बसपा-सपा की सरकारों में खूब फले-फूले जौनपुर के बेदीराम, पेपर लीक स्कैंडल में नाम आने से मचा राजनीतिक भूचाल
जौनपुर, बीएनएम न्यूजः बेदी राम का नाम पेपर लीक मामले में आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है। जहां एक ओर कांग्रेस और सपा ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर बेदी राम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए इसे साजिश बताया है। इस मामले में जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना है।
गाजीपुर की जखनियां विधानसभा क्षेत्र से सुभासपा विधायक बेदी राम का नाम विभिन्न राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में आने के बाद राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस और सपा ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया है, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है।
धनबल से जौनपुर में पत्नी को बनाया ब्लाक प्रमुख
बेदी राम का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है। वे बसपा और सपा की सरकारों में अपने आपराधिक कृत्यों के चलते खूब फले-फूले। धनबल के बल पर उन्होंने अपनी पत्नी को ब्लाक प्रमुख बनवाया और सपा-सुभासपा गठबंधन से विधायक भी बने। 2014 में सपा सरकार के दौरान एसटीएफ ने उनकी अकूत संपत्तियों का काला चिट्ठा तैयार कर सरकार को सौंपा था, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जौनपुर निवासी बेदीराम पर दर्ज है कई मुकदमें
बेदी राम मूलरूप से जौनपुर के जलालपुर निवासी हैं। उनका ठिकाना लखनऊ के गोमतीनगर में है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेलवे की नौकरी से की थी, और इसी दौरान वे बैकडोर भर्ती कराने के दलदल में फंस गए। उनके खिलाफ पहली बार 2006 में बसपा सरकार के दौरान लखनऊ के कृष्णानगर थाने में मुकदमे दर्ज हुए। इसके बाद 2008 से 2014 के बीच गोमतीनगर और आशियाना में भी मुकदमे दर्ज हुए। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी एसटीएफ ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे।
वहीं बेदीराम का चुनाव आयोग को दिया गया शपथपत्र-3 राज्यों में पर्चा लीक के 8 मुकदमों सहित कुल 9 मुकदमों का विवरण दिया गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कई थानों में विधायक बेदी राम पर केस दर्ज है वह पेपर लीक मामलों में जेल भी गए थे। अब बेदी राम के वायरल वीडियो के बाद ये शपथ पत्र जिस पर उनके खुद के दस्तखत हैं, वायरल हैं।
कब कब कहां दर्ज हुआ था मुकदमा
- 2006 में कृष्णा नगर लखनऊ में एसओजी और एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया
- 2008 में गोमती नगर लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया
- 2009 में एसओजी जयपुर राजस्थान में मुकदमा दर्ज कराया
- 2014 में एसटीएफ और एसओजी भोपाल मध्य प्रदेश में मुकदमा दर्ज कराया
- 2014 में आशियानाबाद लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया
- 2010 में मड़ियाहूं में मुकदमा दर्ज कराया
- 2021 में जलालपुर में मुकदमा दर्ज कराया
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प्रदेश के बाहर भी होने लगी हैं चर्चाएं
जौनपुर के केराकत तहसील क्षेत्र के कुसियां निवासी बेदीराम पिछले कई वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग करके परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए जाने जाते थे। हालांकि कभी भी सीधे पैसा लेते नहीं देखे गए। 2006 में रेलवे का पेपर लीक कराने के मामले में पहली बार नाम सामने आया।
लखनऊ के कृष्ण नगर में बेदी राम पर एसओजी और एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया था। यहीं, उनपर गैंगस्टर एक्ट लगा था। एक वर्ष भी नहीं बीता था कि रेलवे का पेपर लीक कराने में गोमती नगर में एक और मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद बेदीराम के नाम की चर्चाएं प्रदेश के बाहर भी होने लगी।
बेदीराम का राजनीतिक सफर
बेदी राम ने 2007 में वाराणसी के कोलअसला विधानसभा क्षेत्र से निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2010 में जौनपुर के जलालपुर ब्लाक क्षेत्र से पत्नी बदामा देवी और खुद रामपुर क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों हार गए। 2021 में वे अपनी पत्नी को जलालपुर ब्लाक से निर्दलीय ब्लाक प्रमुख बनाने में सफल रहे।
बेदीराम को लेकर ओमप्रकाश का वीडियो वायरल
बेदी राम के पेपर लीक स्कैंडल में फंसने के बाद सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे मंच से कह रहे हैं कि नौकरी पाने के लिए बेदी राम को कॉल करना। उनका कहना है कि बेदी राम नौकरी दिलाने में माहिर हैं। इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि भारत न्यू मीडिया नहीं करता, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि बेदी राम की छवि पर गंभीर आरोप हैं।
अमिताभ ठाकुर का राजभर पर सवाल
आजाद अधिकारी सेना के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर को बेदी राम के पेपर लीक के मामलों का पता था। परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए सरकार को मंत्री और विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
बेदी राम की प्रतिक्रिया
विधायक बेदी राम ने इन आरोपों को साजिश बताया है। उनका कहना है कि उनका पेपर लीक से कोई संबंध नहीं है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके विरोधियों के पास कोई ठोस सबूत नहीं है।
मैं दलित विधायक हूं। इस कारण विरोधी पार्टियां मुझे फंसाने में लगे हैं, आप जिस वीडियो की बात कर रहे हैं वो पुराना वीडियो है। यह वीडियो मैंने भी सोशल मीडिया पर देखा है वो फर्जी और एडिट करके चलाया जा रहा है। मैं ईमानदारी से काम कर रहा हूं।
राजभर ने सीएम योगी के बाद अमित शाह को दी सफाई
पेपर लीक मामले को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की मुसीबत बढ़ती जा रही है। गुरुवार को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेशी के बाद राजभर को दिल्ली तलब कर लिया गया। शुक्रवार को राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर के साथ दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर पेपर लीक मामले में अपनी सफाई दी। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेता राजभर की सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। वह इस मामले में जल्द बड़े ऐक्शन की तैयारी में हैं।
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