Kaithal News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ गुस्सा, महंतों सहित सामाजिक और हिंदू संगठनों में जताई नाराजगी
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और अत्याचारों के खिलाफ सोमवार को भारतीय हिंदू संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का आयोजन “बांग्लादेश हिंदू रक्षा समिति” के बैनर तले किया गया, जिसमें जिलेभर के महंतों, सामाजिक संगठनों और हिंदू संगठनों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई।
जवाहर पार्क में जुटे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी सबसे पहले जिले के जवाहर पार्क में एकत्रित हुए। वहां पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला उपायुक्त (डीसी) प्रीति ने एसडीएम कैथल को ज्ञापन लेने के लिए भेजा। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की।
महंतों और सामाजिक संगठनों के नेताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। मंदिरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, और हिंदुओं की संपत्तियों पर कब्जा किया जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, लूट और हत्याएं हो रही हैं। वक्ताओं ने कहा कि यह न केवल मानवाधिकारों का हनन है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए एक काला अध्याय है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार आयोग पर सवाल
महंत ईश्वर दास ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र संघ और मानवाधिकार आयोग की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र, जो छोटे-छोटे विवादों में शांति सेना भेजने में सक्रिय रहता है, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप क्यों है? क्या हिंदुओं के मानवाधिकार मायने नहीं रखते? यह रवैया हिंदू समुदाय के प्रति दोगलापन दर्शाता है।”
ईश्वर दास ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाएं न केवल मानवाधिकार हनन हैं, बल्कि यह विश्व शांति के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की।
बांग्लादेश सरकार और पुलिस की भूमिका पर आरोप
कठवाड़ उदासीन अखाड़े के महंत त्रिवेणी महाराज ने बांग्लादेश की सरकार और वहां की पुलिस-सेना पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में पुलिस और सेना उपद्रवियों की मदद कर रही है। मुहम्मद यूसुफ, जिसे शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला, खुद हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र में शामिल हैं। हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय बांग्लादेश सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”
उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में कूटनीतिक कदम उठाए और वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
‘मोमबत्ती रुदन गैंग’ पर निशाना
विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर ‘मोमबत्ती रुदन गैंग’ की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “मानवाधिकार की दुहाई देने वाले लोग इस बार चुप क्यों हैं? बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार पर उनकी खामोशी उनके असली चेहरों को उजागर करती है।”
भारत सरकार से कार्यवाही की अपील
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक माध्यमों से भारत को बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहिए और वहां अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से यह भी अपील की कि बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों का उचित प्रबंधन किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि भारत हिंदुओं को सुरक्षा नहीं देगा, तो उनकी स्थिति और खराब हो जाएगी।
संदेश मानवता के नाम
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार केवल हिंदू समुदाय की समस्या नहीं है, यह मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और तत्काल कार्रवाई करें।
हिंदुओं की समस्याओं की अनदेखी नहीं करें
प्रदर्शन का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि हिंदू संगठनों का यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं को उनका हक और सुरक्षा नहीं मिल जाती। प्रदर्शनकारी यह संदेश देने में सफल रहे कि भारत और विश्व समुदाय को बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की समस्याओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इस प्रदर्शन ने न केवल बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि हिंदू समाज अपने लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए संगठित होकर खड़ा है।