हरियाणा महिला पुलिस थाने में हंगामे के बाद सपना शर्मा ने ससुरालियों पर लगाए गंभीर आरोप, पुलिस पर मिलीभगत का भी आरोप

हरियाणवी डांसर सपना शर्मा की 2 मार्च 2024 को शादी हुई थी।
नरेन्द्र सहारण, नारनौल : Haryana News: हरियाणा के नारनौल जिले के महिला पुलिस थाने में शुक्रवार को हुई हंगामेदार घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। इस घटना के बाद प्रसिद्ध हरियाणवी कलाकार सपना शर्मा ने मीडिया के सामने अपने विवाहिक जीवन और उसके दौरान हुई आपबीती का खुलासा किया। उन्होंने अपने पति कमल पर दहेज के लिए प्रताड़ना, मारपीट और मानसिक शोषण का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके मामले में मिलीभगत की है। इस रिपोर्ट में इस पूरे घटनाक्रम, पीड़िता के आरोप, पुलिस का पक्ष और मामले की जांच की जानकारी विस्तार से दी गई है।
विवाह और पारिवारिक संघर्ष: सपना शर्मा का अनुभव
सपना शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी शादी 2 मार्च 2024 को अटेली में हुई थी। शादी के दौरान उनके परिवार वालों ने अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार खर्च किया, जिसमें लगभग 25 लाख रुपये खर्च हुए। उन्होंने बताया कि शादी के तुरंत बाद ही उनके ससुराल वाले परेशान करने लगे। उनके अनुसार, ससुराल में उनकी स्थिति को लेकर अक्सर ताने दिए जाने लगे, और कई बार उनके साथ मारपीट हुई।
सपना का आरोप है कि शादी के कुछ ही दिनों बाद से ही उनके पति उन्हें दहेज के लिए परेशान करने लगे। उनके पति बार-बार उन्हें धमकाते और मारपीट करते। उनके जेठ और जेठानी भी उनकी परेशानियों में शामिल थे। सपना का यह भी कहना है कि उनके पति दूसरी महिलाओं की तस्वीरें दिखाकर उन्हें कहते थे कि ये उनकी दोस्त हैं।
सपना ने यह भी खुलासा किया कि शादी से पहले उनके इंस्टाग्राम और यू ट्यूब अकाउंट थे, जिनमें करीब 8.5 लाख फॉलोअर्स थे। ससुराल वालों ने उन्हें इन अकाउंट्स को डिलीट करने का आदेश दिया था ताकि शादी के बाद कोई दिक्कत न हो। उसने अकाउंट्स डिलीट कर दिए, लेकिन इसके बाद भी उनके जीवन में संघर्ष और अधिक बढ़ गया।
शारीरिक और मानसिक अत्याचार: गर्भपात और चोटें
सपना का आरोप है कि उनके साथ लगातार मारपीट और प्रताड़ना की वजह से पेट में चोटें आईं, जिससे उनका गर्भपात हो गया। उन्होंने बताया कि इस घटना के दौरान उन्हें काफी चोटें लगी थीं, और इस कारण उनका गर्भपात हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस संबंध में चार महीने पहले ही महिला थाने में शिकायत दी थी, लेकिन उस समय पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
सपना ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत के बाद कुछ काउंसिलिंग कराई, और शिकायत को एडीआर सेंटर भेजा गया। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस ने उनके पति और ससुरालियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस ने उनके मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई की है, और आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है।
पुलिस का पक्ष: निष्पक्ष कार्रवाई और जांच का आश्वासन
संपूर्ण मामले में पुलिस का पक्ष समझते हुए नारनौल डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि फरवरी में दी गई शिकायत के बाद तीन बार काउंसिलिंग कराई गई, और बाद में मामले को एडीआर सेंटर भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद, पुलिस ने आरोपितों पर उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार किया।
डीएसपी सुरेश कुमार ने स्पष्ट किया कि पुलिस ने निष्पक्षता से जांच की प्रक्रिया पूरी की है और अभी भी मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग का यह मानना है कि पूरी प्रक्रिया नियमों के अनुसार और निष्पक्षता से की गई है।
मीडिया में हंगामे का संदर्भ और आरोप-प्रत्यारोप
बुधवार को पुलिस थाने में हुई हंगामे की घटना के बाद मीडिया के सामने आई सपना शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में आवश्यक धाराएं नहीं लगाई हैं, और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
सपना का यह भी आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत उनके मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि यदि सही कार्रवाई होती, तो उन्हें इस तरह का संघर्ष नहीं करना पड़ता।
वहीं, पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि पुलिस ने पूरी निष्पक्षता से जांच की है। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत के आधार पर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है और आगे भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक और कानूनी परिदृश्य
यह मामला हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा, न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता और पारिवारिक विवादों के समाधान पर सवाल खड़ा करता है। सपना शर्मा के आरोप यदि सही हैं, तो यह एक चिंताजनक स्थिति है, जिसमें महिला को न्याय नहीं मिल रहा है। साथ ही, पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
मामले की जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्षता से हर पहलू की जांच कर रहे हैं। महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस तरह के मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई आवश्यक है, ताकि महिलाओं का भरोसा कायम रहे और उन्हें न्याय मिल सके।
न्याय की अपेक्षा और समाज में बदलाव का संदेश
यह घटना एक बार फिर स्पष्ट करती है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और घरेलू हिंसा के मामलों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। सरकार, पुलिस और समाज को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। सपना शर्मा की शिकायत, उनके आरोप और पुलिस की जांच से पता चलता है कि न्याय पाने का अधिकार हर महिला का मूल अधिकार है। यदि न्याय व्यवस्था निष्पक्ष और समय पर कार्यवाही करती है, तो महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति आश्वस्त हो सकती हैं। आशा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई होगी और पीड़ित महिला को न्याय मिलेगा, ताकि समाज में महिलाओं के प्रति विश्वास और सुरक्षा का माहौल बने।