भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा बोले- EVM गड़बड़ी पर कोर्ट जाएंगे​​​​​​​, चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार कर रहे

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़/पटना: Haryana Election Results : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने चुनाव परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ईवीएम में धांधली की शिकायत की है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्‌डा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत की है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि कहीं ऐसा न हो जाए कि मानव पर मशीन भारी पड़ जाए। अगर जरूरत पड़ी, तो पार्टी अदालत का भी रुख करेगी। हुड्‌डा ने यह बयान बिहार के पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।

चुनाव में कांग्रेस को मिली हार और EVM पर सवाल

 

हरियाणा चुनावों में कांग्रेस को उम्मीद से कम सीटें मिलीं, जबकि प्रदेश में माहौल पार्टी के पक्ष में था। कांग्रेस केवल 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया। कांग्रेस के कई नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया और पार्टी दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलकर इस मुद्दे को उठाया। कांग्रेस का दावा है कि 20 सीटों पर मतगणना में गड़बड़ी की गई थी, जिसकी सूची उन्होंने आयोग को सौंपी है।

ईवीएम बैटरी चार्जिंग का तर्क

कांग्रेस ने मतगणना के दिन ईवीएम की बैटरी चार्जिंग के मुद्दे को भी उठाया। पार्टी का कहना है कि जिन ईवीएम की बैटरी 99% चार्ज थी, उनमें भाजपा को बड़ी लीड मिली, जबकि जिन ईवीएम की बैटरी 70-75% तक थी, उनमें कांग्रेस को बढ़त हासिल हुई। कांग्रेस ने सवाल किया कि दिनभर वोटिंग होने के बावजूद ईवीएम की बैटरी 99% कैसे रह सकती है? इसी आधार पर पार्टी ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई है और चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की है।

चुनाव आयोग का जवाब

इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ तौर पर कहा था कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि ईवीएम की बैटरी सिंगल यूज होती है, जैसे कि कैलकुलेटर की बैटरी। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं होती, जो चार्ज होती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईवीएम कम वोल्टेज पर भी काम करती है और मॉक पोल के दौरान बैटरी का स्तर 99% दिखाई देता है। इसके अलावा, जब बैटरी 7.4% से कम हो जाती है, तो मशीन कम बैटरी का संकेत देती है।

सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की याचिका खारिज

ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने 20 सीटों पर वोटिंग और काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई। अदालत ने कहा, “क्या आप चाहते हैं कि हम नई सरकार का शपथ ग्रहण रोक दें?” इसके साथ ही कोर्ट ने जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी और कागजात जमा करने का निर्देश दिया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला ​​​​​​की पीठ ने की थी।

गुटबाजी और भीतरघात ने भी बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और भीतरघात भी पार्टी की हार का एक बड़ा कारण बना। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी के नेतृत्व में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई, जिसने प्रदेश के 52 हारे हुए उम्मीदवारों से बातचीत की। उम्मीदवारों ने हार के लिए गुटबाजी और भीतरघात को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिली, उन्होंने विरोधियों को वोट दिलवाए और कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन नहीं किया। इसके अलावा, कुछ नेताओं ने जाट विरोधी ध्रुवीकरण को भी भाजपा की जीत का कारण बताया।

 

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