अमेरिका ने सैन्य विमान से 104 भारतीयों को जबरन वापस भेजा, अवैध प्रवासन पर कड़ी कार्रवाई का परिणाम
अमृतसर, बीएनएम न्यूज : बुधवार को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ने अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दोपहर 1:55 बजे 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा। ये लोग अमेरिका में अवैध प्रवास के आरोप में डिपोर्ट किए गए हैं, और इनकी वापसी ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के तहत अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इस विशेष उड़ान में पायलट और अन्य 11 क्रू मेंबर के साथ 45 अमेरिकी अधिकारी भी शामिल थे। यह विमान सैन एंटोनियो, अमेरिका से उड़ान भरकर सीधे अमृतसर पहुंचा। हवाई अड्डे पर इन भारतीय नागरिकों के साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विमान के भारतीय धरती पर पहुंचते ही, सभी यात्रियों को हाथों में हथकड़ियां और कमर व पैरों में बेड़ियां बांधकर रखा गया था, लेकिन हवाई अड्डे पर उन्हें उतारने से पहले उनकी हथकड़ियां हटा दी गईं।
आयु 10 से 41 वर्ष के बीच
वापस भेजे गए 104 व्यक्तियों की सूची में 23 महिलाएं, 12 बच्चे और 79 पुरुष शामिल हैं। इनकी आयु 10 से 41 वर्ष के बीच है, जिनमें से 48 व्यक्तियों की आयु 25 वर्ष से कम है। इन नागरिकों में सबसे अधिक संख्या पंजाब और हरियाणा से है। पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, और चंडीगढ़ तथा उत्तर प्रदेश से 2-2 लोग शामिल हैं।
संबंधित राज्यों के लिए भेजा गया
अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद, कस्टम और इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने इन सभी यात्रियों के दस्तावेजों की गहन जांच की। सभी दस्तावेज सही पाए गए और किसी भी यात्री के संबंध में कोई संदिग्ध जानकारी सामने नहीं आई। सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच भी की गई और स्वस्थ पाए जाने के बाद उन्हें उनके संबंधित राज्यों के लिए भेजा गया।
डिपोर्ट होकर आए इन व्यक्तियों के लिए हवाई मार्ग से उनके घरों के लिए जाने की व्यवस्था की गई। जबकि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से लौटने वाले लोगों के लिए सड़क मार्ग से ले जाने की व्यवस्था की गई। हरियाणा के नागरिकों को एयरपोर्ट से हरियाणा पुलिस की बस द्वारा भेजा गया। पंजाब के नागरिकों को उनकी मंजिल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए विभिन्न जिलों की पुलिस की टीमें मौजूद थीं।
हवाई अड्डे पर डिपोर्ट किए गए भारतीयों के आगमन की सूचना एक दिन पहले ही प्राप्त हो गई थी, जिसके कारण एयरपोर्ट के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे। इस अवसर पर, पंजाब के एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होंने वापस भेजे गए कुछ युवाओं से बातचीत की।
यह घटना उन भारतीयों के लिए एक संदर्भ है, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती बढ़ी है, और यह मामला भी उस प्रवृत्ति का हिस्सा है। अमेरिका में रहने वाले कई भारतीय नागरिक कार्यप्रवासन और भिन्न-भिन्न कारणों से अवैध प्रवास में शामिल हो गए हैं।
इस स्थिति पर नजर डालें तो, यह स्पष्ट है कि अमेरिका सरकार ने अवैध प्रवास को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से अमेरिका में रहता है, तो उसके लिए कानून के दायरे से बाहर निकलकर स्वतंत्र रूप से जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में, अमेरिका सरकार उचित प्रक्रिया के तहत नागरिकों को उनके देशों में वापस भेजने का निर्णय ले सकती है।
वापसी यात्रा के दौरान, जो लोग स्वदेश लौटे उनसे बातचीत करने पर पता चला कि उन्होंने अमरीका में बेहतर जीवन की संभावनाएं तलाशने के प्रयास में अवैध प्रवास का सहारा लिया था। हालाँकि, अब जब वे भारत वापस आ गए हैं, तो कई के लिए यह स्थिति एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
यह घटना उन कई अन्य मामलों को भी उजागर करती है, जहाँ अवैध प्रवास से पीड़ित लोग देश लौटने को मजबूर होते हैं। इसके साथ ही, यह संदेश भी देती है कि अवैध प्रवासन का कोई स्थायी समाधान नहीं है और किसी भी देश की नीति के अनुसार पारदर्शिता और विधिपालन का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
अंततः, यह घटनाक्रम न केवल अमरीका में भारतीयों की स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि भारतीय नागरिकों को प्राधिकृत और लीगल माध्यमों से ही विदेशों में रोजगार और जीवनयापन के अवसर तलाशने चाहिए।
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