कैथल में युवक को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर धोखाधड़ी:एजेंट ने हड़पे साढ़े 9 लाख रुपए, फर्जी वीजा थमा दिया, एफआईआर दर्ज

नरेंद्र सहारण, कैथल: Kaithal News: कैथल जिले के कलायत क्षेत्र में एक बार फिर धोखाधड़ी और ठगी का मामला प्रकाश में आया है, जिसमें एक कथित एजेंट ने युवक से लाखों रुपये की रकम हड़प ली और उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया। यह मामला समाज में जागरूकता और सुरक्षा की जरूरत को उजागर करता है कि कैसे अवैध तरीकों से लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया जाता है। इस रिपोर्ट में, हम इस घटना का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, आरोपियों की पहचान, पीड़ित की शिकायत, पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई, और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

युवक के साथ धोखाधड़ी का मामला

कैथल जिले के कलायत क्षेत्र में रहने वाले युवक आकाश ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने ऑस्ट्रेलिया जाने के सपने को साकार करने के लिए एक एजेंट पर भरोसा किया। एजेंट ने उसे विश्वास दिलाया कि वह उसकी सहायता से ऑस्ट्रेलिया का टूरिस्ट वीजा लगवाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो वर्क वीजा में भी कन्वर्ट कर देगा। लेकिन, जब उसने फर्जी वीजा प्राप्त किया और अपने कदम ऑस्ट्रेलिया की ओर बढ़ाने का प्रयास किया तो उसकी आंखें खुल गईं। वीजा फर्जी निकला और एजेंट ने उसके साथ धोखाधड़ी की। न केवल उसकी रकम हड़प ली गई, बल्कि उसे झूठे वीजा का झांसा भी दिया गया। यह मामला इतना ही नहीं थमा बल्कि जब पीड़ित ने विरोध किया तो आरोपी ने न केवल उसकी रकम वापस करने से इंकार कर दिया बल्कि उससे संपर्क भी टूट गया। पीड़ित ने अंततः पुलिस का सहारा लिया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

पीड़ित की शिकायत और आरोपियों की पहचान

आकाश की शिकायत के अनुसार, उसने ऑस्ट्रेलिया का टूरिस्ट वीजा लगवाने के लिए गांव राजापुर जिला पानीपत निवासी गुरपेज सिंह के साथ 14 लाख रुपये की बात तय की थी। शुरुआत में आरोपी ने अलग-अलग समय पर उससे 3 लाख 70 हजार रुपये कैश में और 5 लाख 79 हजार 700 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर के रूप में ले लिए। आरोपी ने आश्वासन दिया कि वह युवक का वीजा लगवाएगा और ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उसे वर्क वीजा में कन्वर्ट कर देगा। जून 2024 में आरोपी ने वीजा भेजने का दावा किया लेकिन जब युवक ने चेक किया तो पता चला कि वीजा फर्जी है।

पीड़ित ने बताया कि आरोपी गुरपेज सिंह ने मुझे झूठा वीजा दिखाकर धोखा दिया। जब मैंने उससे बात की तो उसने कहा कि यदि इस वीजा पर नहीं जाना है तो और पैसे देने होंगे। इस पर मैंने उसे 9 लाख 49 हजार 750 रुपये और दिए। इसके बाद वह फोन को बंद करने लगा और मेरे संपर्क में नहीं आया।”

जब पीड़ित उसके पानीपत स्थित ऑफिस GSS Global Overseas गया तो वहां भी कोई कर्मचारी नहीं मिला। इस तरह आरोपी ने युवक के साथ धोखाधड़ी की और उसकी रकम हड़प ली।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एफआईआर दर्ज

कलायत थाना के एसएचओ रामनिवास ने बताया कि, “पीड़ित की शिकायत पर हमने आरोपी गुरपेज सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है। आरोपी की तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” पुलिस ने यह भी कहा कि रोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और आईटी एक्ट के प्रावधान भी लागू किए गए हैं। जांच के आधार पर, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आरोपी का मामला और उसकी करतूत

गुरपेज सिंह का नाम इस धोखाधड़ी के मामले में सामने आया है, जो कथित तौर पर एक एजेंट का काम कर रहा था। उसने अपने क्लाइंट को विश्वास में लेकर लाखों रुपये हड़पे, और उसके सपनों का ख्वाब तोड़ दिया। यह आरोपी पहले भी अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो सकता है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी ने कितने और लोगों के साथ ऐसी धोखाधड़ी की है।

फर्जी वीजा का पर्दाफाश और उसके परिणाम

पीड़ित ने बताया कि, मेरे पास जो वीजा भेजा गया था, वह पूरी तरह से फर्जी था। मैंने कई बार उससे पूछा कि यह वीजा असली है या नहीं तो उसने मुझे भरोसा दिलाया कि यह वैध है। लेकिन जब मैंने वीजा को चेक किया, तो पता चला कि उसकी कोई भी कानूनी वैधता नहीं है।” फर्जी वीजा का यह मामला एक गंभीर अपराध है, जो न केवल युवक के भविष्य को खतरे में डालता है बल्कि देश-विदेश में भारत की छवि को भी खराब करता है।

आगे की जांच और रणनीति

 

पुलिस की टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। इसमें आरोपी के बैंक खातों, ऑफिस का पता, मोबाइल कॉल डिटेल और उससे जुड़े अन्य लोगों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। आगे की कार्रवाई में आरोपी के साथ जुड़े अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की भी तलाश की जाएगी। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह के फर्जीवाड़ों से युवा पीढ़ी को बचाया जा सके।

समाज में जागरूकता और सतर्कता का संदेश

 

यह घटना समाज में एक बड़ा संदेश देती है कि विदेश भेजने का सपना देखने वाले युवाओं को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी एजेंट या एजेंसी की विश्वसनीयता के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए।

साथ ही सरकार और पुलिस को चाहिए कि ऐसे फर्जी एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, ताकि इस तरह के अपराध रुक सकें। युवाओं को अपना पैसा सुरक्षित तरीके से निवेश करना चाहिए और किसी भी अनजाने व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले उसकी पहचान और विश्वसनीयता की जांच करनी चाहिए।

जागरूकता और सुरक्षा की दिशा में कदम

 

यह मामला हमें यह सिखाता है कि यदि हम सावधानी नहीं बरतेंगे और जागरूक नहीं होंगे, तो हमारा सपना और भविष्य खतरे में पड़ सकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच से अपराधियों को जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा। आशा है कि इस तरह के मामले फिर से न हों और युवा पीढ़ी सुरक्षित रहे। सरकार, पुलिस, समाज और परिवार सभी का दायित्व है कि वे मिलकर इस तरह के अपराधों को रोकें, ताकि हमारा समाज अधिक सुरक्षित और जागरूक बन सके।

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