कनाडा की एक और हरकत, छात्र वीजा योजना की बंद, जानें भारतीय छात्रों पर क्या होगा असर?

ओटावा, प्रेट्र : भारत से चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच कनाडा सरकार ने टूरिस्ट वीजा पर सख्ती के बाद अब फास्ट ट्रैक स्टडी वीजा स्कीम एसडीएस को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। भारत सहित 14 देशों के विद्यार्थी इस स्कीम से लाभान्वित हो रहे थे। कनाडा सरकार का कहना है कि हम दुनिया के सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना चाहते हैं। इसलिए कुछ देशों के लिए शुरू हुई स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) को बंद करने का निर्णय लिया गया है। अब दुनियाभर के सभी छात्र समान रूप से स्‍टूडेंट वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।’ वैसे कनाडा के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर ही पड़ने की संभावना है। कनाडा भारतीय छात्रों का पसंदीदा देश रहा है।

करीब 4.27 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ रहे हैं

 

स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) के तहत आवेदन करने वाले छात्रों के लिए इस योजना के तहत वीजा मिलने में बेहद कम समय लगता था और इसकी स्वीकृति दर भी अधिक थी। सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक्स पर घोषणा की थी क‍ि हम इस वर्ष 35 प्रतिशत कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट दे रहे हैं। अगले साल इस संख्या में 10 प्रतिशत की और कटौती की जाएगी। कनाडा सरकार द्वारा अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने के मसले पर उन्होंने पोस्ट में कहा- “इमिग्रेशन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक जरूर है लेकिन जब बुरे लोग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं तो हम कार्रवाई करते हैं।” उधर कनाडा में भारतीय उच्चायोग के अनुसार, भारत विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत देश है। करीब 4.27 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ रहे हैं।

इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (आइआरसीसी) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि कनाडा सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अध्ययन परमिट के लिए आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष पहुंच देने के लिए प्रतिबद्ध है। आठ नवंबर को दोपहर दो बजे तक प्राप्त आवेदनों पर ही एसडीएस के तहत विचार किया जाएगा। इसके बाद के सभी आवेदनों पर रेगुलर स्‍टडी परमिट स्ट्रीम के तहत आगे की कार्यवाही की जाएगी।

कनाडा सरकार ने 2018 में यह स्कीम शुरू की थी

 

प्रवासी छात्रों को त्वरित रूप से वीजा देने के लिए कनाडा सरकार ने 2018 में यह स्कीम शुरू की थी। इसके तहत भारत के अलावा एंटीगुआ और बारबुडा, ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम के विद्यार्थियों को त्वरित प्रभाव से छात्र वीजा मुहैया कराया जा रहा था। यही नहीं, कनाडा सरकार ने नाइजीरिया के छात्रों को नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस (एनएसई) योजना को भी शुक्रवार को खत्म कर दिया। मूविंग टू कनाडा पोर्टल ने कहा कि एसडीएस के तहत भारतीय छात्रों के आवेदन 20 व्यावसायिक दिनों के भीतर फाइनल कर दिए जाते थे। अब इसमें आठ सप्ताह तक का समय लग सकता है। यहां बता दें कि देश में अगले साल चुनाव हैं, ऐसे में एसडीएस स् ीम बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।

5 लाख पंजाबियों को एक माह में ही लौटना होगा

 

कनाडा सरकार की ओर से विजिटर वीजा में बदलाव का सबसे ज्यादा असर पंजाब के लोगों पर पड़ेगा और उन्हें अब छह महीने के बजाय एक महीने में ही वहां से लौटना होगा। यही नहीं, अगर उन्हें दोबारा कनाडा जाना है तो हर बार बीजा के लिए आवेदन करना होगा और इसके लिए अतिरिक्त फीस भी देनी होगी। एक अनुमान के अनुसार ट्रैवल एजेंट वीजा अप्लाई के लिए फाइल तैयार करने के 50 से 60 हजार रुपये लेते हैं। ऐसे में लोगों हो हर बार यह राशि खर्च करनी होगी।

बता दें कि पंजाब से हर वर्ष करीब पांच से छह लाख लोग विजिटर वीजा पर कनाडा घूमने जाते हैं। कनाडा सरकार की ओर से पहले दस वर्ष का विजिटर वीजा दिया जाता था और वहां पर व्यक्ति छह महीने तक रह सकता था। ऐसे में कई लोग वहां विजिटर वीजा पर जाने के बाद वर्क परमिट लेकर छह महीने काम करते थे और फिर लौट आते थे। यही नहीं कई ऐसे भी थे जोकि वहां पर काम करते-करते पीआर हासिल कर वहीं के नागरिक बन जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। अब उन्हें छह महीने के बजाय एक महीने में ही वहां से लौटना होगा। ऐसे में पंजाबियों का कनाडा में स्थायी रूप से बसने का सपना भी अब अधूरा रह जाएगा।

कनाडा का वीजा लगाकर रख लेते थे कई पंजाबी

कनाडा वीजा एक्सपर्ट सुखविंदर नंद्रा व दविंदर कुमार बताते हैं विजिटर वीजा का समय दस वर्ष खत्म होने पर पंजाबियों पर अधिक असर पड़ेगा। वर्ष 2023 की बात करें तो कनाडा ने 12 लाख लोगों को वीजा जारी किया था। इनमें से 55 प्रतिशत पंजाबी थे। उन्होंने बताया कि कई पंजाबी पासपोर्ट पर कनाडा का वीजा लगाकर रख लेते थे। कनाडा का वीजा लगा होने की वजह से यूएसए का वीजा जल्द मिलने के आसार होते हैं और इसी के चलते वे यूएसए का वीजा हासिल कर लेते थे।

 

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