Chandigarh News: बेसहारा पशु और कुत्ते के हमले से मौत पर मिलेगा मुआवजा, हाई कोर्ट के आदेश पर लागू हुई स्कीम
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Chandigarh News: कुत्ते के हमले या बेसहारा/जंगली जानवर की चपेट में आने से किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में दो लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। वहीं कुत्ते के काटने से घायल होने पर मुआवजा दांत की संख्या और घाव को देखते हुए तय होगा।
मुआवजा तय करने के लिए कमेटी गठित
कुत्तों के काटने और बेसहारा जानवरों से घायल होने पर मुआवजा तय करने के लिए प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी गाय, बैल, गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस जैसे जानवरों के साथ अन्य जंगली, पालतू पशुओं से घटित होने वाली घटनाओं या दुर्घटनाओं के संबंध में किए गए दावों के लिए भुगतान किए जाने वाले मुआवजे का निर्धारण करेगी।
मंगलवार को यूटी सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक में इस विषय पर लंबी चर्चा के बाद प्रशासक ने कमेटी को हरी झंडी दे दी। मुआवजे का दावा और सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद कमेटी को चार महीने में पीड़ित को मुआवजा राशि जारी करनी होगी। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने 18 अगस्त 2023 को ऐसे मामलों में मुआवजा दिए जाने के आदेश प्रशासन को दिए थे। अब इन आदेशों के बाद हुए मामलों में मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है। अभी मुआवजा के लिए नगर निगम ने 20 लाख फंड रखा है। अगले वर्ष इसे बढ़ाया जाएगा। साथ ही संबंधित विभाग भी मुआवजे के लिए भागीदार होगा।
मुआवजे के लिए दावा पेश करने की प्रक्रिया
मृत्यु की स्थिति में : मृत्यु प्रमाण पत्र, आवारा पशु/कुत्ते के काटने से हुई दुर्घटना के कारण मृत्यु को दर्शाने वाली एफआइआर/डीडीआर की प्रति।
स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में : बेसहारा पशु/ कुत्ते के काटने से हुई दुर्घटना को दर्शाने वाली एफआइआर/डीडीआर की प्रति। जब से इस मामले में मुआवजा देने के हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं उसके बाद जारी चिकित्सा प्राधिकरण से स्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र (70% या उससे अधिक की स्थायी विकलांगता दर्शाता हुआ)। अस्पताल से छुट्टी का सारांश।
चोट लगने की स्थिति में
घटना/दुर्घटना को दर्शाने वाली एफआइआर/डीडीआर की प्रति। चोट के प्रकार, उसकी गंभीरता और किए गए खर्च को दर्शाने वाली चिकित्सा रिपोर्ट/ उपचार दस्तावेज। दावे की वास्तविकता और दावेदार की पहचान स्थापित करने के लिए आवश्यक समझा जाने वाला कोई अन्य दस्तावेज। समिति दावे की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकती है।
मुआवजे का विवरण
मृत्यु की स्थिति में : मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में : मुआवजा दो लाख रुपये होगा। स्थायी अक्षमता के लिए सक्षम चिकित्सा प्राधिकरण की प्रमाणिकता देनी होगी।
चोट लगने की स्थिति में : संबंधित नीति में निर्धारित अधिकतम राशि के अधीन समिति मुआवजा निर्धारित करेगी।
कुत्ते के काटने के मामलों में, मुआवजा ऐसे तय होगा
– प्रति दांत के निशान पर न्यूनतम 10 हजार रुपये।
– घाव 10.2 सेमी तक है तो न्यूनतम 20 हजार रुपये, जहां मांस त्वचा से अलग हो गया हो।
प्रक्रिया और समय-सीमा
घटना/दुर्घटना की तारीख से तीन महीने के भीतर दावा दायर किया जाना चाहिए। समिति तथ्यों की पुष्टि करेगी और संबंधित विभागों/एजेंसियों से उनकी राय मांगेगी। मुआवजे का भुगतान सीधे पीड़ित या कानूनी उत्तराधिकारी के बैंक खाते में किया जाएगा। दावों और अपेक्षित दस्तावेजों को प्राप्त करने के चार महीने के भीतर मुआवजा दे दिया जाएगा।
प्रशासक ने इस कमेटी को दी मंजूरी
मुआवजा तय करने के लिए डीसी की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी। एसएसपी ट्रैफिक, एसडीएम, सेक्रेटरी स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी, जीएमएसएच-16 के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट इस कमेटी के सदस्य हैं और एडिशनल या ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम कमेटी के कनवीनर होंगे। आठ अतिरिक्त सदस्यों को भी कमेटी में शामिल किया गया है लेकिन इन मेंबर्स को केस के हिसाब से कमेटी में शामिल किया जाएगा। डिप्टी कंजर्वेटर आफ फारेस्ट यूटी, मेडिकल आफिसर आफ हेल्थ नगर निगम, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (बीएंडआर) नगर निगम, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सीपी डिविजन-2, ज्वाइंट डायरेक्टर एनिमल हस्बेंड्री, नेशनल हाइवे पर दुर्घटना मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर या उसका प्रतिनिधि, जिस विभाग के अधीन इस तरह का हादसा हुआ उससे संबंधित एग्जीक्यूटिव आफिसर या प्रतिनिधि और जरूरत पड़ने पर कमेटी किसी भी संबंधित विभाग के सदस्य को भी शामिल कर सकती है।
प्रति दांत के हिसाब से मिलेगा मुआवजा
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने लावारिस व पालतू कुत्ते के काटने के मामले में प्रति दांत के निशान पर 10 हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही मांस नोचने की स्थिति में प्रति 10.2 सेंटीमीटर के लिए 20 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। मुआवजा राशि जारी होने में देर न हो इसके लिए हाई कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रशासन की जिम्मेदारी तय की थी। हालांकि इसे बाद में संबंधित विभागों या दोषियों से वसूल किया जा सकेगा।
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