Budget Session 2024: परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकार लाएगी सख्त कानून

नई दिल्ली, BNM News : Budget Session 2024: प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। सरकार इसे सख्ती से रोकने के लिए जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी में है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी और कहा कि ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए सरकार ने नया कानून बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही बताया है कि परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से सरकार अवगत है।
परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए बनेगा नया कानून
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को सदन में पेश किया जा सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के सरकार के इस कदम को हाल ही में राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसके बाद इन सभी राज्यों में युवाओं का विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला था। राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने अभिभाषण में सरकार के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म को सामने रखा। इसमें पुराने 76 कानूनों को हटाने के साथ ही परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए बनाए जाने वाले नए कानून की जानकारी भी दी।
मोदी सरकार के प्रयासों से घटे ड्राप आउट रेट का भी किया जिक्र
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में शिक्षा सुधारों को लेकर उठाए गए कदमों और उससे आए बदलावों का भी जिक्र किया और बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को तेजी से लागू किया जा रहा है। इसमें मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इसके तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल और कानून जैसे विषयों की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में प्रारंभ कर दी गई है। साल 2014 तक देश में सात एम्स और 390 से भी कम मेडिकल कालेज थे, वहीं पिछले दशक में 16 एम्स और 315 मेडिकल कालेज स्थापित किए गए हैं।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रस्तावित किए गए 14 हजार से अधिक पीएम-श्री स्कूलों को खोलने पर काम किया जा रहा है। छह हजार से ज्यादा स्कूल शुरू हो गए हैं। उन्होंने स्कूलों में मोदी सरकार के प्रयासों से घटे ड्राप आउट रेट की भी जानकारी साझा की। साथ ही बताया कि इस बदलाव के पीछे बड़ी संख्या में बनाए गए पक्के घर भी है। इससे न सिर्फ परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा और गरिमा बढ़ी है, बल्कि इससे बच्चों की पढ़ाई भी बेहतर हुई है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर केंद्रीय विश्वविद्यालय कानून में संशोधन व तेलंगाना में खोले गए आदिवासी विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया।
सोमवार को पेश हो सकता है नया विधेयक
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को सदन में पेश किया जा सकता है। इसके तहत प्रतिस्पधी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितता पाए जाने पर अधिकतम 10 साल जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। इस बिल को हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित कानून का मकसद इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त संगठित गिरोहों, माफिया और लोगों पर शिकंजा कसना है। उनके साथ मिलीभगत करने वाले सरकारी अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
विधेयक में सार्वजनिक परीक्षाओं पर एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है जो कंप्यूटरीकृत आन परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। कुल मिलाकर विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है और युवाओं को आश्वस्त करना है कि उनके ईमानदार और वास्तविक प्रयासों को यूं ही बेकार नहीं जाने दिया जाएगा और उनका भविष्य सुरक्षित है।
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