Sonipat News: हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष गिरफ्तार, रिश्वत कांड में एसीबी का बड़ा एक्‍शन

नरेन्‍द्र सहारण, सोनीपत: Sonipat News: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल को उनके खरखौदा स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से पहले एसीबी की टीम ने हिसार में उनके ड्राइवर कुलबीर सिंह को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

शिकायत और गिरफ्तारी का घटनाक्रम

 

हिसार के रहने वाले जेबीटी शिक्षक अनिल ने एसीबी को इस रिश्वतखोरी की सूचना दी थी। अनिल की शादी झज्जर जिले के गांव रौद की नीलम से हुई थी, जो हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। शादी के बाद उनके पारिवारिक संबंध खराब हो गए, और नीलम ने 25 नवंबर 2024 को हरियाणा महिला आयोग में अनिल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

इस शिकायत के बाद उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने अनिल को कई बार अपने कार्यालय में बुलाया। करीब 15 दिन पहले उपाध्यक्ष के ड्राइवर कम पीए कुलबीर ने अनिल से कहा कि मामले को सुलझाने के लिए उन्हें एक लाख रुपये की रिश्वत देनी होगी। कुलबीर ने बताया कि उपाध्यक्ष ने 12 दिसंबर 2024 को यह राशि देने का निर्देश दिया था।

शिकायत के आधार पर एसीबी ने हिसार और खरखौदा में दो अलग-अलग टीमें लगाईं। पहली टीम ने हिसार में कुलबीर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। इसके बाद दूसरी टीम खरखौदा स्थित सोनिया अग्रवाल के आवास पहुंची, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए खरखौदा के विश्राम गृह ले जाया गया।

तलाशी और गिरफ्तारी का घटनाक्रम

 

एसीबी की टीम ने सोनिया अग्रवाल के घर की गहन तलाशी ली। हालांकि, उनके माता-पिता का कहना है कि टीम को घर से कोई नकदी या आपत्तिजनक दस्तावेज़ नहीं मिले। तलाशी के बाद सोनिया अग्रवाल को विश्राम गृह से सोनीपत के महिला थाने ले जाया गया, जहां उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में रोहतक स्थित एसीबी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कार्रवाई का नेतृत्व एसीबी यूनिट जींद के डीएसपी कमलजीत ने किया।

महिला आयोग की उपाध्यक्ष का सफर

 

सोनिया अग्रवाल खरखौदा की प्रताप कॉलोनी, वार्ड-9 की निवासी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षिका के रूप में की और कई स्कूलों में अध्यापन कार्य किया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में उन्हें महिला आयोग की सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। मार्च 2023 में उन्हें महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया गया। अक्तूबर 2023 में उन्हें हरियाणा पावर जनरेशन कॉर्पोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी शामिल किया गया था।

सोनिया अग्रवाल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से भी सक्रिय रूप से जुड़ी रहीं और उन्होंने महिला अधिकारों और विवाद निपटारे में अहम भूमिका निभाई। उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए वे महिला अधिकार जागरूकता और विवाद समाधान में सक्रिय रही हैं।

शिकायतकर्ता की कहानी

 

शिकायतकर्ता अनिल, जो जींद जिले के राजगढ़ गांव के निवासी हैं, ने एसीबी को बताया कि उनकी शादी के बाद पत्नी नीलम के साथ पारिवारिक विवाद शुरू हो गए थे। विवाद के चलते नीलम ने महिला आयोग में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। अनिल का आरोप है कि उपाध्यक्ष और उनके ड्राइवर ने इस मामले में निपटारे के लिए रिश्वत की मांग की।

एसीबी ने शिकायत की जांच में पाया कि कुलबीर ने रिश्वत की रकम लेने के लिए अनिल को स्पष्ट निर्देश दिए थे। इस आधार पर कार्रवाई करते हुए कुलबीर को गिरफ्तार किया गया और मामले की कड़ी सोनिया अग्रवाल तक पहुंची।

मामले में आगे की कार्रवाई

 

इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी ने हरियाणा की राजनीति और प्रशासन में हलचल मचा दी है। एसीबी की टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच में जुटी है। यह मामला महिला अधिकारों की संरक्षक मानी जाने वाली संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है।

सोनिया अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या महिला आयोग जैसी संस्था में भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों से महिलाओं को न्याय दिलाने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

परिवार और स्थानीय समुदाय का पक्ष

 

सोनिया अग्रवाल के माता-पिता ने इस मामले में एसीबी के साथ सहयोग करने की बात कही है। उनका कहना है कि सोनिया को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोग भी इस मामले में बंटे हुए हैं। कुछ लोग सोनिया की गिरफ्तारी को सही ठहरा रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीति से प्रेरित कदम मान रहे हैं।

एसीबी की सख्त कार्रवाई का संदेश

 

यह मामला राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की सख्त कार्रवाई का उदाहरण है। अधिकारियों का कहना है कि वे किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना ने प्रशासनिक हलकों में संदेश दिया है कि एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आगे की जांच में महिला आयोग की भूमिका और शिकायतकर्ता के आरोपों की सच्चाई सामने आएगी। हालांकि, सोनिया अग्रवाल की गिरफ्तारी ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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