Delhi Pollution: द‍िल्‍ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बरकरार, आज सुबह से ग्रेप तीन की सख्‍त पाबंदियां लागू

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज : Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता अब ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 428 तक जा पहुंचा है, जिससे दिल्ली देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर बन गया है। इस बिगड़ती स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने शुक्रवार सुबह 8 बजे से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत सख्त प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। साथ ही, निर्माण सामग्री को ले जाने वाले वाहनों और संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा।

बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल वाहनों पर प्रतिबंध

 

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए, बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और नोएडा जैसे इलाकों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, ऐसी अंतरराज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-4 मानकों के अनुसार नहीं हैं। प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अनुमान के मुताबिक, इन नियमों के चलते दिल्ली में लगभग पांच लाख वाहन सड़कों पर नहीं उतर पाएंगे, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

कक्षा पांचवीं तक के सभी स्कूल बंद

इस संकट से निपटने के लिए, दिल्ली सरकार ने कक्षा पांचवीं तक के सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने घोषणा की है कि इन कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराई जाएगी। हालांकि, अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल पहले की तरह खुले रहेंगे। यह कदम बच्चों को प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सुधार के बजाय और गिरावट

दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही, और स्थिति में सुधार के बजाय और गिरावट दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का AQI गुरुवार को 424 तक पहुंच गया, जो बुधवार के 418 से भी अधिक था। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले छह दिनों तक वायु गुणवत्ता में बहुत अधिक सुधार की उम्मीद नहीं है। मौसमी परिस्थितियां, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, और पराली जलाने का धुआं इस स्थिति को और बदतर बना रहे हैं।

AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया

सीपीसीबी के अनुसार, प्रतिकूल मौसम की स्थिति जैसे अत्यधिक कोहरा और शांत हवाएं प्रदूषण को फैलने नहीं दे रही हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इसी को देखते हुए CAQM की उप समिति ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक की, जिसमें प्रदूषण से निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। मौसम विभाग और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक घना कोहरा छाया रहा, जिससे सुबह 8 से 9:30 बजे तक दृश्यता लगभग शून्य हो गई। इस वजह से प्रदूषण के कण हवा में ठहर गए, और AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।

कई अन्‍य प्रतिबंध भी लागू

GRAP-3 के तहत कई अन्य प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं। पेंटिंग, पॉलिशिंग, और वर्निशिंग जैसी गतिविधियों पर रोक रहेगी। सड़क निर्माण और बड़े मरम्मत कार्यों को भी फिलहाल रोक दिया गया है। किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य से जुड़े मलबे को हटाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। धूल पैदा करने वाले सामान जैसे सीमेंट, राख, ईंट, बालू, और पत्थर की लोडिंग-अनलोडिंग पर पाबंदी होगी। वेल्डिंग और गैस कटिंग जैसी गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है। नई पानी की लाइन बिछाने, सीवर लाइन डालने, ड्रेनेज निर्माण, और भूमिगत केबल बिछाने जैसे कार्यों को भी फिलहाल रोक दिया गया है।

मेट्रो के 20 अतिरिक्त फेरे लगाने की घोषणा

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने प्रदूषण के कारण लोगों की आवाजाही में होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। मेट्रो सेवाओं को और अधिक सुगम बनाने के लिए डीएमआरसी ने 20 अतिरिक्त फेरे लगाने की घोषणा की है। पहले से ही GRAP-2 के तहत 40 अतिरिक्त फेरे बढ़ाए जा चुके हैं, और अब यह संख्या बढ़कर कुल 60 हो जाएगी। इन उपायों के जरिए मेट्रो में भीड़भाड़ को कम करने की कोशिश की जाएगी, ताकि सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जा सके और लोग निजी वाहनों का कम उपयोग करें।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने जताई चिंता

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली लौटने के बाद राजधानी की भयावह स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने वायनाड से दिल्ली वापस आने को ‘गैस चैंबर में प्रवेश करने’ जैसा बताया। प्रियंका ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण हर साल गंभीर रूप धारण कर रहा है, और इस समस्या का समाधान केवल सामूहिक प्रयास से ही संभव है। वायनाड की स्वच्छ हवा और AQI 35 की तुलना में दिल्ली का प्रदूषण कहीं अधिक खतरनाक है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि यह समस्या राजनीति से परे एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों, और सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए।

कड़ी निगरानी की जरूरत पर जोर

प्रदूषण से निपटने के लिए CAQM ने भी कड़ी निगरानी की जरूरत पर जोर दिया है। मशीनों के जरिए सड़कों की सफाई तेज करने और व्यस्त ट्रैफिक के घंटों से पहले सड़कों पर पानी के छिड़काव की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सड़कों से इकट्ठा की गई धूल का निस्तारण भी सही तरीके से करने को कहा गया है। सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और लोगों को निजी वाहनों के इस्तेमाल से बचने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार, प्रशासन और नागरिकों के लिए यह एक गंभीर चुनौती है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार मिल सके।

 

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