कैथल में गेहूं के बीज के लिए भटक रहे किसान: स्टॉक पर्याप्त, सरकारी रेट नहीं हुए तय

नरेंद्र सहारण, कैथल। Kaithal News: किसानों को इन दिनों सरकारी सिस्टम की उलझनों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। गेहूं की बिजाई का सीजन जोरों पर है, लेकिन सरकारी स्तर पर बीज की कीमत तय नहीं हो पाने के कारण किसानों को सरकारी केंद्रों से बीज नहीं मिल पा रहा। हर दिन किसान बीज के लिए सरकारी दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। सरकारी बीज केंद्र के पास पर्याप्त भंडार होने के बावजूद किसानों को हर बार यही जवाब मिल रहा है कि बीज का रेट अभी तय नहीं हुआ है।
देरी से बिजाई होने पर उपज में कमी आने की संभावना
कैथल के किसान बलविंदर सिंह ने बताया कि उनके खेत गेहूं की बिजाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। देरी से बिजाई होने पर उपज में कमी आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द ही बीज उपलब्ध नहीं कराती तो उन्हें मजबूरन प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम पर बीज खरीदना पड़ेगा। इससे उनकी लागत और आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। बलविंदर का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द बीज के दाम तय करने चाहिए ताकि किसान समय पर बिजाई कर सकें और अच्छी पैदावार ले सकें।
बीज नहीं मिल पा रहा
बालू गांव के किसान बलवान ने भी इसी समस्या को उजागर किया। उनका कहना है कि सरकारी गोदामों में बीज का पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन उन्हें बीज नहीं मिल पा रहा। उन्होंने बताया कि आधे से ज्यादा किसान गेहूं की बिजाई कर चुके हैं, जबकि कई अन्य किसान बीज की उपलब्धता के इंतजार में हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यदि जल्दी ही बीज नहीं मिला तो किसानों के कई खेत खाली रह जाएंगे और इससे कृषि उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बीज उपलब्ध नहीं कराया जा सकता
सरकारी बीज केंद्र के सेल्समैन मोहित कौशिक ने बताया कि उनके केंद्र पर 6 अक्टूबर से ही बीज का स्टॉक मौजूद है, लेकिन रेट तय न होने के कारण किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों से बात की, लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन मिला कि रेट जल्द तय कर दिया जाएगा। मोहित ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में रेट तय हो सकता है, जिससे किसानों की समस्या का समाधान हो सके।
जिले में बीज वितरण के लिए चार सरकारी केंद्र हैं, जिनमें से प्रत्येक केंद्र पर 1500 क्विंटल बीज पहले से ही उपलब्ध है। हर साल इन केंद्रों से लगभग 5000 क्विंटल बीज की बिक्री होती है, लेकिन इस बार रेट न होने के कारण बिक्री शुरू नहीं हो पा रही। किसानों को हर दिन इस असमंजस में समय गंवाना पड़ रहा है, जिससे उनके बिजाई के काम में देरी हो रही है।
बिजाई के इस महत्वपूर्ण समय में किसानों को बीज न मिल पाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार को चाहिए कि किसानों के इस संकट का संज्ञान लेकर जल्द से जल्द बीज का रेट तय करे, ताकि किसान अपने खेतों में समय पर बिजाई कर सकें।
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