Chandigarh: ढाई साल के मासूम बेटे का गला दबाया, फिर बेड बॉक्स में बंद कर मार डाला, दोषी मां को उम्रकैद की सजा
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Chandigarh News: अपने ढाई साल के मासूम बच्चे की हत्या करने वाली मां को जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सजा पाने वाली मां चंडीगढ़ के सेक्टर-45 स्थित गांव बुड़ैल की रहने वाली रूपा है, जिसे पुलिस ने चार साल पहले गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ सेक्टर-34 थाना पुलिस ने आइपीसी की धारा 302 व 201 के तहत केस दर्ज किया था। वहीं, उस पर अपनी कुछ महीनों की बेटी की भी गला दबाकर हत्या करने के आरोप थे, लेकिन ये आरोप अदालत में साबित नहीं हुए। ऐसे में अदालत ने उसे केवल बेटे की हत्या में दोषी करार दिया।
मां ने कबूली हत्या की बात
पुलिस ने रूपा वर्मा (29) के पति दशरथ की शिकायत पर ये केस दर्ज किया था। यह परिवार बिहार का रहने वाला है। रूपा का पति दशरथ पेशे से इलेक्ट्रिशन है।उसने पुलिस को बताया था कि जुलाई 2016 को उनकी शादी हुई थी, लेकिन शादी के बाद से दोनों में झगड़ा करते रहते थे। दशरथ का आरोप था कि शुरुआत से ही पत्नी के साथ विवाद रहता था। क्योंकि पत्नी घर का काम नहीं करती थी। झगड़ा इतना बढ़ गया कि रूपा ने उसके दोनों बच्चों की हत्या कर दी।
दशरथ ने बताया कि 2017 में बेटे दिव्यांशु वर्मा का जन्म हुआ, जबकि 2019 में बेटी कोमल पैदा हुई थी। कोमल की 21 दिसंबर 2019 को मौत हो गई थी। उस वक्त दशरथ घर पर नहीं था और रूपा ने उसे फोन कर बेटी की मौत के बारे में बताया था। हालांकि तब दशरथ को लगा था कि उसकी बेटी की मौत किसी बीमारी से हुई थी, लेकिन बाद में उसने रूपा पर बेटी की हत्या के भी आरोप लगाए थे। उसने यह भी आरोप लगाया था कि वह मेरे पूरे परिवार को खत्म करना चाहती थी और पिछले साल दिसंबर में उसने परिवार के सभी लोगों को खत्म करने की कोशिश भी की थी। रूपा से पूछताछ में उसने बच्चे की हत्या की बात कबूल की थी।
मुंह में दस्ताने डालने से घुटा दम
केस के मुताबिक 25 जनवरी 2020 को रूपा ने बेटे दिव्यांशु को मारने के लिए उसके मुंह में दस्ताने डाले, जिससे उसका दम घुट गया। फिर उसे बेड के बॉक्स में बंद कर दिया। रूपा वारदात को अंजाम देकर फरार हो गई। दशरथ जब घर लौटा और उसने कुछ कपड़े निकालने के लिए बेड खोला तो अंदर बेटे का शव पड़ा था। उसने इस बारे में पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शिकायत मिलने पर जांच शुरू कर दी। वारदात के कुछ घंटों बाद पुलिस ने रूपा को गिरफ्तार कर लिया। उसने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
कब्र से बच्ची का शव निकाल किया पोस्टमॉर्टम
दशरथ की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची कोमल की हत्या की भी जांच शुरू कर दी। 30 जनवरी 2020 को पुलिस ने जिला अदालत के आदेश पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सेक्टर-25 के कब्रिस्तान से बच्ची का शव कब्र से बाहर निकाला। उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची की भी गला दबाकर हत्या की गई थी। हालांकि ये हत्या रूपा ने ही की थी। इसका पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था। जबकि बेटे दिव्यांशु की हत्या को साबित करने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत थे।
सरकारी वकील ने दी ये दलील
सरकारी वकील जेपी सिंह ने दोषी रुपा के खिलाफ केस लड़ा। एडवोकेट जेपी सिंह ने अदालत में दलील दी कि एक मां जिसने अपने बच्चे को जो ठीक से बोल नहीं सकता था, उसे दर्दनाक मौत दी। उसके ऐसे कृत्य से मां और बच्चे का रिश्ता कलंकित हुआ है। दोषी महिला किसी भी तरह से रहम की हकदार नहीं है, इसलिए उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ताकि समाज में ऐसे अपराध कभी भी न हो।
जानवर भी बच्चों की रक्षा करते हैं : जज
अपने बच्चे की हत्या करने वाली मां के खिलाफ जिला अदालत की एडिशनल सेशंस जज डा. हरप्रीत कौर ने फैसला सुनाया। उन्होंने जजमेंट में लिखा कि दुनिया में मां ही एकमात्र रिश्ता है जिसे बच्चे की देखभाल करने की दिव्य जिम्मेदारी दी गई है। कम से कम जब तक बच्चे अपना बचाव करने में सक्षम नहीं हो जाते वे तब तक बच्चों की देखभाल करती है। यहां तक कि जिन जानवर भी अपने बच्चों की रक्षा के लिए इस पवित्र कर्तव्य का पालन करते हैं। जबकि उनमें कोई समझ नहीं है और उनकी सीमित चेतना है। वे भी अपनी कमजोर और रक्षाहीन संतानों की देखभाल करते हैं। वर्तमान मामले में आरोपी पर उसके दो बच्चों की हत्या का आरोप लगाया गया है और उसे एक अपराध करने का दोषी भी पाया गया है।
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