Awadh Ojha Joined AAP: अवध ओझा ने थामा आम आदमी पार्टी का दामन, दिल्ली सरकार की शिक्षा क्रांति से हुए प्रभावित
नई दिल्ली। Awadh Ojha Joined AAP: शिक्षा और मोटिवेशनल क्षेत्र में अपने अनोखे अंदाज से युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल करने वाले अवध ओझा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होकर अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत की। दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में सदस्यता ग्रहण की। ऐसा माना जा रहा है कि ओझा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
शिक्षा क्रांति से प्रेरित हुए अवध ओझा
आम आदमी पार्टी में शामिल होते ही अवध ओझा ने अपने विचार साझा करते हुए दिल्ली सरकार की शिक्षा क्रांति की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे राजनीति के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का अवसर दिया। शिक्षा वह शक्ति है जो समाज, परिवार और राष्ट्र को दिशा देने का काम करती है।”
ओझा ने आगे कहा, “अगर मुझे राजनीति और शिक्षा में से किसी एक को चुनने का मौका मिले, तो मैं निश्चित रूप से शिक्षा को प्राथमिकता दूंगा। राजनीति में मेरी प्राथमिकता शिक्षा को बेहतर और सुलभ बनाना है।”
राजनीति में आने से पहले भाजपा से जुड़े थे चर्चे
खबरों के मुताबिक, अवध ओझा पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में थे और प्रयागराज से लोकसभा चुनाव के टिकट की दौड़ में भी शामिल थे। लेकिन उस समय उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिल पाया। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी का रुख किया।
अवध ओझा जी आम आदमी पार्टी में क्यों हुए शामिल❓
खुद उन्हीं से सुनिए👇#AvadhOjhaJoinsAAP pic.twitter.com/KvXFC1yn3N
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
आम आदमी पार्टी की उम्मीदें और ओझा की लोकप्रियता
आम आदमी पार्टी को विश्वास है कि ओझा के पार्टी में शामिल होने से उन्हें काफी फायदा होगा। सोशल मीडिया पर ओझा की बड़ी फैन फॉलोइंग है और उनकी शिक्षण शैली ने उन्हें युवाओं के बीच एक अलग पहचान दिलाई है। ओझा ने कई मौकों पर केजरीवाल और सिसोदिया की नीतियों की तारीफ की है, जो उनके आप में शामिल होने का एक महत्वपूर्ण कारण मानी जा रही है।
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी पहले से ही तैयारी में जुटी है। ऐसे में पार्टी कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका देने की रणनीति बना रही है।
कौन हैं अवध ओझा?
अवध प्रताप ओझा, जिन्हें लोग “ओझा सर” के नाम से जानते हैं, भारत के सबसे प्रसिद्ध शिक्षकों में से एक हैं। वे न केवल एक शिक्षक हैं, बल्कि एक मोटिवेशनल स्पीकर और यूट्यूबर भी हैं। यूपी के गोंडा जिले से ताल्लुक रखने वाले ओझा ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने का सपना देखा था। हालांकि, यूपीएससी में असफल रहने के बाद उन्होंने पढ़ाने को अपना करियर चुना।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
अवध ओझा की मां वकील थीं, जबकि उनके पिता पोस्टमास्टर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने के बाद, वे प्रयागराज (इलाहाबाद) चले गए। यहां उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की, लेकिन असफलता के बावजूद कभी हार नहीं मानी।
कोचिंग की शुरुआत
यूपीएससी में सफलता न मिलने के बाद ओझा ने इलाहाबाद के एक कोचिंग सेंटर में इतिहास पढ़ाना शुरू किया। उनकी अनोखी शिक्षण शैली ने जल्द ही उन्हें लोकप्रिय बना दिया। 2005 में, उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपना पहला यूपीएससी कोचिंग सेंटर शुरू किया। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और वे भारत के अग्रणी शिक्षकों में से एक बन गए।
यूट्यूब और सोशल मीडिया के जरिए सफलता
कोविड महामारी के दौरान, जब कोचिंग सेंटर बंद हो गए, तो ओझा ने अपनी पढ़ाने की शैली को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ले जाना शुरू किया। उनके यूट्यूब चैनल ने उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी वीडियो न केवल यूपीएससी के छात्रों बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी प्रेरणादायक साबित हुईं।
आर्थिक स्थिति और कमाई के स्रोत
अवध ओझा की नेटवर्थ में सबसे बड़ा योगदान उनके कोचिंग सेंटर्स से आता है। उनके कोचिंग सेंटर, “Avadh Ojha Classes,” के फाउंडेशन कोर्स की फीस 90,000 रुपये (ऑनलाइन) और 1,60,000 रुपये (ऑफलाइन) तक है। इसके अलावा, उनके यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं, जो उनकी कमाई का एक और महत्वपूर्ण स्रोत है।
मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में पहचान
ओझा सर के व्याख्यान केवल यूपीएससी छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक हैं, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। उनका कहना है, “शिक्षा ही वह माध्यम है जो असंभव को संभव में बदल सकता है।”
राजनीति और शिक्षा का संगम
ओझा सर का राजनीति में आना केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि उन लाखों छात्रों के लिए भी एक नई उम्मीद है, जो शिक्षा के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं। आम आदमी पार्टी का “शिक्षा सुधार” मॉडल और ओझा सर की शिक्षण शैली का संगम आने वाले समय में दिल्ली के राजनीतिक और शैक्षिक परिदृश्य को नई दिशा दे सकता है।
अवध ओझा का कहना है, “राजनीति में मेरा उद्देश्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाना है।” अब देखने वाली बात यह होगी कि ओझा सर की यह नई यात्रा उन्हें और उनके समर्थकों को कितनी ऊंचाइयों तक ले जाती है।
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