Bihar Politics: बिहार की राजनीति के लिए अगला तीन दिन निर्णायक, हो सकता है बड़ा फेरबदल
नई दिल्ली, BNM News : Bihar Politics: बिहार की राजनीति में फिर हलचल है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बिहार के सीमांचल में प्रवेश के पहले बड़ी खलबली के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में सत्तारूढ़ दलों के बीच समन्वय की खामियां बाहर आने लगी हैं। राजद और जदयू में संवादहीनता और असहजता की स्थिति है। भाजपा-जदयू की बिखरी हुई पुरानी कड़ियां फिर से जुड़ने लगी हैं। परिवारवाद की राजनीति पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसी हथियार से विरोधी कुनबे पर प्रहार किया है। सारे पत्ते जोड़े जा रहे हैं तो नई कहानी आकार लेती दिखने लगी है।
रोहिणी आचार्य के पोस्ट ने बिगाड़ा सारा समीकरण
माना जा रहा है कि अगला दो-तीन दिन बिहार की राजनीति के लिए अति निर्णायक साबित होने वाला है। यदि ऐसा हुआ तो INDIA गठबंधन का पूरा विमर्श ही बिखर जाएगा, क्योंकि जदयू नेता नीतीश कुमार की ओर से ही इस विपक्षी खेमे की शुरुआत हुई थी। पिछले कुछ दिनों से जदयू और राजद के बीच असहजता, भाग-दौड़ और उथल-पुथल की गतिविधियों की सूची लंबी होने लगी है। इसी बीच, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक रूप से बेहद सक्रिय बेटी रोहिणी आचार्य के एक्स पर गुरुवार को धड़ाधड़ तीन पोस्ट ने दोनों खेमों के नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। ऐसा लगने लगा है कि सत्ता की कहानी में बहुत जल्द ही रवानी आने वाली है। हालांकि, बाद में रोहिणी ने अपने तीनों पोस्ट को डिलीट कर दिया। फिर भी हलचल कम नहीं हुई।
लालू-राबड़ी आवास में पसरा सन्नाटा
चर्चा है कि जदयू खेमे ने रोहिणी के उस पोस्ट को गंभीरता से लिया है, जिसमें कुछ अनहोनी जैसा संकेत किया गया था। इससे पहले गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद बाहर निकले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की खामोशी एवं लालू-राबड़ी आवास में पसरा सन्नाटा और शीर्ष नेताओं की आवाजाही स्थिति की गंभीरता का अहसास करा रही है। बिहार विधानसभा 2020 का चुनाव जदयू ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। दोनों ने सरकार भी साथ ही बनाई थी, लेकिन कुछ मुद्दों पर तल्खी के कारण लगभग 21 महीने बाद 10 अगस्त 2022 को जदयू ने भाजपा से नाता तोड़कर बिहार में राजद-कांग्रेस समेत सात दलों की सरकार बना ली।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद तनाव बढ़ा
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने की भी पहल की। लेकिन, इधर कुछ दिनों से महागठबंधन सरकार के दोनों बड़े दलों के रिश्ते असहज नजर आने लगे। दो दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद से दोनों के बीच तनाव की चर्चा भी तेज हो गई है। बहरहाल, सबको इंतजार है कि बिहार की राजनीति आगे कौन सी करवट लेती है। राजद और जदयू के रिश्ते का अंजाम क्या हो सकता है और भाजपा की अगली रणनीति क्या हो सकती है।
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