Haryana Air Pollution : कैथल में वायु प्रदूषण की मार से एक्यूआई का आंकड़ा 300 के पार, सांस के मरीजों को बाहर न निकलने की सलाह

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल में पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में वृद्धि के कारण जिले में लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। शुक्रवार को कैथल का AQI 311 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर के चलते जिला नागरिक अस्पताल में सांस की बीमारियों और आंखों में जलन के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। चिकित्सकों ने लोगों, विशेषकर सांस के मरीजों, को इस समय बाहर न निकलने की सलाह दी है।

नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी

 

नागरिक अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, आंखों के मरीजों की ओपीडी अब 200 तक पहुंच चुकी है, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या लगभग 100 के आसपास होती है। इसी तरह, सांस से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या 60 से अधिक हो गई है, जो सामान्य दिनों में 20 से 25 तक होती है। इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि मरीजों को उचित और त्वरित इलाज मिल सके। अस्पताल में आने वाले मरीजों को प्रदूषण से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जैसे कि मास्क पहनना, घर के अंदर रहना और खुले में कम से कम समय बिताना।

पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं

 

शुक्रवार को पराली जलाने के छह नए मामले दर्ज किए गए, जिससे जिले में अब तक 106 मामले हो चुके हैं। हालांकि, इन मामलों में अभी तक किसी भी किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता जगदीश मलिक के अनुसार, किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक दो लाख रुपये का जुर्माना भी इन किसानों पर लगाया जा चुका है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि किसानों को पराली प्रबंधन के अन्य विकल्पों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके।

वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन मांडले ने बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञों और सांस रोग विशेषज्ञों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा, अस्पताल में आने वाले मरीजों को प्रदूषण से बचाव के तरीके समझाए जा रहे हैं। प्रदूषण के कारण लोगों में आंखों में जलन, खुजली, पानी आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और पहले से ही सांस या हृदय रोग से पीड़ित लोग इस प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि

शुक्रवार को वायु प्रदूषण का स्तर दिनभर बढ़ता रहा। सुबह 6 बजे AQI 294 था, जो धीरे-धीरे बढ़कर 311 तक पहुंच गया। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि 300 से ऊपर का AQI स्तर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

समाधान की दिशा में कदम

हालांकि, प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली जलाने के बजाय वैकल्पिक उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अभी भी दूर दिखता है। पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने और किसानों को स्थायी समाधान देने की आवश्यकता है, ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर प्रदूषण से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने और उनके उपचार के लिए उचित कदम उठाने होंगे।

इस बढ़ते प्रदूषण के समय आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है। मास्क पहनना, घर के अंदर रहना और जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलना इस समय के सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं।

 

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