Kaithal News: एक्सप्रेस-वे के पास खरक पांडवा गांव में पलट गई कार, बाल-बाल बचा चालक
नरेन्द्र सहारण, कलायत/कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के खरक पांडवा गांव में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा होते-होते टल गया। यह घटना दिल्ली-जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के पास सजूमा रोड पर हुई, जहां कीचड़ से भरी सड़क पर नियंत्रण खोने के बाद एक फार्च्यूनर गाड़ी खेतों में जा पलटी। गाड़ी में मौजूद चालक मंदीप इस हादसे में चमत्कारिक रूप से सुरक्षित बच गए।
कैसे हुआ हादसा?
सोमवार की सुबह करीब छह बजे, गांव दिल्लोंवाली निवासी मंदीप अपने मालिक को दिल्ली एयरपोर्ट से लाने के लिए रवाना हुए थे। सजूमा रोड पर पहुंचते ही गाड़ी कीचड़ से भरी सड़क पर रपट गई। गाड़ी ने कई पलटे खाए और खेतों में जा गिरी।
गाड़ी की हालत इतनी खराब हो गई कि आसपास के किसानों ने वाहन को तोड़कर चालक को बाहर निकाला। घटना को देख रहे लोगों का कहना था कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि मंदीप इस हादसे में बाल-बाल बच गए। हादसे की खबर सुनते ही गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
स्थानीय किसानों का गुस्सा
घटना के बाद इलाके के किसानों ने सड़क की दुर्दशा को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। किसान धर्मपाल सिंह ने कहा कि सड़क पर मरम्मत कार्य के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है। न तो सड़क पर सफेद पट्टियां बनाई गई हैं, न ही किनारे मजबूत वर्म तैयार किए गए हैं।
सड़क निर्माण में खामियां
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी की गई है। वर्म यानी सड़क के किनारे की सुरक्षा दीवार को मजबूत बनाने के बजाय ठेकेदारों ने मिट्टी उखाड़कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। इससे सड़क पर वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो गया है। कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़क पर सफर करना न केवल कठिन है, बल्कि जानलेवा भी हो सकता है।
सड़क सुरक्षा के इंतजाम नदारद
घटना से जुड़े लोगों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि हर दिन यहां दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। सजूमा रोड पर न तो पर्याप्त सुरक्षा संकेतक हैं, न ही रिफ्लेक्टिव पट्टियां। सड़क पर सफेद लाइनों का अभाव है, जिससे रात में गाड़ी चलाना और भी मुश्किल हो जाता है।
एक किसान ने बताया, “सरकारी अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा के नाम पर सिर्फ लीपापोती की है। सड़क निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री घटिया है, और सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।”
क्षतिग्रस्त वाहन और चालक का हाल
हादसे के बाद गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। खेतों में गाड़ी के पलटने से मिट्टी के ढेर और टूटे हुए हिस्से बिखर गए। चालक मंदीप को तुरंत घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। हालांकि, वे किसी बड़ी चोट से बच गए।
ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद इलाके के लोगों ने सजूमा रोड की तत्काल मरम्मत और सड़क सुरक्षा उपायों की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क पर सफेद पट्टियां, सुरक्षा संकेतक, और मजबूत वर्म तैयार नहीं किए जाते, तब तक इस सड़क पर हादसे होते रहेंगे।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया। हालांकि, अभी तक सड़क की मरम्मत को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन केवल आश्वासन देकर चुप बैठ जाते हैं।
सड़क हादसों का बढ़ता खतरा
सड़क सुरक्षा के अभाव में यह घटना अकेली नहीं है। इलाके के लोग बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में इस सड़क पर कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं। खराब सड़क और घटिया निर्माण सामग्री के चलते स्थानीय लोगों को हमेशा दुर्घटनाओं का डर सताता है।
सड़क मरम्मत के नाम पर लीपापोती
किसानों ने आरोप लगाया कि सड़क मरम्मत के दौरान ठेकेदारों ने मिट्टी उखाड़कर किनारे की दीवार (वर्म) को तैयार किया। इससे सड़क के पास गड्ढे और कमजोर हिस्से बन गए। यह खामी बरसात के मौसम में और अधिक गंभीर हो जाती है, जब सड़क पर पानी भर जाता है और कीचड़ का स्तर बढ़ जाता है।
सजग रहने की अपील
ग्रामीणों ने अन्य वाहन चालकों से अपील की है कि इस सड़क पर सावधानी से वाहन चलाएं। साथ ही उन्होंने सरकार से सड़क निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की मांग की।
प्रशासनिक लापरवाही
खरक पांडवा गांव की यह घटना खराब सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही का एक और उदाहरण है। यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल है। अगर समय रहते इस सड़क की मरम्मत और सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित नहीं किया गया, तो भविष्य में यहां और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि इस सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं, ताकि किसी और की जान खतरे में न पड़े।