Bashar Al Assad: सीरिया के राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भागे, रूस ने शरण दी; विद्रोहियों की 11 दिनों में निर्णायक जीत

दमिश्क : Bashar Al Assad: सीरिया के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ आया जब विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। महज 11 दिनों के भीतर यह लड़ाई असद शासन के 53 वर्षों के अंत का प्रतीक बन गई। रविवार तड़के विद्रोही राजधानी में घुसे और बिना किसी बड़े प्रतिरोध के हवाई अड्डे, सरकारी प्रसारण केंद्र और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर कब्जा कर लिया। दमिश्क में तैनात सेना ने कोई रोकथाम नहीं की।

असद का पतन और निर्वासन

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद, जो 2000 से सत्ता में थे, अपनी पत्नी अस्मा और बच्चों के साथ रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं। रूस ने असद परिवार को शरण दी है और सीरिया में शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की अपील की है। विद्रोहियों की तेजी और निर्णायक प्रहार ने असद के सबसे बड़े समर्थकों रूस और ईरान को भी झकझोर दिया।

रूस ने शुक्रवार को ही अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी थी, जबकि ईरान ने भी अपने अधिकारियों को सुरक्षित निकालने का प्रबंध किया। लेकिन यह अपेक्षा नहीं थी कि बशर अल-असद इतनी जल्दी मैदान छोड़ देंगे।

विद्रोहियों की अप्रत्याशित प्रगति

दमिश्क पर कब्जे से पहले विद्रोही गुटों ने अलेप्पो, हामा, दीर अल-जोर, दारा और सुवेदा जैसे प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था। होम्स, जो सीरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, पर भी विद्रोहियों ने मामूली प्रतिरोध के बाद कब्जा कर लिया। शनिवार-रविवार की रात दमिश्क तक पहुंचते हुए विद्रोहियों ने बिना खून-खराबे के राजधानी पर नियंत्रण कर लिया।

इस निर्णायक प्रहार ने न केवल असद शासन का अंत किया बल्कि सीरिया की सेना को भी अलग-थलग कर दिया। प्रधानमंत्री मुहम्मद गाजी अल-जलाली ने विद्रोहियों का साथ देना उचित समझा और चुनावों के माध्यम से सत्ता हस्तांतरण का सुझाव दिया। सेना ने भी विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष करने से इनकार करते हुए बैरकों में लौटने का फैसला किया।

विद्रोहियों की कार्रवाई और लूटपाट

दमिश्क में प्रवेश के बाद विद्रोहियों ने जेलें खोल दीं और कैदियों को मुक्त कर दिया। आम नागरिकों और विद्रोहियों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया, वहां रखे सामान को लूट लिया। इस बीच, राजधानी के प्रमुख चौक पर विरोधियों और नागरिकों ने जश्न मनाया।

सीरिया में 53 वर्षों का असद शासन समाप्त

1971 में हाफिज अल-असद के सत्ता में आने के बाद सीरिया पर असद परिवार का शासन रहा। हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद 2000 में बशर अल-असद ने राष्ट्रपति का पद संभाला। 2011 से गृहयुद्ध की आग में जलते सीरिया में रूस और ईरान के समर्थन के बावजूद असद का शासन 2024 में समाप्त हो गया।

रूसी सैन्य हस्तक्षेप ने असद को लंबे समय तक सत्ता में बनाए रखा, लेकिन फरवरी 2022 से जारी यूक्रेन युद्ध ने रूस की सैन्य क्षमताओं को प्रभावित किया। यह कमजोरी विद्रोहियों के पक्ष में गई और सीरिया में असद का शासन गिर गया।

पलायन और मानवीय संकट

दमिश्क, अलेप्पो और होम्स जैसे प्रमुख शहरों पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए। अब तक चार लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं, और आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ने की संभावना है।

इस मानवीय संकट से पड़ोसी देश चिंतित हैं। जॉर्डन और लेबनान ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं, लेकिन शरणार्थियों की बाढ़ को रोकने की उनकी क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।

लड़ाकों ने दमिश्क में कई जगह असद परिवार की निशानियों को नष्ट करना शुरू कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति और बशर के पिता हाफिज अल-असद के स्टैच्यू को रौंदता विद्रोही।

ईरानी दूतावास पर कब्जा और तोड़फोड़

विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जे के तुरंत बाद ईरानी दूतावास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की। हालांकि, बड़े ईरानी अधिकारी पहले ही वहां से सुरक्षित निकल चुके थे। ईरान ने बयान दिया है कि उसके सभी राजनयिक सुरक्षित हैं।

सेना का प्रतिरोध जारी

हालांकि राजधानी दमिश्क में सेना ने विद्रोहियों का मुकाबला नहीं किया, लेकिन हामा और होम्स के कुछ इलाकों में लड़ाई जारी है। सेना ने कहा है कि वह आतंकवादी गुटों से लड़ाई जारी रखेगी।

रूस और ईरान की प्रतिक्रिया

रूस ने पुष्टि की है कि असद ने सीरिया छोड़ने से पहले सत्ता हस्तांतरण का आदेश दिया। हालांकि, रूस ने अपने सैन्य अड्डों की स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया।

ईरान ने भी कहा है कि सीरिया के भविष्य का फैसला केवल वहां के नागरिकों को करना चाहिए। विदित हो कि ईरान ने 2011 से जारी गृहयुद्ध के दौरान असद को समर्थन देने में अरबों डॉलर खर्च किए थे।

अमेरिका समर्थित एसडीएफ की भूमिका

सीरिया में अमेरिका समर्थित कुर्द संगठन एसडीएफ (सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस) भी लड़ाई छेड़े हुए है। एसडीएफ ने सरकारी सेना और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उत्तरी सीरिया के मनबीज शहर में एसडीएफ की लड़ाई जारी है।

आगे की राह

सीरिया अब राजनीतिक और सामाजिक पुनर्गठन के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। असद शासन का अंत और विद्रोहियों का उदय इस बात का संकेत है कि देश में स्थिरता आने में समय लगेगा। विद्रोही गुटों के बीच शक्ति संतुलन और क्षेत्रीय प्रभाव का संघर्ष भविष्य में सीरिया के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को आकार देगा।

यह लड़ाई भले ही बिना बड़े खून-खराबे के समाप्त हुई हो, लेकिन इसके प्रभाव दीर्घकालिक होंगे। सीरिया के लोग अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया और स्थिरता की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह राह आसान नहीं होगी।

 

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