कैथल के सीवन पंचायत समिति चुनाव में बलविंद्र कौर बनीं चेयरपर्सन, बीजेपी को मिली जीत
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले की पंचायत समिति सीवन में सोमवार को हुए चुनाव में बीजेपी समर्थित बलविंद्र कौर को सर्वसम्मति से चेयरपर्सन चुना गया। यह चुनाव विपक्षी दलों के नामांकन न दाखिल करने के कारण बिना मतदान के ही संपन्न हो गया। इससे पहले, 12 नवंबर को कांग्रेस समर्थित पूर्व चेयरपर्सन मनजीत कौर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पद से हटाया गया था।
कैसे हुई चेयरपर्सन की नियुक्ति
सीवन पंचायत समिति में कुल 16 सदस्य हैं। आज, 23 दिसंबर को चेयरपर्सन पद के लिए चुनाव का आयोजन किया गया। बीजेपी के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर की भूमिका इस प्रक्रिया में निर्णायक रही। बाजीगर 12 सदस्यों को लेकर चुनाव स्थल पर पहुंचे, जहां बीजेपी समर्थित बलविंद्र कौर का नामांकन दाखिल किया गया।
चुनाव ईवीएम के माध्यम से होना था, लेकिन विपक्ष में किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया। कांग्रेस की तरफ से चुनाव में कोई रुचि नहीं दिखाई गई। भाजपा को चेयरपर्सन बनाने के लिए आवश्यक 16 में से 11 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी, जबकि भाजपा के पास पहले से ही 12 सदस्यों का समर्थन था। ऐसे में बलविंद्र कौर को सर्वसम्मति से चेयरपर्सन चुना गया।
पूर्व चेयरपर्सन मनजीत कौर को क्यों हटाया गया?
पंचायत समिति की पूर्व चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 12 नवंबर को पारित किया गया था। यह बैठक खंड कार्यालय सीवन में एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा की अगुवाई में हुई। इस दौरान 16 में से 13 सदस्य उपस्थित हुए, जिनमें से 12 ने मनजीत कौर के खिलाफ वोट दिया।
अविश्वास प्रस्ताव में शामिल सदस्य
मनजीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 11 सदस्यों ने शपथ पत्र दिए थे। इन सदस्यों में शामिल थे:
गुरविन्द्र सिंह (वार्ड नंबर 1)
भारती रानी (वार्ड नंबर 2)
सिन्द्र कौर (वार्ड नंबर 4)
राकी (वार्ड नंबर 6)
बलविंद्र कौर (वार्ड नंबर 8)
सौरव कुमार (वार्ड नंबर 9)
सोनू देवी (वार्ड नंबर 10)
सुरेन्द्र सिंह (वार्ड नंबर 11)
कर्मजीत कौर (वार्ड नंबर 12)
जोरा सिंह (वार्ड नंबर 13)
लाभ सिंह कसौर (वार्ड नंबर 15)
अविश्वास प्रस्ताव के बाद वाइस चेयरमैन लाभ सिंह कसौर ने चेयरपर्सन का कार्यभार संभाला था।
दल बदलने का असर
मनजीत कौर के पति बलजिन्द्र सिंह के दल बदलने का भी इस घटनाक्रम पर गहरा असर पड़ा। बलजिन्द्र सिंह पहले भाजपा के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया। इसके चलते, पंचायत समिति के सदस्यों का विश्वास मनजीत कौर से उठ गया। उन्होंने पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर के समर्थन की कोशिश भी की, लेकिन यह प्रयास विफल रहा।
कुलवंत बाजीगर की महत्वपूर्ण भूमिका
पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर इस पूरे घटनाक्रम में एक अहम भूमिका में नजर आए। उन्होंने बीजेपी समर्थित सदस्यों को संगठित किया और सुनिश्चित किया कि चेयरपर्सन पद पर बलविंद्र कौर की नियुक्ति हो। बाजीगर का समर्थन प्राप्त होने के कारण ही बीजेपी को पंचायत समिति में बहुमत हासिल करने में सफलता मिली। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कुलवंत बाजीगर का प्रभाव आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों में भी दिखाई दे सकता है।
कांग्रेस की निष्क्रियता
सीवन पंचायत समिति के इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी की निष्क्रियता ने कई सवाल खड़े किए हैं। न तो उन्होंने चेयरपर्सन पद के लिए कोई उम्मीदवार खड़ा किया, न ही इस प्रक्रिया में रुचि दिखाई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कांग्रेस की रणनीतिक असफलता को दर्शाता है।
भविष्य के संकेत
सीवन पंचायत समिति में बलविंद्र कौर का चेयरपर्सन बनना बीजेपी की एक बड़ी जीत है। इससे पार्टी के संगठन को基层 स्तर पर मजबूती मिलेगी। दूसरी ओर, कांग्रेस की निष्क्रियता और आंतरिक कलह पार्टी की कमजोर स्थिति को उजागर करती है।
मजबूत नेतृत्व और रणनीतिक योजना
कैथल के सीवन पंचायत समिति चुनाव ने क्षेत्र की राजनीति में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया है। बलविंद्र कौर की सर्वसम्मति से नियुक्ति यह साबित करती है कि मजबूत नेतृत्व और रणनीतिक योजना के जरिए राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि विपक्षी दलों की निष्क्रियता और आपसी मतभेद बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित करेगा बल्कि क्षेत्रीय और राज्यस्तरीय राजनीति पर भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
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