रिस्पेक्ट इंडिया द्वारा सिंगापुर में राज कपूर शताब्दी समारोह का आगाज: भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास

सिंगापुर। भारतीय सिनेमा के महान शोमैन राज कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रिस्पेक्ट इंडिया द्वारा आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह का आगाज सिंगापुर में हो गया है। 27 जुलाई को सिंगापुर में प्रतिष्ठित प्रोफेसर बिमलेश बाधवा द्वारा इस भव्य समारोह के पोस्टर का विमोचन किया गया, जो 23 अगस्त को प्रस्तावित है। यह आयोजन न केवल राज कपूर की अद्वितीय कला और विरासत का सम्मान करेगा, बल्कि भारत और सिंगापुर के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
राज कपूर शताब्दी वर्ष समारोह समिति के सदस्य सर्वजीत दत्त और मणिकांत राय के साथ, रिस्पेक्ट इंडिया के महासचिव डॉ. मनीष कुमार चौधरी और वरिष्ठ प्रबंधक पलक श्रीवास्तव ने सिंगापुर टीम से मुलाकात की और इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम को आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। यह पहल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत-सिंगापुर संबंधों को सुदृढ़ करने का उद्देश्य
सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की वरिष्ठ प्रोफेसर बिमलेश बाधवा ने इस पहल का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भारत और सिंगापुर के रिश्तों को और मजबूत और समृद्ध करेंगे। राज कपूर जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित कलाकार के सम्मान में आयोजित यह समारोह, दोनों देशों के लोगों को एक साथ लाने और सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का साधन होगा, बल्कि यह दोनों राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करने का भी एक माध्यम बनेगा। यह सहयोग भविष्य में इसी तरह के और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे भारत और सिंगापुर के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।
आयोजन समिति: एक सशक्त नेतृत्व
इस भव्य शताब्दी वर्ष समारोह की कमान एक अत्यंत प्रतिष्ठित और अनुभवी समिति के हाथों में है। समारोह के अध्यक्ष केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी हैं, जो इस आयोजन को सरकार का महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करेंगे। उनकी अध्यक्षता इस समारोह की महत्ता और व्यापकता को दर्शाती है।
समारोह के उपाध्यक्ष के रूप में मनोज तिवारी, सांसद, लोक सभा, अपनी लोकप्रियता और सांस्कृतिक क्षेत्र में गहरी रुचि के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनके साथ ही प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और राज कपूर के लंबे समय से सहयोगी रहे राहुल रवैल भी उपाध्यक्ष के रूप में अपनी विशेषज्ञता और राज कपूर के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करेंगे। उनका जुड़ाव इस समारोह को एक प्रामाणिक और गहन आयाम प्रदान करेगा।
आयोजन समिति के प्रमुख सदस्यों में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हैं, जो इस समारोह को बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करेंगे:
डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र: कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनकी गहन जानकारी और अनुभव इस समारोह को अकादमिक और कलात्मक गहराई प्रदान करेगा।
विकास सिंह, सीनियर अधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष: कानूनी विशेषज्ञता के साथ, वे आयोजन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
प्रो. अनिल कुमार, प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स: आर्थिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए, वे आयोजन की व्यापकता में सहायता करेंगे।
प्रो. विजयलक्ष्मी नंदा, प्रिंसिपल, मिरांडा हाउस: शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र से आने वाली, वे समारोह में एक समावेशी दृष्टिकोण लाएंगी।
अनंत विजय, प्रखर पत्रकार एवं फिल्म अध्येता: उनकी पत्रकारिता और फिल्म अध्ययन की विशेषज्ञता राज कपूर के जीवन और कार्य पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करने में सहायक होगी।
यतीन्द्र मिश्र, कला, साहित्य एवं फिल्म विशेषज्ञ: उनकी कला, साहित्य और फिल्म के प्रति गहरी समझ समारोह में बौद्धिक और कलात्मक समृद्धि लाएगी।
यह सशक्त और विविधतापूर्ण समिति सुनिश्चित करेगी कि राज कपूर शताब्दी वर्ष समारोह अपनी भव्यता, सांस्कृतिक प्रासंगिकता और अंतरराष्ट्रीय पहुंच में अद्वितीय हो।
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वैश्विक स्तर पर राज कपूर का सम्मान
यह शताब्दी वर्ष समारोह केवल सिंगापुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बहु-शहरीय आयोजन है जो राज कपूर की वैश्विक अपील और विरासत को दर्शाता है। सिंगापुर के अलावा यह कार्यक्रम दिल्ली, मुंबई के साथ-साथ मॉरिशस, उज़्बेकिस्तान, मास्को और काठमांडू में भी आयोजित किए जाएंगे। इन विभिन्न स्थानों पर आयोजन का उद्देश्य राज कपूर की कला और सिनेमाई विरासत को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना है, जो दशकों से दुनिया भर के फिल्म प्रेमियों को प्रेरित करती रही है।
दिल्ली और मुंबई: भारतीय सिनेमा के केंद्र होने के नातेये शहर राज कपूर के भारतीय प्रशंसकों के लिए महत्वपूर्ण आयोजन स्थल होंगे।
मॉरिशस, उज्बेकिस्तान, मास्को और काठमांडू: इन देशों में राज कपूर की फिल्मों की लोकप्रियता अभूतपूर्व रही है, और इन स्थानों पर समारोह आयोजित करना उनकी अंतरराष्ट्रीय अपील को मान्यता देने का एक तरीका है। विशेष रूप से रूस (मास्को) में राज कपूर एक सांस्कृतिक प्रतीक थे, और वहां का आयोजन उनके प्रति अगाध प्रेम को पुनः प्रदर्शित करेगा।
इन सभी स्थानों पर होने वाले समारोहों में राज कपूर की फिल्मों का प्रदर्शन, उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनियां, पैनल चर्चाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल होने की संभावना है, जो उनके कलात्मक योगदान को विभिन्न कोणों से उजागर करेंगी।
राज कपूर: एक महान शोमैन की विरासत
राज कपूर (1924-1988) भारतीय सिनेमा के एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने न केवल अभिनय और निर्देशन में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान भी दिलाई। उन्हें अक्सर “भारत के चार्ली चैपलिन” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्मों में आम आदमी के संघर्षों, सपनों और भावनाओं को बड़े ही संवेदनशील तरीके से दर्शाया।
उनकी फिल्में जैसे “आवारा”, “श्री 420”, “जागते रहो”, “संगम” और “मेरा नाम जोकर” आज भी क्लासिक मानी जाती हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों को उठाया, मानवीय मूल्यों को महत्व दिया और संगीत को अपनी कहानियों का अभिन्न अंग बनाया। राज कपूर ने आर.के. फिल्म्स नामक अपना स्वयं का स्टूडियो भी स्थापित किया, जिसने भारतीय सिनेमा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा। सोवियत संघ, मध्य पूर्व, अफ्रीका और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में उनकी फिल्मों को अपार लोकप्रियता मिली। उनकी फिल्मों ने भाषाई और सांस्कृतिक बाधाओं को पार किया, जिससे वे एक सच्चे वैश्विक कलाकार बन गए। उनकी कला में एक सार्वभौमिक अपील थी, जो खुशी, दुख, प्रेम और आशा के मानवीय अनुभवों को दर्शाती थी।
सांस्कृतिक कूटनीति का एक नया अध्याय
सिंगापुर में राज कपूर शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ भारत की सांस्कृतिक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह न केवल एक महान कलाकार को श्रद्धांजलि है, बल्कि यह दो मित्र राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मजबूत संबंधों का प्रतीक भी है। यह आयोजन भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करने और विश्व स्तर पर सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने का एक अवसर है।
रिस्पेक्ट इंडिया और आयोजन समिति का यह प्रयास सराहनीय है और उम्मीद है कि यह समारोह भारत और सिंगापुर के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए रास्तों को खोलेगा, जिससे दोनों देशों के लोगों को एक दूसरे की संस्कृति और विरासत को समझने का बेहतर अवसर मिलेगा। 23 अगस्त को सिंगापुर में होने वाला यह कार्यक्रम निश्चित रूप से भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।