Kaithal News: राइस मिलरों की हड़ताल खत्म, तीनों मंडियों में धान उठान में आई तेजी

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: राइस मिलरों की हड़ताल खत्म होने के बाद अब शहर की तीनों प्रमुख मंडियों में धान के उठान का काम तेजी से शुरू हो गया है, जिससे किसानों और आढ़तियों को काफी राहत मिली है। हड़ताल के कारण मंडियों में खरीद प्रक्रिया रुकी हुई थी, जिससे किसानों को अपने धान को बेचने में दिक्कत हो रही थी। हालांकि, मंगलवार शाम को चुनाव परिणामों के बाद मिलरों ने किसानों और आढ़तियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हड़ताल समाप्त कर दी थी।

बुधवार को मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने मंडियों में सड़क पर धान रखने वाले 15 आढ़तियों को नोटिस भी जारी किया था। अब राइस मिलों द्वारा खरीद शुरू होने के बाद मंडियों में लगने वाले जाम की समस्या भी दूर होती नजर आ रही है।

धान की खरीद के आंकड़े

डीसी डॉ. विवेक भारती के अनुसार, अब तक जिले की विभिन्न मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 1,80,750 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 1,989 मीट्रिक टन, हैफेड ने 28,597 मीट्रिक टन और हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने 50,949 मीट्रिक टन धान खरीदा है।

मंडियों में धान की आवक

 

नौ अक्तूबर तक विभिन्न मंडियों में धान की खरीद का आंकड़ा इस प्रकार है:

अरनौली मंडी: 2,335 मीट्रिक टन
बाबा लदाना मंडी: 1,162 मीट्रिक टन
भागल मंडी: 1,001 मीट्रिक टन
ढांड: 11,120 मीट्रिक टन
पुरानी मंडी कैथल: 2,853 मीट्रिक टन
नई अनाज मंडी: 23,488 मीट्रिक टन
अतिरिक्त नई अनाज मंडी: 27,858 मीट्रिक टन
कलायत मंडी: 608 मीट्रिक टन
पाई मंडी: 738 मीट्रिक टन
पूंडरी: 9,270 मीट्रिक टन
राजौंद: 701 मीट्रिक टन
रामथली: 7,541 मीट्रिक टन
सीवन मंडी: 9,501 मीट्रिक टन
ट्रांसपोर्ट नगर कैथल मंडी: 971 मीट्रिक टन

 

डीसी ने किसानों से अपील की है कि वे धान को पूरी तरह सुखाकर मंडी में लाएं, ताकि खरीद प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सके। साथ ही उन्होंने किसानों से फसल अवशेषों को जलाने से बचने की भी अपील की, ताकि इन अवशेषों को चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सके और जमीन की उर्वरक क्षमता भी बढ़ाई जा सके।

राजौंद में धान खरीद न होने से किसानों का प्रदर्शन

 

राजौंद: अनाज मंडी राजौंद में धान की खरीद न होने पर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वीरवार को दूसरे दिन भी किसानों ने मंडी के बाहर धरना देते हुए कैथल-असंध रोड पर जाम लगा दिया। सुबह करीब 10 बजे किसान मंडी में एकत्र हुए और एक घंटे तक सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार करते रहे। जब खरीद शुरू नहीं हुई, तो किसानों ने मंडी गेट के सामने मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया।

जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे तीन घंटे तक यातायात ठप रहा और वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान हरियाणा वेयरहाउस की डीएम सुनीता चहल, हैफेड के डीएम सुरेश कुमार, और थाना प्रभारी इंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए वाहनों को अन्य मार्गों की ओर मोड़ना शुरू कर दिया।

खरीद पर चर्चा, समाधान नहीं

मंडी में धान की खरीद को लेकर दोनों डीएम अधिकारियों और आढ़तियों के बीच लंबी बातचीत हुई, लेकिन खरीद प्रक्रिया को लेकर कोई समाधान नहीं निकल सका। मंडी में आए मिलर भी बिना किसी समाधान के वापस लौट गए।

डीएम सुनीता चहल ने किसानों को आश्वासन दिया कि गुहला-चीका और ढांड से मिलर आ रहे हैं और उनके आने के बाद धान की खरीद शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शुक्रवार से खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने लगेगी।

किसानों की चेतावनी

हालांकि, किसानों ने चेतावनी दी कि यदि शुक्रवार को भी खरीद शुरू नहीं हुई, तो वे सुबह 11 बजे फिर से सड़क पर जाम लगाने को मजबूर होंगे। किसानों ने बताया कि वे 1 अक्तूबर से धान लेकर मंडी में बैठे हैं, लेकिन कभी नमी ज्यादा बताकर तो कभी कम बताकर खरीद में देरी की जा रही है। इससे उन्हें मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।

किसानों की इस नाराजगी का असर अब मंडी और सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है, और यदि समाधान जल्द नहीं निकला, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

 

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