Hit and Run: क्या है ‘हिट एंड रन’ का नया कानून जिसे लेकर बवाल काट रहे हैं ट्रक ड्राइवर,जानें- सबकुछ
नई दिल्ली, BNM News: Hit and Run New Rules: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) अब कानून बन चुका है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे। लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध का कारण है हिट एंड रन (Hit and Run) का नया कानून। नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना (Road Accident) में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
कई राज्यों में ट्रक चालक इस नए कानून का विरोध (Truck Driver Protest) कर रहे हैं। कुछ जगहों से चक्काजाम, अराजकता और पुलिस की ओर से हल्के बल प्रयोग की भी खबरें आई हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिट एंड रन को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसे लेकर विरोध क्यों हो रहा है और ट्रक ड्राइवरों का यह विरोध (truck drivers strike) कितना जायज है।
क्या ‘हिट एंड रन’ ( What ‘hit and run’)
ऐसे मामले जिनमें गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, उन मामलों को ‘हिट एंड रन’ केस माना जाता है। हिट एंड रन के मामलों में कई बार घायल शख्स को अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाने या प्राथमिक इलाज मिलने पर बचाया भी जा सकता है। पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी।
क्या कहता है नया नियम? ( What is New Rule of Hit And Run)
नया नियम कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा। कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्काजाम कर दिया है। न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो चालक भी इसका विरोध कर रहे हैं। नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे। उनका कहना है कि नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त हैं। इन्हें नरम किया जाए।
क्यों सख्त किया गया कानून? ( Why Hit And Run Laws Tightened)
आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती का कारण समझ आता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल 50 हजार लोग जान गंवाते हैं. विरोध करने वाले ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगा और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। अक्सर सड़क दुर्घटना के मामले में मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और गाड़ी चालक पर हमला कर देती है। कई बार यह हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक नहीं रुकती और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।
इन मामलों में मिलेगी राहत ( There will be relief in hit and run cases)
हालांकि नए कानून में ड्राइवरों को कुछ मामलों में राहत भी मिलेगी। अगर गाड़ी से टकराने वाला शख्स गलत तरीके से सड़क को पार करता है या गाड़ी के सामने आ जाता है तो ड्राइवर को अधिकतम पांच साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ेगा। लेकिन अगर टक्कर गलत ढंग से गाड़ी चलाने की वजह से होती है तो ड्राइवर को 10 साल जेल की सजा काटनी होगी।
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