Budhwa Mangal 2024: ज्येष्ठ माह के मंगलवार को क्यों कहा जाता है बुढ़वा मंगल, जानिए महत्व और पूजाविधि

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Budhwa Mangal Significance 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंगलवार के स्वामी श्री रामदूत हनुमानजी हैं। इसलिए हर मंगलवार को इनकी पूजा विशेष रूप से का जाती है। लेकिन सभी मंगलवारों में से ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार बहुत ही महत्वपूर्ण माने गए हैं। इन्हें बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। ऐसे में ज्येष्ठ के महीने में 4 बार बुढ़वा मंगल मनाया जाएगा। 28 मई के दिन पहला बड़ा मंगल होगा, इसके बाद 4, 11 और 18 जून को बड़ा मंगल है। आइए जानते हैं क्यों खास होते हैं ज्येष्ठ माह के मंगलवार।

इसलिए मनाया जाता है बुढ़वा मंगल

शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पहली बार भेंट हुई थी। इसी वजह से इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन की महिमा भी बहुत बड़ी है, माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। माना जाता है कि बड़ा मंगल को पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत यहीं से हुई थी।

एक अन्य कथा के अनुसार कुंती पुत्र भीम बहुत पराक्रमी थे। इस कारण भीम को अपने बल और शक्ति पर काफी घमंड हो गया था। भीम के इस अभिमान को तोड़ने के लिए राम भक्त हनुमान ने बूढ़े वानर के रूप में भीम को सबक सिखाया था। उन्होंने अपने बुजुर्ग स्वरूप में भीम को परास्त कर दिया था। मान्यता हैं कि वह दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था, इसलिए इसे बुढ़वा मंगल कहा जाता है।

हनुमानजी की पूजाविधि

मंगलवार को सूर्योदय से पूर्व उठकर पहले स्नान आदि करें और बाद में व्रत-पूजा का संकल्प लें। घर की पूर्व दिशा में लकड़ी की चौकी के ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं। हनुमानजी को रोली का तिलक लगाएं,अक्षत लगाएं और फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद एक-एक करके पूजन सामग्री चढ़ाते रहें। इच्छा अनुसार तुलसीदल डालकर हनुमानजी को भोग लगाएं।अब हनुमानजी के मंत्रों का जाप करें व अंत में आरती करें। इस प्रकार पूजा करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं।

  • बड़ा मंगल के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • साफ कपड़े पहनकर पूजा स्थल पर पहुंचे।
  • फिर हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा स्थल पर रखें।
  • इसके बाद उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत से भी स्नान कराएं।
  • अंत में साफ पानी से भी स्नान कराएं। फिर हनुमानजी की प्रतिमा के आगे घी का दीपक जलाएं।
  • इस दौरान बजरंग बली को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें।
  • हनुमान जी को पान जरूर चढ़ाएं। बाद में हनुमान जी की आरती करें।

हनुमान पूजा के लाभ

अगर बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं तो उनके बुद्धि, ज्ञान और बल में वृद्धि होती है। क्योंकि इस दिन ही हनुमान जी भगवान राम से मिले थे इसलिए हनुमान जी की पूजा के साथ ही श्रीराम का ध्यान या नाम जप भी इस दिन आपको करना चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा के पाठ से भय से मुक्ति आपको मिलती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

क्यों कहा जाता है बुढ़वा मंगल ?

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है। इस दौरान हनुमान जी की पूजा करना बेहद शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुढ़वा मंगल को महाभारत के समय से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि भीम को अपनी शक्तियों पर अधिक घमंड हो गया था। इस घमंड को दूर करने के लिए बजरंगबली ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण कर भीम को हराया था। तभी से इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा।

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