कैथल में बिजली निगम की 4.5 किमी लंबी तार चोरी के मामले में बड़ा खुलासा: यूपी के दो और आरोपी पुलिस गिरफ्त में, रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में बिजली निगम की 33 केवी लाइन से 4500 मीटर (4.5 किलोमीटर) लंबी सरकारी बिजली की तार चोरी करने के सनसनीखेज मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सीआईए-1 (क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी-1) की टीम ने इस चोरी में शामिल दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं और घटना के बाद से फरार चल रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की पहचान उस्मान निवासी नूरपुर और मोमिन निवासी टोकपुर के रूप में की है। अदालत ने दोनों आरोपियों को गहन पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
यह मामला तब सामने आया था जब उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के एसडीओ (उपमंडल अधिकारी) कैथल ने थाना पूंडरी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, गांव नैना में 33 केवी बिजली की नई लाइन लगाने का कार्य प्रगति पर था। 27 अप्रैल को, अज्ञात व्यक्तियों ने इस निर्माणाधीन लाइन से उच्च क्षमता वाली एसीएसआर (एल्युमिनियम कंडक्टर स्टील रीइन्फोर्स्ड) कंडक्टर की लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी तार चोरी कर ली थी। इस चोरी की घटना से बिजली निगम को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था और क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती थी।
सीआईए-1 पुलिस ने दिल्ली से दबोचे फरार आरोपी
घटना की गंभीरता को देखते हुए, कैथल पुलिस ने मामले की जांच सीआईए-1 टीम को सौंपी थी। सीआईए-1 की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी और खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। अथक प्रयासों के बाद, पुलिस टीम ने दिल्ली में दबिश देकर फरार चल रहे दो मुख्य आरोपियों, उस्मान और मोमिन, को धर दबोचा। इन आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस को इस संगठित चोरी गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
चोरी में इस्तेमाल वाहन और तार बरामद
इस मामले में पुलिस को पहले भी सफलता मिली थी। प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस चोरी की वारदात में शामिल दो अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चोरी में इस्तेमाल की गई एक टाटा एस गाड़ी और चोरी की गई 1025 किलोग्राम तार भी बरामद कर ली थी। गिरफ्तार किए गए उन दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और वे वर्तमान में जेल में हैं।
आरोपियों से गहन पूछताछ के लिए मिला रिमांड
सीआईए-1 पुलिस ने गिरफ्तार किए गए नए दो आरोपियों उस्मान और मोमिन को अदालत में पेश किया और उनसे विस्तृत पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग की। अदालत ने पुलिस के तर्कों को स्वीकार करते हुए दोनों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब इन आरोपियों से चोरी की योजना, वारदात में शामिल अन्य साथियों और चोरी की गई बाकी तार के बारे में गहन पूछताछ करेगी। पुलिस को उम्मीद है कि इस पूछताछ से इस संगठित गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा और चोरी की गई शेष तार भी बरामद की जा सकेगी।
बिजली निगम को हुआ लाखों का नुकसान
गांव नैना से 4.5 किलोमीटर लंबी बिजली की तार की चोरी की इस बड़ी घटना से बिजली निगम को लाखों रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। इसके साथ ही, निर्माणाधीन बिजली लाइन का काम भी बाधित हुआ है, जिससे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति शुरू होने में देरी हो सकती है। इस घटना ने निर्माणाधीन परियोजनाओं और बिजली निगम की संपत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी मात्रा में तार की चोरी बिना किसी संगठित गिरोह की मिलीभगत के संभव नहीं लगती, और पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह में स्थानीय स्तर पर भी कोई शामिल है।
पुलिस की मुस्तैदी से अपराधियों पर शिकंजा
कैथल पुलिस, विशेष रूप से सीआईए-1 टीम, ने इस बड़े चोरी के मामले में जिस तत्परता और कुशलता से कार्रवाई की है, वह सराहनीय है। इतने कम समय में दो और आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार करना पुलिस की मुस्तैदी और पेशेवर दक्षता का प्रमाण है। पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ करके इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने और चोरी की गई पूरी तार बरामद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
बिजली निगम की अपील
बिजली निगम ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने आसपास बिजली की लाइनों या निगम की अन्य संपत्तियों के पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखें तो तुरंत पुलिस या बिजली निगम के अधिकारियों को सूचित करें। लोगों की सतर्कता और सहयोग से इस प्रकार की चोरी की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
आगे की कार्रवाई और जांच की दिशा
पुलिस अब गिरफ्तार किए गए आरोपियों से निम्नलिखित बिंदुओं पर गहन पूछताछ करेगी:
- चोरी की योजना कब और कैसे बनाई गई?
- इस वारदात में कितने लोग शामिल थे?
- चोरी की गई तार को कहां बेचा गया या ठिकाने लगाया गया?
- क्या इस गिरोह का पहले भी बिजली की तार चोरी की अन्य घटनाओं में हाथ रहा है?
- क्या इस गिरोह में स्थानीय स्तर पर भी कोई मददगार शामिल है?
- चोरी में इस्तेमाल किए गए अन्य उपकरण या वाहनों के बारे में जानकारी।
पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ के बाद इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और चोरी की गई शेष तार भी बरामद की जा सकेगी। पुलिस इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
बड़ी सफलता
कैथल में बिजली निगम की 4.5 किलोमीटर लंबी तार चोरी के मामले में दो और आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। यह दर्शाता है कि पुलिस संगठित अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और अपराधियों को कानून के शिकंजे से बचने नहीं दिया जाएगा। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ करके इस मामले की तह तक जाने और सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस घटना ने बिजली निगम की संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जरूर बढ़ाई हैं, लेकिन पुलिस की सक्रियता से उम्मीद है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। आम जनता का सहयोग भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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