Ayodhya Ram Mandir: पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मूर्मु के पत्र का दिया जवाब, कहा- एक और अयोध्या अपने मन में लेकर लौटा हूं

नई दिल्ली, BNM News : Ayodhya Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक और अयोध्या अपने मन में लेकर लौटे हैं और वह ऐसी अयोध्या है, जो कभी उनसे दूर नहीं हो सकती। पीएम ने अपने मन की यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से कही है। मोदी ने यह भी कहा कि प्रभु श्रीराम के विचारों की शक्ति ही 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। उनका भव्य मंदिर हमें सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।

मोदी की 11 दिवसीय कठिन तपस्या की प्रशंसा की

 

राष्ट्रपति ने श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर पीएम को एक पत्र लिखकर भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना के लिए इस महान अवसर की महत्ता रेखांकित करते हुए मुख्य यजमान के रूप में मोदी की 11 दिवसीय कठिन तपस्या की प्रशंसा की थी। इसके उत्तर में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को लिखा -‘आपके पत्र के हर शब्द ने आपके करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर आपकी असीम प्रसन्नता व्यक्त की है। अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद आपको यह पत्र लिख रहा हूं, आपकी शुभकामनाओं और स्नेह का बहुत आभारी हूं।’ उन्होंने इस अवसर को अपना सौभाग्य और दायित्व भी बताया।

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पूर्णाहुति का संवाहक बनना बहुत भावुक क्षण था

 

पीएम ने 11 दिनों के व्रत-अनुष्ठान और यम-नियम की चर्चा का भी उल्लेख किया और कहा कि हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है जिन्होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्प व्रत किए ताकि रामलला अपने जन्मस्थान पर विराज सकें। पीएम ने लिखा-‘सदियों तक चले इन व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना बहुत भावुक क्षण था। 140 करोड़ देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात दर्शन, उनके रूप से साक्षात्कार और उनके स्वागत के वो क्षण अप्रतिम थे। वह क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और मैं इसके लिए सदैव कृतज्ञ रहूंगा।’

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एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की

पीएम ने अपनी अयोध्या यात्रा की अलग अनुभूति का उल्लेख करते हुए लिखा है कि जब आपका पत्र मिला था, तब मैं अलग ही भावयात्रा में था। आपके पत्र ने मुझे मेरे मन की इन भावनाओं को संभालने, उनसे सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया है। पीएम लिखते हैं कि मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं से विह्वल हो गया।’

गरीब कल्याण के लिए श्रीराम के विचार ऊर्जा देने वाले

 

राष्ट्रपति ने अपने पत्र में जनजातीय समाज के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना का उल्लेख किया। इस संदर्भ में पीएम ने उन्हें लिखा कि आदिवासी समाज से जुड़े होने के कारण आपसे ज्यादा अच्छे तरीके से कौन इसे समझ सकता है। हमारी संस्कृति ने हमेशा समाज के सबसे वंचित वर्ग के लिए काम करने की सीख दी है। पीएम जनमन जैसे कई अभियान आज देशवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। गरीब कल्याण के इन कार्यों के लिए प्रभु श्रीराम के विचार निरंतर ऊर्जा देते हैं। उन्होंने श्रीराम को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा भी बताया। पीएम ने लिखा कि इसी मंत्र का आज सर्वत्र परिणाम दिख रहा है। पिछले एक दशक में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।

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