Haryana News: नायब सरकार में राजेश खुल्लर फिर होंगे सीपीएस, अफसरशाही में होगा बड़ा फेरबदल

राजेश खुल्लर
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana News: रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर एक बार फिर हरियाणा की नायब सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। तीसरी बार उन्हें मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव (CPS) के पद पर नियुक्त किया गया है। इस पद पर उनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के समकक्ष होगा। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने इस नियुक्ति को लेकर आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है। इससे पहले भी, खुल्लर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में इसी पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जब मार्च में बदलाव हुआ और नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब भी खुल्लर को मुख्य प्रधान सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।
राजेश खुल्लर का नाम हरियाणा की नौकरशाही में एक अनुभवी और प्रभावशाली अधिकारी के रूप में लिया जाता है। उनकी गिनती न केवल पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विश्वासपात्र अधिकारियों में होती है, बल्कि भाजपा हाईकमान के साथ भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं। राजनीतिक संकटों के दौरान खुल्लर कई बार संकटमोचक के रूप में उभरे हैं। इस नई नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि सरकार और नौकरशाही में उनकी भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण होने वाली है। खासकर जब राज्य में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, खुल्लर की यह भूमिका और भी अहम हो जाएगी।
नौकरशाही में बदलाव की संभावना
राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में वापसी से यह संकेत मिलता है कि आगामी दिनों में प्रदेश की नौकरशाही में बड़े बदलाव हो सकते हैं। सरकार के पास कई अधिकारियों की रिपोर्ट है, जिन्होंने सरकार के खिलाफ काम किया है या जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है। ऐसे अधिकारियों को किनारे किया जा सकता है। दूसरी ओर, उन अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाएगा, जिन्होंने अपनी ड्यूटी को बेहतरीन तरीके से निभाया है और सरकार की नीतियों के प्रति वफादार रहे हैं। खुल्लर के आने से इन बदलावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद की जा रही है।
खुल्लर की पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रभाव
राजेश खुल्लर की छवि एक सुलझे हुए और दक्ष अधिकारी की रही है। उनकी न केवल प्रशासनिक समझ गहरी है, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी वह काफी सूझबूझ के साथ काम करते रहे हैं। यही वजह है कि हरियाणा की पिछली सरकारों में भी उन्होंने अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल ने उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना है। भाजपा हाईकमान के साथ उनके मजबूत रिश्ते ने भी उनकी इस महत्वपूर्ण पद पर वापसी में बड़ी भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ तालमेल
मार्च 2024 में जब हरियाणा की राजनीतिक स्थिति में बदलाव हुआ और नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब भी खुल्लर को सीपीएस का पद दिया गया था। इससे पता चलता है कि नायब सैनी और खुल्लर के बीच एक अच्छा तालमेल है, जो प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में मददगार साबित हो सकता है। खुल्लर की प्रशासनिक सूझबूझ और अनुभव के कारण नायब सैनी की सरकार को उनका सहयोग मिलना फायदेमंद साबित हो सकता है, विशेष रूप से तब जब राज्य में आगामी चुनावों की तैयारी की जा रही है।
राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव के रूप में वापसी से स्पष्ट है कि हरियाणा की नौकरशाही और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। उनकी अनुभव और प्रभावशीलता के कारण वह मुख्यमंत्री के लिए एक विश्वसनीय सहयोगी होंगे। आने वाले समय में खुल्लर की भूमिका न केवल सरकार के निर्णयों में बल्कि आगामी चुनावों में भी अहम होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके मार्गदर्शन में नायब सैनी की सरकार किस प्रकार से अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करती है।
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