा जयभगवान आंतिल को उतारा है। यहां पर दोनों पार्टियों ने जाट प्रत्याशियों को उतारा है। इस सीट पर चौहानों, आंतिलों के अधिक गांव हैं। यही वोटर हार-जीत तय करते हैं। कृष्णा गहलावत वर्ष 2014 में यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन वह तीसरे नंबर पर रही थीं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जयभगवान को पार्टी के परंपरागत वोटबैंक के साथ कई साल से की जा रही जनसेवा का सहारा है।इन्हीं दोनों मेें मुख्य मुकाबला है। निर्दलीय प्रत्याशी प्रतीक राजकुमार शर्मा भी जनसेवा के सहारे मैदान में हैं।

गन्नौर : त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी सीट

 

गन्नौर में भाजपा ने मौजूदा विधायक निर्मल चौधरी का टिकट काटकर पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक को मैदान में उतारा है।देवेंद्र कौशिक का पैतृक गांव समसपुर गामड़ा भी इसी हलके में है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलदीप शर्मा पर ही भरोसा जताया है। वहीं भाजपा से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे देवेंद्र कादियान दोनों प्रत्याशियों को चुनौती दे रहे हैं। यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है।ब्राह्मण वोटबैंक के बंटवारे के पार्टियों का जातिगत वोटर जीत-हार के समीकरण तय करेंगे।यमुना बेल्ट गांव में विकास कार्य यहां पर बड़ा मुद्दा हैं।

खरखौदा : पुराने प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने

आरक्षित खरखौदा हलके में पिछले चुनाव में कांग्रेस के जयवीर वाल्मीकि के सामने जजपा के पवन खरखौदा थे। अब पवन खरखौदा जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इस सीट पर जयवीर वाल्मीकि और पवन खरखौदा आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में पवन खरखौदा मामूली मार्जिन से हारे थे। पवन खरखौदा पुरानी हार को जीत में बदलने के लिए पसीना बहा रहे हैं, जबकि जयवीर वाल्मीकि तीसरी बार विधायक बनने के लिए मैदान में हैं। जयवीर को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सहारा है। हलके गांव मटिंडू में हुड्डा की ससुराल है।

बरोदा : निर्दलीय कपूर ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय

बरोदा में कांग्रेस के मौजूदा विधायक इंदुराज नरवाल मैदान में हैं। वहीं डा. कपूर सिंह नरवाल ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अन्याय का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय पर्चा भर दिया था। कपूर का कहना है कि हुड्डा ने अपना वादा नहीं निभाया। कांग्रेस छोड़ने के बाद कपूर नरवाल को भाजपा से टिकट की आस थी लेकिन भाजपा ने पूर्व सांसद किशन सिंह सांगवान को टिकट दिया। कपूर के निर्दलीय मैदान में आने से बरोदा में अब तीनों में टक्कर दिखाई दे रही है।

गोहाना : मुकाबला जाट बनाम ब्राह्मण हुआ

यहां पर कांग्रेस ने पांच बार के विधायक जगबीर मलिक को मैदान में उतारा था। वहीं भाजपा ने पूरा मंथन करने के बाद रोहतक के पूर्व सांसद डा. अरविंद शर्मा को टिकट दिया। उन्हें टिकट देने का विरोध भी हुआ, विरोध करने वालों ने अपना अलग प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया लेकिन प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें मना लिया। इसके बाद विरोध करने वालों ने प्रत्याशी नहीं उतारने की बात कही लेकिन उन्होंने अरविंद शर्मा का साथ देने से भी मना कर दिया। दो-तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी यहां पर ताल ठोक रहे हैं, यह चुनाव को कितना प्रभावित करेंगे यह देखने वाली बात होगी।’

 

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