Corona New Variant: देश में कोविड मामलों में फिर तेजी, केरल की एक महिला में JN.1 की पुष्टि, WHO ने सदस्य देशों को किया अलर्ट

नई दिल्ली, एजेंसी: देशभर में बीते एक सप्ताह से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को देश में कोविड के 335 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद एक्टिव मामलों की संख्या 1700 के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही केरल में एक मरीज में कोविड के सब वैरिएंट JN.1 की भी पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि भारत में इस समय 90 प्रतिशत से अधिक कोविड-19 के मामले हल्के लक्षण वाले हैं और घर पर ही ठीक हो रहे हैं। कोविड से जान गंवाने वाले लोगों का प्रतिशत 1.19 है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में 220.67 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

केरल में पिछले कुछ दिनों में दो लोगों ने कोविड की वजह से जान गंवाई है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे पड़ोसी राज्यों में भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में कोझिकोड जिले के वट्टोली के 77 वर्षीय कलियाट्टुपरमबथ कुमारन और कन्नूर जिले के पनूर के 82 वर्षीय पलक्कंडी अब्दुल्ला शामिल हैं।

WHO ने सदस्य देशों को किया अलर्ट

सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों को आगाह किया है। डब्लूएचओ ने कहा है कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहे हैं। ऐसे में सभी सदस्य देश अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें ताकि बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके। डब्लूएचओ ने कोविड19 पर संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान  केरखोव का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है और इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानी रखने की जरूरत है, उसकी भी जानकारी दी है।

सरकारों को कड़ी निगरानी करने की जरूरत

मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि सांस संबंधी बीमारियां दुनिया में लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरल, फ्लू, रिनो वायरस, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। सार्स कोव-2  लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें परिवार इकट्ठा होते हैं और बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं। ऐसे में सरकारों को कड़ी निगरानी करने की जरूरत है।

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों को लागू करें

केरखोव ने कहा कि लोग सर्दियों के मौसम में ज्यादा वक्त घर के अंदर गुजारते हैं। ऐसे में अगर घर में वेंटिलेशन का अभाव है तो ऐसे में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि पश्चिमी देशों में इन दिनों क्रिसमस की छुट्टियां होने वाली हैं। यही वजह है कि कोरोना या अन्य सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैल रहा है और फिलहाल कोरोना के 68 फीसदी मामले सबवैरिएंट जेएन.1 की वजह से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सदस्य देशों से अपील की है कि वह मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों को लागू करें और कड़ी निगरानी करें।

भारत में सबसे पहले कहां मिला सब-वेरिएंट?

समाचार एजेंसी के मुताबिक, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में JN.1 संक्रमण का पता चला। यह शख्स तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी है और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी। तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में JN.1 से संक्रमण के मामले सामने आने के बावजूद मामलों में कोविड केस में इजाफा देखने को नहीं मिला है। भारत में JN.1 सब-वेरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है।

कहां से फैला कोविड का नया सब-वेरिएंट?

कोविड-19 के सब-वेरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से बाद ये कई देशों फैला। ये सब-वेरिएंट पिरोलो वेरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसमें होने वाले सबसे ज्यादा म्यूटेशन में छिपी हुई है, खासतौर पर स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन होता है। यही वजह है कि इसे इंसानी शरीर के इम्यूनिटी के खिलाफ भी खतरनाक बताया जा रहा है। इन्हीं वजहों के नए सब-वेरिएंट को लेकर सबसे ज्यादा टेंशन हो गई है।

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