जानें कौन हैं पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित, जिनके नेतृत्व में काशी से 69 विद्वान श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का करेंगे अनुष्ठान
वाराणसी, BNM News : श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कर्मकांड के समस्त अनुष्ठानों के मुख्य संचालक काशी के ख्यात कर्मकांडी विद्वान पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित मंगलवार को अयोध्या पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मुख्य लग्न में होने वाले अनुष्ठान के यजमान पीएम नरेन्द्र मोदी हैं। 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री इस दायित्व का निर्वहन करेंगे। सभी अनुष्ठान में वह रह नहीं सकते तो उसके लिए बाकी लोग दायित्व निर्वहन करेंगे।
कर्मकांड प्रमुख तीन वैदिक विद्वानों के साथ काशी से पहुंचे अयोध्या
अपने आवास के समीप गोलघर से सुबह 11.35 बजे रवाना होते समय मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 22 जनवरी से पहले शास्त्रों के विधान के अनुसार जल यात्रा, शोभा यात्रा, जलाधिवास, पुष्पाधिवास, शैयाधिवास, फलाधिवास, अन्नाधिवास आदि अधिवासन और हवन आदि कार्यक्रम होंगे। सभी वैदिक विद्वान और यजमान उनका निर्वहन करेंगे। पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के साथ पंडित जयराम दीक्षित, डा. माधव जनार्दन रटाटे, आशीष शुक्ला भी अयोध्या गए हैं।
लोगों ने हर-हर महादेव का जयघोष कर विदा किया
रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य जिम्मेदारी काशी के ब्राह्मणों को निभानी है। संपूर्ण अनुष्ठान के नेतृत्व काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के नेतृत्व में होगा। वह रविवार को ही छह विद्वानों के साथ अयोध्या पहुंच चुके हैं। सोमवार को 58 कर्मकांडी ब्राह्मण अयोध्या पहुंचे। इस प्रकार काशी से कुल 69 वैदिक विद्वान अयोध्या पहुंच गए हैं। काशी से जाने वाले विद्वानों में गुजरात, महाराष्ट्र, मप्र, बंगाल, उत्तराखंड, असम से आए विद्वान भी शामिल हैं। रवानगी के समय संतोष सोलापुरकर, प्रदीप पाठक, मकरंद म्हैसकर, अनंत राम समेत लक्ष्मीकांत दीक्षित के परिवार के लोग व क्षेत्रीय नागरिकों ने हर-हर महादेव का जयघोष कर उन्हें विदा किया।
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