Ayodhya Ram Temple: प्राण प्रतिष्ठा के समय सिर्फ 5 लोग गर्भगृह में उपस्थित रहेंगे, जानें पीएम के अलावा कौन-कौन होंगे
अयोध्या, BNM News। Ayodhya Ram Temple: राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन गुरुवार को निर्माण की प्रगति पर चर्चा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति बनी। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के एक सप्ताह पहले राम मंदिर परिसर एसपीजी के हवाले हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के समय केवल 5 लोग गर्भगृह में उपस्थित रहेंगे। इनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत एवं प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के आचार्य होंगे।
मंदिर में रामलला की 1 मूर्ति ही स्थापित होगी
नवनिर्मित मंदिर में रामलला की 1 मूर्ति ही स्थापित की जाएगी, किंतु इसके लिए 3 मूर्तियों का निर्माण कराया गया है और जो श्रेष्ठतम होगी, उसे गर्भगृह में स्थापित किए जाने के लिए चुना जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन संभावित है। राम मंदिर निर्माण समिति की गुरुवार से शुरू हुई बैठक में प्रधानमंत्री के प्रोटोकाल के अनुपालन को लेकर पूरी गंभीरता से चर्चा की गई और राम मंदिर परिसर एसपीजी के हवाले करने की योजना को ध्यान में रख कर मंदिर के भूतल से जुड़ा समग्र निर्माण 15 जनवरी तक पूर्ण करने का संकल्प व्यक्त किया गया।
17 दिन में मंदिर के सारे काम पूरे होंगे
इन दिनों मंदिर के भूतल का फर्श, भूतल में प्रयुक्त स्तंभों पर मूर्तियों की नक्काशी आदि का काम चल रहा है। यानी यह काम पूरा करने के लिए 17 दिन का ही समय बचा है।
बैठक में तय किया गया कि इस अवधि तक यह सारे काम पूरे किए जाएं। रामजन्मभूमि परिसर स्थित कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में हुई बैठक के दौरान मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र सहित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य बिमलेंद्रमोहन मिश्र और डा. अनिल मिश्र सहित कार्यदायी संस्था के लोग उपस्थित रहे।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्या-क्या होगा
-प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह का पर्दा बंद रहेगा।
-मूर्ति की पट्टी हटते समय यही 5 लोग रहेंगे उपस्थित।
-रामलला के विग्रह को आईना दिखाया जाएगा।
– प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में प्रस्तावित दलपूजा के लिए आचार्यों की 3 टीमें बनाई गईं।
– पहले दल का नेतृत्व स्वामी गोविंददेव गिरि करेंगे।
– दूसरे दल का नेतृत्व शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती करेंगे।
– तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान शामिल किए गए हैं।