पूरी आढ़त ना मिलने को लेकर नाराज आढ़तियों की हड़ताल शुरू

नरेन्द्र सहारण कैथल। मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद प्रक्रिया सोमवार से शुरू होनी थी पर कोई भी किसान फसल लेकर नहीं पहुंचा। पूरी आढ़त देने की मांग पर आढ़तियों ने जिले की मंडियों में मार्केट कमेटी कार्यालय में धरना देकर हड़ताल रखी। विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने पांच अप्रैल तक गेहूं खरीद न करने का एलान भी किया है।

 

नाराज आढ़तियों का कहना है कि ऐसे ही मार्केट कमेटी कार्यालय में सुबह 10 से शाम चार बजे तक धरना देंगे। इससे पहले आढ़ती सरसों पर ढाई प्रतिशत आढ़त न देने से खफा हैं। वे पहले से सरसों की खरीद प्रक्रिया में हिस्सा नहीं बन रहे हैं।

 

 

 

आढ़तियों का कहना है कि पांच अप्रैल के बाद 10 दिन तक इंतजार करेंगे। यदि उनकी नहीं मांगी मानी तो गेहूं के सीजन में काम बंद कर देंगे। हड़ताल की अध्यक्षता मंडियों के प्रधान रामकुमार गर्ग, सोहन लाल ढुल और हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढती एसोसिएशन के जिला प्रधान अश्वनी शोरेवाला ने की।

 

जिला अध्यक्ष अश्वनी शोरेवाला ने कहा कि सरकार की ओर से अब व्यापारियों की मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। सरसों की फसल में भी आढ़तियों की ढ़ाई प्रतिशत तक आढ़त देने की मांग है, लेकिन वह नहीं दे रही। यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तो वे सीजन में सरकारी खरीद प्रक्रिया का पूरी तरह से बहिष्कार कर देंगे। यदि जरूरत हुई तो आढ़तियों की राज्य कार्यकारिणी के निर्देश पर चुनाव से 10 दिन पहले 15 मई से 25 मई फिर हड़ताल करेंगे।

 

उन्होंने बताया कि सरकार उनकी आढ़त 2.50 प्रतिशत होने के बावजूद उनको आढ़त कम दी जाती है। आढ़तियों की आढ़त कई सालों से सरकार ने 2.50 प्रतिशत मंजूर कर रखी है, परंतु इसके बावजूद उनके गेहूं पर 46 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान पर 45.88 रुपये प्रति क्विंटल दी जाती है, जो सरकार की ओर से तय की गई आढ़त से कम है।

 

उन्होंने बताया कि सरसों की फसल आढ़तियों के माध्यम से न खरीद कर सरकार सोसाइटी के माध्यम से करती है, जो आढ़तियों के साथ नाइंसाफी है। सरसों की फसल भी आढ़तियों के माध्यम से 2.50 प्रतिशत आढ़त देकर खरीद करनी चाहिए। इतना ही नही आढ़तियों की मांग न मानने पर वोट की चोट करने से भी पीछे नही हटेंगे।

 

 

 

इस मौके पर चेयरमैन राजीव लटका , पूर्व प्रधान श्याम लाल नौच , पूर्व चेयरमैन धर्मपाल कठवाड़ ,रामनिवास मित्तल, जयवीर ढांडा, देशराज बंसल, कैलाश चंद, धनीराम गर्ग, कृष्ण शर्मा, रणधीर चहल, प्रेम जैन, जयकिशन मान, ईश्वर जैन, सुनील आदि आढ़ती मौजूद रहे।

पाई अनाज मंडी में भी आढ़तियों का प्रदर्शन

 

पाई। पाई अनाज मंडी के आढतियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। आढ़तियों ने मांग की है कि सरकार गेहूं व धान की खरीद पर सरकार द्वारा मंजूरशुदा 2.50 प्रतिशत कमीशन दिया जाए। उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी से जारी लाइसेंस की अवधि जीएसटी की तरह लाइफ टाइम किया जाए। लगाई गई शर्त भी हटाई जाए।

 

उन्होंने बताया कि पाई मंडी के आढ़ती आज किसी कारणवश मार्केट कमेटी में नही जा सके, परंतु मंगलवार से मंडी के सभी आढ़ती मार्किट कमेटी के सामने जाकर धरना पांच अप्रैल तक प्रदर्शन करेगें। उन्होंने सरसों की सीधी खरीद करने पर भी एतराज किया।

 

इस अवसर पर मंडी प्रधान कृष्ण ढुल, पुर्व प्रधान रणधीर सिंह फौजी, राम कुमार, ईश्वर, रातपाल, चंद्रभान, जगतार, नवीन आदि उपस्थित थे।

 

प्रथम दिन नहीं पहुंची गेहूं तो नहीं हुई खरीद

 

पाई। मंडी में किसानों की गेहूं की फसल न आने के कारण खरीद के प्रथम दिन आज गेहूं की खरीद नही हो सकी। मंडी के सचिव जोगिंद्र सिंह पेसिया ने बताया कि इस समय गेहूं की फसल हरी है। इसको आने में अभी 10 दिन से अधिक का समय लग सकता है। बताया कि खरीद का कार्य पूर्ण कर लिया है। मंडी में किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई समस्या नही आने दी जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल पुरी तरह से सुखकर व साफ करके ही मंडी में लेकर आए, ताकि आते ही उनकी फसल बिक सके।

ढांड मंडी में भी नाराज आढ़तियों का धरना

ढांड। हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर ढांड मंडी आढ़तियों ने मार्केट कमेटी कार्यालय में दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।

 

धरने का नेतृत्व मंडी एसोसिएशन के प्रधान नरेश सहारण घराड़सी ने किया और एक मांग पत्र मार्केट कमेटी सचिव ढांड देवेंद्र को सौंपा। प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार आढ़तियों के कारोबार को समाप्त करने पर तुली हुई है। कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में आढ़तियों को अढ़ाई प्रतिशत आढ़त दी जाती थी लेकिन भाजपा की सरकार ने आढ़त को घटाकर गेहूं पर 46 रुपए प्रति क्विंटल व धान पर 45 रुपये 88 पैसे प्रति िक्वंटल कर दिया।

 

महंगाई के दौर में आढ़त को बढ़ाना तो दूर की बात उल्टे उसमें से भी कटौती कर जा रही है जोकि सरासर अन्याय है। जबकि विधायक,मंत्री, एमपी तथा सरकारी कर्मचारियों को वर्ष मेंं 2 बार महंगाई भत्ता देती है। फिर आढ़तियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार क्यों किया जा रहा है। प्रधान ने कहा कि जब सरकार का इसमेें भी गुजारा नही हुआ तो गत वर्ष अदानी साइलो में आढ़तियों के मार्फत बेची गई गेहूं की आधी आढ़त ही काट डाली। इससे तो साफ जाहिर होता है कि सरकार धीरे-धीरे आढ़तियों की आढ़त को ही खत्म कर डालेगी।

 

उन्होंने कहा कि आढ़तियों के परिवारों का गुजारा आढ़त के दम पर ही चलता है। लेकिन सरकार इसको खत्म करने पर तुली हुई है, ताकि आढ़ती बेरोजगार हो जाएं। प्रधान का कहना है कि एफसीआई द्वारा रोकी गई आधी आढ़त से नाराज आढ़तियों में रोष है। संवाद

सरकारी खरीद शुरू पहले दिन मंडी में नहीं पहुंच गेहूं

 

गुहला-चीका। एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। खरीद शुरू होने के पहले दिन चीका की अनाज मंडी में गेहूं बेचने के लिए एक भी किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचा। जिस प्रकार से अभी मौसम में ठंडक है उससे लगता है कि इस सप्ताह में गेहूं की आवक ना हो पाए।

 

मार्केट कमेटी के सचिव सतबीर राविश ने किसानों से अपील की है कि वे गेहूं की फसल को सुखाकर मंडी में लेकर आए, ताकि उनकी फसल समय से बिक सके। उन्होंने बताया कि खरीद का कार्य सरकार की खरीद एजेंसियां खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व हैफेड करेगी। बताया कि मंडी में पीने के पानी, सफाई, बिजली का पूरा प्रबंध किया गया है। उधर, किसान धर्मपाल, रामपाल, गुरनेक आदि ने बताया कि मौसम में नमी के चलते अभी गेहूं पकने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।

गेहूं की फसल आने में 10 दिन से अधिक का समय लग सकता है। किसानों को फसल बेचने में समस्या नही आने दी जाएगी। सोमवार को फसल न आने से खरीद न हो सकी। – जोगिंद्र सिंह पेसिया, मंडी सचिव, ढांड अनाज मंडी

 

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