Kaithal News: चीका में डीएपी खाद के लिए मारामारी, बैरंग लौट रहे किसान

नरेन्द्र सहारण, गुहला-चीका। Kaithal News: गुहला चीका क्षेत्र में गेहूं की बिजाई का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन इस बार किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या डीएपी खाद की कमी है। किसानों का कहना है कि पर्याप्त डीएपी खाद न मिलने के कारण उन्हें अपनी फसल की बिजाई में देरी करनी पड़ रही है, जिससे वे चिंतित और नाराज हैं। स्थिति ऐसी हो गई है कि कई किसान सुबह-सुबह सहकारी सोसाइटी के कार्यालय में खाद के लिए लंबी कतारों में लगने को मजबूर हैं, फिर भी अधिकांश किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

तीन किसानों को ही खाद मिली

 

रविवार को भी सैकड़ों किसान सुबह छह बजे से ही मंडी कोऑपरेटिव सोसाइटी कार्यालय पर खाद लेने के लिए कतार में खड़े हो गए थे। लगातार आठ घंटे तक इंतजार के बाद भी केवल तीन किसानों को ही खाद मिल पाई, जबकि बाकी किसान बैरंग लौटने पर मजबूर हो गए। इससे किसानों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि पिछले पंद्रह दिनों से वे लगातार डीएपी के लिए दुकानों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाद की कमी के चलते वे खाली हाथ लौट रहे हैं।

किसानों का कहना है कि डीएपी खाद के बिना खेत को अगली फसल के लिए तैयार करना बहुत मुश्किल है। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए डीएपी खाद महत्वपूर्ण है, और इसकी अनुपलब्धता से बिजाई में देरी होने से फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

प्रशासन का बयान

डीएपी खाद की कमी के सवाल पर कृषि विभाग चीका की एसडीओ, डॉ. कंचन कुमारी ने दावा किया है कि क्षेत्र में डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और इसकी पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद मंगाई गई है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर कोई दुकानदार खाद के साथ अनावश्यक दवाइयां बेचने का प्रयास करता है तो उसकी शिकायत कृषि विभाग में की जाए, ताकि उस पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

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स्थिति की गंभीरता और किसानों की मांग

किसानों के अनुसार, वे पहले से ही कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में खाद की कमी उनके लिए एक और चुनौती बन गई है। कई किसानों ने यह भी मांग की कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाले ताकि समय पर गेहूं की बिजाई की जा सके।

 

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